🌀टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ .. बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव, रायगढ़ रेंज के डीआईजी रामगोपाल गर्ग, रायगढ़ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, धरमजयगढ़ एस डी ओ पी दीपक मिश्रा, नगर पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार सहित रायगढ़ साइबर सेल के एक्सपर्ट के द्वारा लगातार 36 घंटे जागते हुए कर मेहनत करते हुए एक्सिस बैंक के डकैतों की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। यह पूरी टीम एक क्रेटा कार पर फोकस किए हुए थे। झारखंड रजिस्ट्रेशन की उक्त कार रायगढ़ में देखे जाने के बाद उड़ीसा के झारसुगुड़ा में देखी गई थी। जो पुनः रायगढ़ आकार कोरबा,कटघोरा,होते हुए अंबिकापुर,रामानुजगंज में देखी गई। कर की ट्रेस में जुटी टीम के द्वारा इसकी सूचना बलरामपुर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह को देकर कार को पकड़ने के लिए मदद गांगी गई थी। बलरामपुर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह ने अपने अधीनस्थों से उक्त कार को किसी भी हालात में पकड़ने के आदेश जारी कर दिए. रामानुजगंज पुलिस ने नाका बंदी करते हुए. उक्त संदिग्ध कार को रोक लिया गाय। जिसमे बैठे दोनो लोगो को गिरफ्तार करते हुए। जब कार की तलाशी ली गई तो कार में नगद रकम और सोने के आभूषण देखकर। पुलिस वालो के होश उड़ गए। कार में बैठे दोनो युवकों से जब हिकमत अली से पूछताछ की गई। तो उन्होंने उक्त रकम रायगढ़ के एक्सिस बैंक से डकैती करके लगा बतलाया गया। थोड़ी और सेवा सुश्रेवा करने पर उन्होंने बतलाया कि एक ट्रक पीछे आ रही है जिसमें तीन लोग हैं और उसमें भी नगद रकम एवं गहने रखे हुए हैं। नाके पर तैनात बलरामपर पुलिस के टी आई संतलाल अयान,बी एन शर्मा, नारायण दत्त तिवारी ने जब ट्रक को रोका गया तो उसमें सवार दो लोग कूद कर भाग गए। ट्रक ड्राइवर से पूछताछ करने पर अपनी अनिभिग्या जाहिर की गई। ट्रक की तलाशी लेने पर ऊपर केबिन में प्लास्टिक के बोरे में बैग भरे हुए पाए गए । जिनकी जांच करने पर उनमें से भी नोटों के बंडल एवं जेवरात निकलने लगे। जो दो लोग ट्रक से कूद कर भागे थे उसकी सूचना रायगढ़ साइबर सेल को दी गई तब रायगढ़ साइबर सेल ने अंबिकापुर पुलिस से मदद मांगते हुए आरोपियों को पकड़ने के लिए कहा गया। अंबिकापुर पुलिस के द्वारा बस के माध्यम से झारखंड भाग रहे दोनो आरोपियों को बस से उतार कर बलरामपुर पुलिस को सुपुर्द कर दिया। पांच आरोपी मयमाल, क्रेटा कार,पुरानी ट्रक को पकड़ते ही रायगढ़ पुलिस पीछे-पीछे पहुंच गई. जहां उन्होंने एक्सिस बैंक बलरामपुर के कर्मचारियों को बुलाकर उसके सामने नोटों की गिनती एवं स्वर्ण आभूषण का वजन करवा कर आरोपियों को रायगढ़ लाया गया. यहां पर बलराम पुलिस की तारीफ करनी होगी कि यदि वे थोड़ी भी देर कर देते या कोताई बरत देते तो फिर झारखंड सीमा से प्रवेश कर शेर घाटी गया पहुंच जाते और वहां से माल का बंटवारा करके अलग-अलग निकल जाते फिर उनको पकड़ना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर हो जाता.
छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी डकैती ने पुलिस को हिला कर रख दिया.. 5 करोड़ 62 लाख रुपए की डकैती की खबर पूरे प्रदेश सहित अन्य प्रांतों में भी आग की तरह से फैल गई। जिसने भी सुना उसने डकैतों की हिम्मत को सहराया गया और पुलिस की छीछा लेदर करने से पीछे नहीं हटे थे। दिन अगले दिन जब डकैतों के पकड़े जाने की खबर तेजी से फैली तो सब के मुंह बंद हो गए।
तेज तर्रार आई अजय यादव ने संभाला मोर्चा बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अजय यादव ने पुलिस कंट्रोल रूम रायगढ़ को अपना कैंप बना लिया था। जिसमें बैठकर डीआईजी रायगढ़ रामगोपाल गर्ग, रायगढ़ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार, साइबर सेल के पर्येक्षण अधिकारी दीपक मिश्रा, डीएसपी निकिता तिवारी, नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय, साइबर सेल की टीम सहित डकैतों की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। जिसकी जानकारी तुरंत ही नजदीक के थाने में प्रेषित कर दी जाती थी। इसी क्रम में बढ़ते बढ़ते रायगढ़ जिला पुलिस डकैतों का पीछा करते-करते रामानुजगंज पहुंच गई। जहां से लूटी हुई धनराशि, स्वर्ण आभूषण क्रेटा कार,ट्रक 5 आरोपियों सहित रायगढ़ लाया गया। सारे आरोपी शेरघाटी गया (बिहार) के रहने वाले हैं।
आईजी अजय यादव ने बिलासपुर संभाग के तेजतर्रार डीएसपी,एसडीओपी थानेदारों, उप निरीक्षकों, प्रधान आरक्षकों,आरक्षकों, साइबर सेल के जवानों की लगभग 20 टीम गठित कर डकैतों को पकड़ने के साथ निर्देश देते हुए उन्हें सक्रिय कर दिया गया. निरीक्षकों सनिप रात्रे, मनीष नागर,कृष्ण कांत सिंह, अभिनव कांत सिंह,रामकिंकर यादव, प्रशांत राव अहेर,साइबर सेल से राजेश पटेल,
