🔥 टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिला मुख्यालय से सटे ग्राम नेतनगर में नहर मुद्दे को किसान आंदोलन का रूप देने की मंशा की पाले एवं किसानों को बरगलाने, भड़काने की खातिर रायगढ़ के कुछ नेता तरीके लोगों को एक काम मिल गया है। यह लोग सुबह उठकर तैयार होकर नाश्ता, पानी, भोजन कर नेतनगर का रुख कर लेते हैं और दिन ढलने तक पेड़ों की छांव में बैठकर अपनी राजनीति बनाए रखने के लिए भोले भाले ग्राम वासियों के बीच बैठकर सरकार, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों के कान भरने के कार्य में पूरा दिन बीताकर अपने घर लौट आते हैं।
ग्राम नेतनगर वासी कृषक ने बतलाया की नहर विवाद को किसान आंदोलन का रूप देने की खातिर आग में घी डालने रोजाना उनके गांव कुछ लोग आते हैं। जिनके द्वारा जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, कांग्रेस सरकार, मंत्री उमेश पटेल, रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक के खिलाफ जहर उगला जाता है। जबकि उक्त लोगों की गांव में ना जमीन है ना खेती-बाड़ी है और ना ही गांव से कोई वास्ता है, ना ही यह लोग ग्रामीण है और ना ही कृषक है, ना ही इनकी जमीनों में नहर खुदाई की जा रही है। सरकार के द्वारा नहर खुदाई के लिए जो जमीन अधिकृत की जाएगी उसका उचित मुआवजा दिया जाना है। नहर बनने के बाद उसमें पानी आए या ना आए यह सरकार के लिए सोचनीय होना चाहिए क्योंकि जिस तरह से पूर्व में रबि फसल उगाई जाती थी उसी तरह भविष्य में भी फसल उगाई जा सकती है। यदि गांव में बाहर के लोग आकार ग्रामीणों के कान भरेंगे तो भविष्य में ग्रामीणों के द्वारा कान भरने वाले नेताओं, व्यक्तियों को गांव में घुसने से रोका जाएगा।
ग्रामीण ने यह भी बतलाया की जिस रोज गांव को पुलिस छावनी में तब्दील का ग्रामीणों की गिरफ्तारी की जा रही थी और उनकी खड़ी फसलों को जेसीबी से रौंदा जा रहा था तब तथाकथित सहानुभूति देने वाले चेहरे नदारद क्यों हो गए थे ? जब गिरफ्तार ग्रामीण भूखे प्यासे अस्थाई जेल के आई टी में थे तब उनकी सुधि लेने कांग्रेस एवं भाजपा के नेता, मीडिया वाले क्यों नहीं आए थे ? रायगढ़ की सांसद गोमती साय ग्रामीणों की मांग पूछने एवं उनका हाल-चाल जानने के लिए अब तक उनके ग्राम नेतनगर क्यों नहीं आई ? एवं उनका कोई भी प्रतिनिधि अब तक क्यों नहीं आया ?