🌀 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ जब स्वयं को रायगढ़ के तथाकथित समाजसेवी, यूथ आईकॉन,कद्दावर नेता,जननेता,कट्टर भाजपाई,वरिष्ठ,धन कुबेर, उद्योगपति, ठेकेदार,कहलाने वाले सभी रसूखदारों ने रायगढ़ से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चौधरी के चुनाव लड़ने के नाम की घोषणा होने के बाद सभी दिग्गजों ने आत्मसमर्पण करते हुए अपने चुनाव लड़ने की मंशा को खत्म कर अपने-अपने व्यवसाय में ध्यान देने में ही अपनी भलाई समझते हुए मचाए जाने वाला हो हल्ला शांत कर दिया गया. मारवाड़ी अग्रवाल समाज से टिकट न मिलने पर भी चुप्पी साध लेना हैरान कर देने वाला विषय है. अग्रवाल समाज से किसी को टिकट नहीं दी जाएगी इस विषय पर हमने सोशल मीडिया पर दो माह पूर्व ही अपनी भविष्यवाणी कर दी थी. यह भी लिख दिया गया था कि दोनों ही राजनीतिक पार्टियों के द्वारा अग्र समाज के किसी व्यक्ति को टिकट नहीं दी जाएगी. मुकाबला कांग्रेस के प्रकाश नायक एवं ओमप्रकाश चौधरी के बीच ही होगा.
नामांकन पत्र उपलब्ध होने की तारीख के बाद ऐसा लगने लगा था कि रायगढ़ विधानसभा से भाजपा के तथा कथित कद्दावर नेता बगावती बनकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं. मगर कद्दावर के डर से किसी ने भी हिम्मत जुटाने का साहस नहीं बंटोर पाया. सब भीगी बिल्ली बनकर दुबक गए और ऊपरी रूप से ओमप्रकाश चौधरी का समर्थन देते दिख रहे हैं परंतु उनके मन की भीतर की बात का परिणाम 3 दिसंबर को सामने आ जाएगा.
कोलता समाज की महिला भाजपा नेत्री जिला पंचायत सदस्य “गोपिका गुप्ता” निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का मां बनकर नामांकन पत्र खरीदा गया और शक्ति प्रदर्शन करते हुए जिला कार्यालय पहुंचकर नामांकन पत्र जमा करवाने सैकड़ो समर्थकों के साथ पहुंची थी. मगर तब तक नामांकन पत्र भरने का समय खत्म हो चुका था. इसलिए गोपिका गुप्ता के द्वारा सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल कर ओमप्रकाश चौधरी को खुली चुनौती दी जाएगी. गोपिका गुप्ता ने मीडिया से रूबरू होते हुए काफी दुखी मन से बतलाया कि महिलाओं के सम्मान की बात करने वाली भाजपा के द्वारा महिलाओं के साथ विश्वासघात किया गया है. वह पिछले 20 वर्षों से भाजपा कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के लिए कार्य करती आ रही है. उपयुक्त समय आने पर भाजपा के द्वारा ओम प्रकाश चौधरी को टिकट देकर रायगढ़ विधानसभा के भाजपा नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ छल कर दिया गया है. 2018 में खरसिया चुनाव हार चुके ओम प्रकाश चौधरी को रायगढ़ विधानसभा से टिकट देकर भाजपा ने अच्छा कार्य नहीं किया है. गोपिका ने बतलाया कि दो बार जिला पंचायत सदस्य निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनी जा चुकी है और चुनाव जीतने के बाद उसने भाजपा को समर्थन भी दिया था. वह पिछले साढ़े तीन वर्षों से अपनी उम्मीदवारी को लेकर पूर्ण रूप से आश्वस्त थी और लगातार जनसंपर्क करते हुए लोगों की समस्याओं को सुलझाने में लगी हुई थी एवम भाजपा सरकार की केंद्र की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचने में जुटी हुई थी. भाजपा के द्वारा लगातार कोलता समाज की अपेक्षा की जा रही है. जबकि चुनाव में प्रमुख भूमिका कोलता समाज की रहती है. वह किसी भी तरह का समझौता नहीं करने वाली है और ना ही मान मनौव्वल मानने वाली है. वह अपने समर्थकों मतदाताओं के सम्मान में चुनाव अवश्य लड़ेगी.








