🌀 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ . पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति पार्टियों की सेवा करते चले आ रहे अग्र समाज के लोगों में इस बार होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा एवं कांग्रेस से नाराजगी देखी जा रही है. जिसका मुख्य कारण एक मात्र यह है कि कई दशकों से प्रदेश स्तर की राजनीति में दखल रखने वाले इस समाज के किसी व्यक्ति को भाजपा एवं कांग्रेस दोनों से किसी को विधायकी का टिकट नहीं दिया गया है. जबकि अब तक इस समाज की चुनाव परिणाम को उलट फिर करने में अहम भूमिका रही है. पूर्व विधायक स्वर्गीय रामकुमार अग्रवाल प्रदेश में मंत्री रह चुके कृष्ण कुमार गुप्ता, स्वर्गीय रोशन लाल अग्रवाल के अतिरिक्त विजय अग्रवाल के द्वारा रायगढ़ विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. रायगढ़ नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर स्वर्गीय महावीर प्रसाद बेरीवाल स्वर्गीय मातुराम अग्रवाल,तो वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अजेश अग्रवाल के द्वारा अग्र गौरव कहलाने का हक पाया जा चुका है. इसके बावजूद अग्र समाज को नजर अंदाज कर देना समाज वालों के लिए अत्यंत पीड़ा जनक है.
गोपाल बापोडिया के पक्ष में समाज देगा अपनी सहमति. अत्यंत विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस दफे आम आदमी की पार्टी (आप) ने शहर में अपनी पहचान बन चुके गोपाल बापोडिया को टिकट देकर सनसनी मचा दी है. दोनों पार्टियों से नाराज चल रहे अग्र समाज को (आप) ने झाड़ू सिंबाल देकर तनिक राहत प्रदान की गई है. गोपाल को चुनाव चिन्ह मिलने और नामांकन भरने के बाद अग्र समाज के द्वारा गोपनीय बैठके कर गोपाल के पक्ष में समर्थन जुटाने पर विचार विमर्श किया जाने लगा है. सुत्र यह भी बताते हैं कि मतदान तिथि से पूर्व गोपाल को पूरी विधानसभा क्षेत्र में हाईलाइट कर ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं को लुभाने एवं वोट बैंको में सेंध लगाने की भरसक कोशिश की जाएगी. यदि अग्र समाज शहरी क्षेत्र के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में भी वोट प्राप्त कर लेगा तो भाजपा के लिए सबसे बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी क्योंकि इस समाज के लोगों को भाजपा समर्थित माना जाता है. भाजपा से जुड़े सुरेश अग्रवाल ने बतलाया कि समाज के लोगों के द्वारा मोबाइल संदेश से गोपाल अग्रवाल को समर्थन एवं वोट देने की अपील की जाने लगी है. उन्होंने यह भी बतलाया कि अग्र समाज के मतदाताओं को एका का मंत्र देते हुए चुनाव से पूर्व बड़ी रैली के माध्यम से गोपाल बापोडिया को पूरा शहर भ्रमण करवाया जायेगा ताकि उनको ज्यादा से वोट प्राप्त हो सके और भाजपा को अपनी करनी का स्वाद चखाया जा सके.
जी जी के बीच फंसे ओ पी. होने वाले चुनाव में भाजपा के ओ पी चौधरी बुरी तरीके से गिरते नजर आ रहे हैं. जहां भाजपा की कद्दावर महिला कार्यकर्ता गोपिका गुप्ता ने भाजपा पर महिलाओं को नजर अंदाज करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र भर कर सनसनी मचा दी. गोपिका किसी भी तरीके से किए जाने वाले मान मनौव्वल को खारिज कर अपने चुनाव लड़ने पर अडिग है. यदि वे किसी भी झांसे आकर अपना नामांकन पत्र वापस ले लेती है तो उनके समर्थकों ग्रामीण के बीच उनकी छवि पर दुष्प्रभाव पड़ेगा और भाजपा के द्वारा उनको कभी भी विश्वसनीय दृष्टि से नहीं देखा जाएगा समय आने पर उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप तय करते हुए संगठन से निष्कासन किया जा सकता है. दूसरी तरफ आम आदमी (आप) के चुनाव चिन्ह (झाड़ू) से गोपाल बापोडिया अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इस तरह से ओ पी चौधरी गोपिका (G) गोपाल (G) के फेर में गए (G) गए (G) बने हुए है.








