™️ टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ शहर के सावित्री नगर में हर साल लगने वाले मीना बाजार की जगह को लेकर पार्षदों की असहमति की बात नगर निगम ने अपने अभिमत में कही है. जहां एक तरफ मीना बाजार संचालक को 22 पार्षदों एवं एल्डरमैन का समर्थन प्राप्त है तो वही दूसरी ओर भाजपा के पार्षदो ने मौन स्वीकृति दे रखी है।लेकिन हम बताना चाहेंगे कि नगर निगम के निर्वाचित पार्षद व एल्डरमेन चाहते है कि इस बार भी जन्माष्टमी मेला उसी सावित्री नगर में लगे जंहा बीते 9 साल से लगता आ रहा है। नगर निगम ने पार्षदों की सहमति नही मिलने की बात तो कही है लेकिन आपत्तिकर्ता पार्षद कोंन है यह नही बताया है। अब जब 22 पार्षद व एल्डरमेन को मीना बाजार सावित्री नगर में लगने से कोई आपत्ति नही है. तो इन सभी के सहमति पत्र के साथ मीना बाजार के संचालन की अनुमति मिलने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। उधर बीजेपी पार्षद के साथ मिलकर जिन लोगो ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी उसमें भी कोर्ट ने एसडीएम को सक्षम अधिकारी बताते हुए मीना बाजार के संचालन को लेकर कोई भी ऑर्डर नही किया है। बल्कि कोर्ट में पर्याप्त जगह नही होने का का हवाला देते हुए जो जनहित याचिका दायर की गई थी उसमें जगह की कमी से सम्बंधित कोई भी दस्तावेज कोर्ट को नहीं दिए गए थे ऐसे में जिला प्रशासन के सक्षम अधिकारी के अधिकारक्षेत्र को हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखते हुए बेहद सटीक बात कही है। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने के बाद कोर्ट में मामला लंबित होने का हवाला देते हुए भाजपा कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सावित्री नगर मीना बाजार स्थल पर संचालक द्वारा समान रखे जाने का विरोध किया था जिसके बाद नगर निगम की ओर से जमीन के मालिक व मीना बाजार के संचालक को नोटिस भी जारी हुआ था।जबकि किसी की निजी जमीन पर यदि कोई भी समान रखा गया है तो इसपर निगम के द्वारा नोटिस देने का ये मामला भी अपने आप मे बिल्कुल अलग ही है। सावित्री नगर की उस जमीन पर कोई गैरकानूनी काम नही हो रहा है और न ही कोई आपत्तिजनक समान रखे गए है लेकिन फिर भी नगर निगम ने नोटिस जारी किया। एक तरफ सावित्री नगर में हर साल लगने वाले मीना बाजार के संचालन को लेकर 22 पार्षदों व एल्डरमेन ने लिखित सहमति दी है तो वन्ही दूसरी तरफ एक भाजपा और एक कंग्रेसी पार्षद मिलकर सावित्री नगर में मीना बाजार नही लगाए जाने जी जान से जुटे है। इसके लिए वे नगर निगम और कलेक्ट्रेट ही नही हाईकोर्ट तक पहुंच गए। रायगढ़ के लिए ये बात वैसे तो बहुत ही फायदे की है कि किसी एक काम के लिए तो भाजपा और कांग्रेस में एकराय दिख रही है लेकिन भैया इतनी एनर्जी इतना एफ़र्ट यदि ये दोनों पार्टी के नेता मिलकर जनहित के मुद्दों पर लगाते तो शायद हमारे शहर की तासीर कुछ और ही होती। जिस तरह अपने निजी स्वार्थ को लेकर दोनो ही पार्टी के पार्षद एक है।
पिछले 9 साल से लग रहे मीना बाजार के समय वही स्थिति थी जो वर्तमान में है बल्कि इस बार सावित्री नगर जाने की सड़क का कंक्रीट करण हो चुका है. टूटे-फूटे रेलवे अंडर ब्रिज का कार्य प्रगति पर है। यदि 1 साल के भीतर सड़क की दुर्दशा हुई है तो उसकी जवाबदेही वार्ड पार्षद की होती है। रेलवे ट्रैक पार करके मीना बाजार देखने जाने आने पर वे स्वतंत्र होते हैं। जिसके लिए मीना बाजार पर दोषारोपण नहीं किया जा सकता। मीना बाजार लगदे के स्थान पर लगभग 300 चार पहिया वाहनों की पार्किंग है इसलिए पार्किंग व्यवस्था का मुद्दा भी गैर वाजिब है। मीना बाजार लगने से आसपास के क्षेत्र वासियों के व्यवसाय फल फूल जाया करते है। रोजगार के साधन उपलब्ध हो जाया करते है।






























