टूटी कलम रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय, पाठको की पहली पसंद नंबर वन के पायदान पर न्यूज वेब पोर्टल “टूटी कलम” अपनी लोकप्रियता की वजह से छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने लगा है. संपादक निडर,निष्पक्ष,निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, असलियत से नाता रखने वाला, लेखक, चिंतक, विचारक, विश्लेषक, व्यंग्यकार,स्तंभकार,कलमकार, माता सरस्वती का उपासक, लेखनी का धनी, कलम का मास्टरमाइंड चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा रायगढ़ छत्तीसगढ़ 83192 93002…. जिला ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय अखबार दैनिक जन जागरण संदेश..
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़….. 07 मई 2024 दिन मंगलवार को रायगढ़ लोकसभा के लिए प्रत्याशी चुनने हेतु वोट डाले जाएंगे. बम मुश्किल से 15 दिन भी बाकी नहीं रह गए हैं किंतु दोनों ही पार्टियों का चुनाव प्रचार प्रसार में भारी कमी देखी जा रही है. कांग्रेस प्रत्याशी के पास फंड न होने का मुद्दा है. मगर पिछले दो दशक से रायगढ़ लोक सभा सीट पर भाजपा के सांसद का दबदबा रहा है. पहले प्रक्रिया के वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं उसने बाद गोमती साय रायगढ़ लोकसभा के सांसद रहे है. इस बार दोनों ही सांसद विधायक बन गए हैं. इस वजह से नया प्रत्याशी राधेश्याम राठिया को टिकट दी गई है परंतु राधेश्याम का चुनाव जीत जाना इतना आसान नहीं है क्योंकि पूर्व सांसदों ने रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के लिए कोई ऐसा कार्य नहीं किया है की जिसके दम पर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके. राधेश्याम राठिया के लिए रायगढ़ लोकसभा से चुनाव जीत जाना आसान काम नहीं है. पूर्व सांसदों ने कुछ कार्य न करके राधेश्याम राठिया के लिए बहुत बड़ी खाई खोद रखी हैं.
इसी तरह विधानसभा चुनाव में 64,000 मतों से चुनाव जीते ओपी चौधरी 3 माह में ही जनता के बीच अलोकप्रिय हो चुके हैं. जिसका कारण उनकी चांडाल चौकड़ी अंत में “श” अक्षर वाले उमेश,गणेश,दुर्गेश,टिकेश है क्योंकि वे स्वयं ओम प्रकाश है .ओ पी का मीडिया मैनेजमेंट बहुत ज्यादा कमजोर साबित हो रहा है. जिसके द्वारा जिन लोगों को मैनेज किया जा रहा है उनकी स्वयं की कोई पूछ परख अपने ही घर पर नहीं है. केवल उन लोगों को मैनेज किया जा रहा है जो केवल अपने वोट पर ही समाचार लिख सकते हैं. चुनाव जीतने के बाद ओपी चौधरी जनता से दूरी बना लिए हैं. जो राधेश्याम राठिया के लिए हानिकारक सिद्ध होगा. विधानसभा चुनाव के पूर्व ओपी चौधरी ने जो अपना घोषणा पत्र जारी किया था. जिसमें से एक बिंदु पर भी अमल नहीं किया गया है इसलिए ओ. पी. चौधरी किस मुंह से मतदाताओं के सामने वोट मांगने सामने आ पाएंगे. अभी मात्र तीन माह ही बीते है एवं अभी 50 माह का समय सन 2029 का चुनाव होने में बाकी है. यदि ओ पी चौधरी को भविष्य में राजनीति में सक्रिय रहना है तो सबसे पहले अपने अगल-बगल की साफ सफाई करनी होगी. मीडिया मैनेजमेंट के लिए किसी जिम्मेदार व्यक्ति को कार्य सौपना चाहिए.जो स्वयं साफ सुथरी छवि वाला रहे ताकि कोयले की कालिख ओ पी तक न पहुंचे.काजल की कोठरी में रहने पर कितना भी जतन करने पर काजल का दाग लगता ही लगता है.
कांग्रेस की बासी कढ़ी में उबाल आया है.. कांग्रेस के आला कमान ने सारंगढ़ के गिरी विलास पैलेस की राजकुमारी मेनका देवी सिंह को टिकट देकर कांग्रेस के लिए अपनी जवानी खपा देने वाले नेताओं को नाराज कर दिया है. मीडिया के सम्मुख मेनका ने कहा है कि यदि वे सांसद बनती है तो सारंगढ़ में रेल सेवा शुरू करवाने का प्रयास करेगी एवं सारंगढ़ के विकास के लिए भरपूर प्रयास करेगी. मेनका के इस बयान से रायगढ़ जिला एवं जशपुर जिला के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त मतदाता भी हतप्रभ हो गए हैं. इसका मतलब यह हुआ कि राजमहल की राजनीति राजमहल तक ही सीमित रहेगी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जिन 35 लोगों को रायगढ़ लोकसभा की जिम्मेवारी सौंपी गई है. उनमें केवल कुछ लोग ही है जिन्हें जनता जानती पहचानती है. जैसे की अनिल अग्रवाल चीकू, विभाष सिंह ठाकुर,आदि है. चुनाव संचालन समिति में 15 लोग पूर्व विधायक एवं वर्तमान विधायक है. 14 ऐसे चेहरे हैं जिन्हें पहले अपना स्वयं का परिचय देना पड़ेगा. बाकी 6 चेहरे ऐसे हैं. जिन्हे कट्टर कांग्रेसी के रूप में जाना पहचाना जाता है. अरुण मालाकार अनिल शुक्ला अनिल अग्रवाल, विभाष सिंह विकास शर्मा,सरिता मल्होत्रा को आंदोलनकारी कांग्रेसी नेता के रूप में जनता जानती पहचानती है.
इस बार मतदाता खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं. इसका अर्थ है कि वे बदलाव चाहते हैं और यदि इस बार भी कांग्रेस नहीं जीत पाएगी तो भविष्य में फिर कभी नहीं जीत सकेगी. इसलिए कांग्रेसियों को अपने ए सी कमरे से बाहर निकल कर भीषण गर्मी में जनता के बीच जाना होगा और भाजपा के पिछले 20 साल के विकास की पोल पट्टी खोलने पड़ेगी तब जाकर मेनका सिंह सांसद बन पाएगी वरना रायगढ़ लोकसभा राधेश्याम राठिया के रूप में वाक ओवर में चली जाएगी.