🎤 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़. गरीबों के बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार द्वारा तरह-तरह के नारे दिए जाते हैं एवं लंबे चौड़े आश्वासन दिए जाते हैं जो बाद में रद्दी की टोकरी में चले जाते हैं. शासकीय स्कूलों की दुर्दशा के जिम्मेवार वार्ड के पार्षद के अतिरिक्त अन्य कोई नहीं होता है. पार्षद का कार्य होता है .वार्ड वासियों को स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क आदि की पूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाना. उच्चाधिकारी हर किसी जगह पर नहीं पहुंच सकते हैं किंतु उनके संज्ञान में लाया जा सकता है ताकि क्षेत्रवासियों को कि किसी तरह की असुविधा ना हो सके.

रायगढ़ शहर की नामी शासकीय स्कूल ललित पाठशाला अपने परिचय की मोहताज नहीं है। जिसे सारे शहर वासी जानते हैं। यहां शिक्षा प्राप्त करने अधिकांश मध्यम एवं गरीब तबके के बच्चे प्रवेश लिया करते हैं। इस स्कूल में बहुत बड़ा खेल मैदान है जिसे तथाकथित लोगों के द्वारा फ्लाई एस डलवा कर मैदान को उबड़ खाबड़ बना दिया गया है। पूरा खेल मैदान तालाब का रूप धारण कर लिया है। जिस वजह से बच्चों को स्कूल आने जाने का मन नहीं करता है। प्राचार्य, शिक्षक, शिक्षिकाओं को अपने मोटे वेतन से ही मतलब रहता है। पानी भरे रहने की वजह से स्कूल में अघोषित अवकाश रहता है। जिला प्रशासन को चाहिए की मैदान का समतलीकरण करवा कर पानी निकास की व्यवस्था करवाई जानी चाहिए। अन्यथा अन्य स्कूलों की तरह से ललित पाठशाला का नाम भी विलुप्त हो जाएगा और किसी धन कुबेर के द्वारा कब्जा कर रिहायशी फ्लैट्स बनाकर बेच दिए जाएंगे.






