🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़…. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर बनने के पश्चात पहली रामनवमी आ रही है. मगर चुनाव आचार संहिता लगने की वजह से एग्जाम शोभा यात्रा निकलने पर संशय के बादल छाए हुए हैं. अगर देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी प्रभु श्री राम, भगवा की पहचान बन चुकी है. कांग्रेसी भी श्री राम शोभा यात्रा में उपस्थित रहते हैं परंतु उनके मन में जय जय श्री राम बोलने वाला अलग तरह अनुभूति होती है. यह चाहे अंतर आत्मा से भी जय श्री राम का उद्घोष करते हैं तो देखने वालों को बनावटी पन महसूस होता है. लोग समझते हैं कि कांग्रेस वाले स्वयं को सनातनी हिंदू बतलाने का प्रयास करते हैं. किसी को रत्ती भर गई है यकीन नहीं होता कि जय श्री राम का उद्घोष करने वाले कांग्रेसी कभी राम भक्त हो सकते हैं. प्रभु श्री राम भारतीय जनता पार्टी और सनातनी हिंदूओ की पहचान बन चुके है. भले ही राम मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हुआ है तब भी जानता राम मंदिर उत्पादन का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही देते है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हिंदुओं के वोट पाने के लिए नरेंद्र मोदी के द्वारा राम मंदिर का उद्घाटन कर मास्टर स्ट्रोक खेला गया है. यह कैसी विडंबना है भाजपा के द्वारा धर्म के नाम पर वोट मांगे क्या रहे हैं. जबकि देश के विकास,आर्थिक उन्नति, रोजगार, महंगाई, बढ़ती जनसंख्या, आदि के मुद्दो पर कोई चर्चा नहीं की जाती है.
रायगढ़ में निकलने वाली ऐतिहासिक श्री राम शोभा यात्रा को लेकर संशय के बदले लहरा गए हैं… आचार संहिता और लोकसभा चुनाव के समय पर श्री राम शोभा यात्रा निकालने के लिए श्री राम शोभा यात्रा आयोजन समिति के द्वारा स्थानीय अग्रसेन भवन, सुभाष चौक के हनुमान मंदिर, गोपाल भला के ट्रैक्टर शोरूम में बैठक आयोजित की जा चुकी है. जिसमे लोगों की उपस्थित देखाकर लगने लगा है. इस बार लोगों में शोभा यात्रा को लेकर उत्साह की कमी है. अभी तक शहर में श्री राम शोभा यात्रा से संबंधित कार्यक्रम के बैनर,पोस्टर,आदि दिखलाई नहीं दे रहे. श्री राम शोभा यात्रा की शुरुआत करने वाले आशीष ताम्रकार (गुड्डा) सरीखे लोग सक्रिय नहीं हुए है. वही 56 समाजों के द्वारा कोई तैयारीयां होते नहीं दिख रही है. श्री राम शोभा यात्रा आयोजन समिति के कर्ताधर्ता, पदाधिकारियों,कार्यकर्ताओं में भी पहले जैसा उत्साह नहीं दिख रहा है. शायद आयोजन समिति को इस बात का एहसास होगा की कांग्रेस के द्वारा चुनाव आचार संहिता, धारा 144, चुनाव नजदीक होने की दुहाई देते हुए, रो धोकर,हलकान होते हुए. निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन आयोग से शोभा यात्रा नहीं निकाले दिए जाने की खातिर मान मनौव्वल किया जा सकता है और न्यायालय का सहारा भी लिया जा सकता है. अब देखना यह है कि शोभा यात्रा पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन आयोग, न्यायालय के द्वारा क्या फैसला किया जाए.
वैसे यहां पर उल्लेख करना अति आवश्यक है की शहर के बड़े-बड़े समाज वाले श्री राम शोभा यात्रा में शामिल नहीं होते हैं. जैसे की ब्राम्हण, अग्र, सिख्ख, सिंधी, गुजराती, बंगाली,आदि समाज के लोग या तो शामिल नहीं होते और होते भी होंगे तो एकदम नहीं के बराबर संख्या में शामिल होकर खानापूर्ति कर दी जाती है. पुलिस बल कम होने एवं भव्य शोभा यात्रा को संभालने में अपनी असमर्थता जाहिर की जा सकती है.