टूटी कलम रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय, पाठको की पहली पसंद नंबर वन के पायदान पर न्यूज वेब पोर्टल “टूटी कलम” अपनी लोकप्रियता की वजह से छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने लगा है. संपादक निडर,निष्पक्ष,निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, असलियत से नाता रखने वाला, लेखक, चिंतक, विचारक, विश्लेषक, व्यंग्यकार,स्तंभकार,कलमकार, माता सरस्वती का उपासक, लेखनी का धनी, कलम का मास्टरमाइंड चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा रायगढ़ छत्तीसगढ़ 83192 93002…. जिला ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय अखबार दैनिक जन जागरण संदेश..
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़… चढ़ते सूरज को सभी नमस्कार करते हैं परंतु ढलते सूरज को नहीं, यह बात रायगढ़ की मीडिया पर सत प्रतिशत खरी उतरती है.जो मौका मिलते ही अपना पाला बदल दिया करते हैं. इसलिए ऐसे मीडिया वालों को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाना मूर्खता पूर्ण होगा. मीडिया जिसे एक स्वतंत्र क्षेत्र माना जाता है. वह इन दिनों राजनीति एवं नेताओं के आगे नतमस्तक हो चुकी है. रसूखदार, बड़े नेताओं की हां में हां मिलाना,उनके गुण गाना एवं उनकी गलतियों पर पर्दा डालना मीडिया की मजबूरी बन चुकी है. जिसका कारण कभी कभार दो,तीन हजार रुपए नेता के मीडिया मैनेजमेंट मेनेजर,कोल व्यवसाई के द्वारा चटुकार रूपी माइक थामने वालों को दिया जाना होता है. जिसका सबसे बड़ा उदाहरण देखा एवं पढ़ा गया है.
पूर्व मंत्री उमेश पटेल की सक्रियता को छुपाते हुए वर्तमान मंत्री को भगवान के रूप में प्रस्तुत किया गया है..… रायगढ़ जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन,की टीमों के साथ झारसुगुड़ा की भी टीम के अतिरिक्त यदि कोई सबसे ज्यादा सक्रिय रहा है तो वह है. खरसिया विधायक एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व शिक्षा मंत्री उमेश पटेल है. जिन्हें सूचना मिली कि छत्तीसगढ़ उड़ीसा के बॉर्डर पर नाव दुर्घटना हुई है और उसमें सबसे ज्यादा सवार खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम अंजोरी पाली के निवासी और रायगढ़ विधानसभा के पूर्वांचल क्षेत्र कोतरलिया,जामगांव के निवासी है. जिनकी संख्या लगभग 60 से ऊपर है. वे जिस नाव में सवार थे. वह नाव बीच मझधार में पलट गई है. जिसमें कई महिलाएं एवं बच्चे भी सवार थे. खबर सुनते ही बगैर वक्त गंवाए उमेश पटेल अपने गृह ग्राम नंदेली से घटनास्थल जा पहुंचे. जहां उनके द्वारा कलेक्टर पुलिस अधीक्षक से बातचीत करते हुए लगातार वस्तु स्थिति की जानकारी देर रात तक करते हुए घटनास्थल पर मौजूद रहे. रात में जब रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया और सुरक्षित बचे लोगों को बस के द्वारा उनके ग्राम भेजा गया उसके बाद उमेश पटेल नंदेली लौट आए. रात में आराम करने के बाद सुबह पुनः घटनास्थल पर पहुंच गए और जब 8 शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक भवन चांटी पाली (ओडिसा) भेज दिया गया. तो पूर्व शिक्षा मंत्री उमेश नंद कुमार पटेल चांटी पाली जा पहुंचे. जहां पोस्टमार्टम में देर होने की वजह से उमेश पटेल ने झारसुगुड़ा कलेक्टर से मोबाइल पर बात करते हुए सीख रही पोस्टमार्टम करवाने का निवेदन किया गया.
जब सभी 8 शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद उनके गृह ग्राम खरसिया विधानसभा के अंजोरीपाली भेजा गया तो उमेश पटेल अंजोरी पाली जाकर मृतकों के परिवार के साथ खड़े रहे और उनको हौसला देते रहे. उमेश पटेल बहुत गमगीन होकर दाहसंस्कार में शामिल हुए. उमेश पटेल की संवेदनशीलता सक्रियता की वजह से खरसिया विधानसभा के मतदाताओं के मन में उनके प्रति और अधिक लगाव बढ़ गया. लोगों के मुंह से कहते सुना गया कि जन प्रतिनिधि हो तो ऐसा हो,पुत्र अपने स्वर्गीय पिता नंदकुमार पटेल के नक्शे कदम पर चल रहे हैं एवं विधानसभा खरसिया के मतदाताओं को अपना परिवार से काम नहीं समझते हैं.