🔥 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ पूर्व में श्री राम शोभा यात्रा आयोजन समिति की बैठक में किसी ने सट्टेबाजों से चंदा ना लेने की बात बोलकर सदन में सन्नाटा ला दिया था। बैठक में उपस्थित सभी लोग उसकी बातों से सहमत दिखलाई दिए थे। इसके बाद टूटी कलम के द्वारा विरोध करते हुए अपना समाचार लोगों तक पहुंचाया गया था की पांडवों के द्वारा जुआ में पांच पतियों वाली पत्नी द्रोपदी के हार जाने के पश्चात क्या पांडवों का समाजिक बहिष्कार किया गया था। जुआ सट्टा एक सामाजिक बुराई है ना कि अपराध है। सट्टेबाज किसी को पीले चावल देकर सट्टा खेलने के लिए आमंत्रित नहीं करते हैं। सट्टा हार जीत का एक व्यवसाय है। व्यवसाय में नफा नुकसान सहन करना कुशल व्यवसाई की पहचान होती है। खिलाड़ी के द्वारा सट्टे में लाखों रुपए जीत जाने पर किसी की सहानुभूति खाईवाल के प्रति नहीं होती है और ना ही खाईवाल के द्वारा कोई घातक कदम उठाया जाता है। वहीं अगर खिलाड़ी सट्टे में रकम हार जाता है तो पूरा समाज खिलाड़ी के पक्ष में खड़े होकर सट्टा खाईवाल का विरोध करने लगते हैं। देखा यह जाता है कि जो लोग सट्टा का विरोध करते हैं उनके द्वारा बंद कमरे में बैठकर सट्टे की सौदेबाजी की जाती है और सट्टा का विरोध वही लोग ज्यादा करते हैं जो सट्टे के खेल में सम्मिलित रहा करते हैं। ताकि वे समाज में समाजसेवी कहलाकर ऊंची गर्दन कर अपनी शान कायम रख सकें।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के नामचीन कहलाए जाने वाले हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सट्टा का व्यवसाय करने वाले सबसे रामनवमी के नाम पर मोटा चंदा लिया गया है साथ ही जिस मार्ग से शोभा यात्रा निकलेगी वहां के चौक चौराहों की समितियों के द्वारा भी अलग से चंदा लिया गया है। व्यवसायियों ने 31 तारीख से शुरू होने जा रहे बड़े सट्टे का खेल आईपीएल की वजह से प्रभु श्री राम की सेवा में चंदा देने में कोई कोताही नहीं बरती गई। बतलाया गया है कि फोन के माध्यम से मुंह मांगा चंदा लिया गया है। जिसकी रसीद शायद नहीं दी गई है। रामनवमी शोभायात्रा में क्या सट्टा खेलने वाले या खिलाने वाले शामिल नहीं होंगे। अगर सट्टा व्यवसाय पूरे शहर में होल्डिंग्स बैनर पोस्टर लगवा देंगे तो उन्हें कौन रोक सकता है एवं उनके द्वारा जगह जगह पर शोभा यात्रा का स्वागत रसगुल्ला, गुलाब जामुन, रसमलाई,आइसक्रीम, कुल्फी, ठंडाई, शरबत, मिल्क रोज,समोसे,आलू चाप मूंग बड़ा,उड़द बड़ा के द्वारा किए जाने पर कौन उनका बहिष्कार या खाने से इनकार करेगा। यदि कोई करता भी है तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि सट्टा व्यवसायियों के द्वारा प्रत्येक चौक चौराहों की समितियों को चंदा दिया गया है एवं विशाल भंडारा के लिए भी यथाशक्ति सहयोग दिया गया है।
क्या ऐसा हो सकता है की रामनवमी के शुभ अवसर पर सट्टा खेलने वाले या खिलाने वाले इससे तौबा करने के लिए सौगंध राम की खा कर यह व्यवसाय छोड़ सकते हैं।