टूटी कलम रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय, पाठको की पहली पसंद नंबर वन के पायदान पर न्यूज वेब पोर्टल “टूटी कलम” अपनी लोकप्रियता की वजह से छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने लगा है. संपादक निडर,निष्पक्ष,निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, असलियत से नाता रखने वाला, लेखक, चिंतक, विचारक, विश्लेषक, व्यंग्यकार,स्तंभकार,कलमकार, माता सरस्वती का उपासक, लेखनी का धनी, कलम का मास्टरमाइंड चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा रायगढ़ छत्तीसगढ़ 83192 93002…. जिला ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय अखबार दैनिक जन जागरण संदेश.
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज़ रायगढ़ छत्तीसगढ़…. रायगढ़ में एक वर्ग विशेष के लोगो एवं अवैध कोयला, कबाड़, चोरी, का काम करने वाले लोगों के बीच उद्योगपति नवीन जिंदल को शहर वासी भले ही बेमन से ही सही मगर अन्नदाता मानते हैं. जिंदल उद्योग की मनमानियों को लोग गर्म पानी की बौछारें एवं गर्म लोहे के टुकड़ों से,बेत,लाठी से मार खाकर भी प्रसाद समझकर भूल जाते हैं और कंपनी में ही नौकरी पर लग जाते हैं. मीडिया के स्वर्गीय बाबूजी ओमप्रकाश जिंदल कट्टर कांग्रेसी थे. माताजी हरियाणा कांग्रेस सरकार में मंत्री पद पर रह चुकी है. नवीन जिंदल कांग्रेस से पूर्व सांसद रह चुके हैं. मगर भाजपा सरकार की धमकी चमकी इडी,आईटी,जीएसटी आदि की रेड से बचने की खातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाते हुए भाजपा की सदस्यता ले ली और भाजपा ने उन्हें हरियाणा के कुरुक्षेत्र से संसद की टिकट देखकर उपकृत कर दिया.
कमल निशान से कुरूक्षेत्र संसदीय क्षेत्र नवीन जिंदल प्रत्याशी है. जो वोट मांगने के लिए जनता के सामने जाते हैं तो जनता उन्हें घेर लेती है और सवालों पर सवाल पूछने शुरू कर देती है जिसका कोई जवाब जिंदल को देते नहीं बनता है. ऐसे ही जनसंपर्क के दौरान वे सिखों की भीड़ में चले गए. जहां उन्हें काफी चली कटी सुनाई गई. जिसका कोई भी उत्तर नवीन जिंदल को देते नहीं बना. कुरुक्षेत्र का माहौल बता रहा है कि कमल छाप से नवीन जिंदल का चुनाव जीतना मुश्किल नहीं असंभव है.
किसानों ने बीजेपी उम्मीदवार नवीन जिंदल को पंजाबी वाणी में क्या क्या ? तुमने यहां की मिट्टी से धोखा कर कोई अच्छा काम नहीं किया है, इस मिट्टी पर महाभारत का युद्ध हुआ था. जहां एक तरफ विशाल कौरव सेना थी. वहीं दूसरी तरफ पांच पांडव थे. मगर भगवान कृष्ण के कारण पांडवो की विजय होती है. असत्य पर सत्य की अथर्व पर धर्म की जीत हुई है. सिख्खो ने कहा ” राजा होकर फकीर बन गये, जाके बीजेपी की झोली में बड़(घुस) गये” क्या डर था? केजरीवाल भी तो जेल में है, छूट के आ जाएंगे 2 महीने में, क्या फांसी तोडेंगे? और फांसी भी तोड़ देंगे तो शहीद भगत सिंह नु भी फांसी दी थी.. 📍कुरुक्षेत्र