टूटी कलम रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय, पाठको की पहली पसंद नंबर वन के पायदान पर न्यूज वेब पोर्टल “टूटी कलम” अपनी लोकप्रियता की वजह से छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने लगा है. संपादक निडर,निष्पक्ष,निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, असलियत से नाता रखने वाला, लेखक, चिंतक, विचारक, विश्लेषक, व्यंग्यकार,स्तंभकार,कलमकार, माता सरस्वती का उपासक, लेखनी का धनी, कलम का मास्टरमाइंड चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा रायगढ़ छत्तीसगढ़ 83192 93002…. जिला ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय अखबार दैनिक जन जागरण संदेश
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़…. गत दिनों रायगढ़ शहर में जुआ फड़ के लिए बदनाम चर्चित होटल में कोतवाली पुलिस के द्वारा अपने ही मुखबिर की सूचना पर छापेमारी करने पर होटल के कमरे में कुछ लोग ड्रिंक एंड प्ले करते हुए पाए गए थे. जिन्हें पुलिस ने पूरा आदर सम्मान देते हुए बकायदा थाना लाया गया और जुआरियों के नाम लिखकर ससम्मान इनोवा, ब्रेजा, बलेनो, क्रेटा सरीखे लग्जरी वाहनों से थाना से बाहर जाने दे दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जुआरियों से मुचलका के नाम पर हस्ताक्षर करवाकर छोड़ दिया गया और पुलिसिया कार्रवाई बाद में भी न करने का आश्वासन दिया गया. पुलिस के द्वारा मात्र 88 हजार रुपए,ताश की गड्डी टेबल पर सजाकर अपने चहेते मुखबिर,दलाल नुमा वेब वालों को बुलाकर समाचार पुलिस के पक्ष में बनवाने की मंशा थी परंतु जुआ रेड की खबर पूरी मीडिया में आज की तरह से फैल गई थी. जिस वजह से मीडिया के कई लोग अपनी माइक आईडी कैमरे मोबाइल लेकर थाना पहुंच गए थे. जिस वजह से पुलिस की हसरत पूरी नहीं हो पाई. मीडिया वालों ने जब सवालों के तीर छोड़ने शुरू किये तो थाना प्रभारी बगले झांकने लगे और उनका हाथ टेबल पर रखें काल बेल के स्विच पर चला गया ताकि वे मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देने से बच सके और प्रधान आरक्षक उनकी मदद कर सके. थाना प्रभारी से जब पूछा गया कि जुआरीगण कहां है तो उन्होंने कहा कि वे जुआ खेल कर चले गए. जब थाना प्रभारी से आरोपियों की फोटो वीडियो मांगे गई. तो उन्होंने काफी तकलीफ सहते हुए मीडिया के सामने झुकते हुए पुलिस के जनसंपर्क प्रभारी से तुरंत ही डीएसआर वायरल करने का निवेदन किया तब जाकर मामले का खुलासा हो पाया. अन्यथा पूरे मामले पर लीपापोती कर दी गई होती. शहर में पुलिस की कार्रवाई को लेकर लोग खिल्ली उड़ा रहे हैं कि इतने बड़े-बड़े दूर-दूर से आए जुआरियों के पास से मात्र 88 हजार रुपए की जप्ती दिखलाई गई. सूत्रों के अनुसार जुआ फड़ में बैठे एक जुआरी के अकेले के 6 लाख रुपए थे. इससे अंदाजा लगा लेना चाहिए की जुआ कितना बड़ा होगा, छोटे रूप में भी 50 लाख रुपए से कम का नहीं रहा होगा.
कार ,मोबाइल, क्यों जप्त नहीं किए गए ? होटल के मैनेजर पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?…. अक्सर यह देखा गया है कि जुआ रेड के बाद पुलिस के द्वारा नगदी,ताश की गड्डी के अतिरिक्त फटा हुआ बोरा, दरी ,चादर, टॉर्च, मोमबत्ती,बीडी सिगरेट, पान पाउच, शराब की खाली बोतले,चखने के पैकेट,मोबाइल फोन, मोटरसाइकिलें, कारें आदि सभी समानों की भी जप्ति दिखाई,बतलाई जाती है.मगर होटल एकार्ड में छापेमारी के बाद पुलिस के द्वारा पलंग, गद्दा, चद्दर, लाइट, एलईडी, पंखा,ए सी, क्रॉकरी, आदि समानों की जाप्ती क्यों नहीं बनाई गई ? गांव देहात में खेत खलियान में जुआरियों को पकड़ते समय यह बतलाया जाता है कि पुलिस के द्वारा ग्रामीणों की वेशभूषा में पहुंचकर १२ जुआरियों को घेराबंदी करते हुए दौड़ा-दौड़ा कर फिल्मी स्टाइल में पकड़ा गया और उनसे नगद रकम 628 ₹, ताश गड्डी,फटी बोरी,मोमबत्ती जप्त करते हुए 151 की कार्रवाई की गई और कोर्ट में पेश किया गया. मगर जब रसूखदारों की बात आती है तो उन्हें ससम्मान थाना लाया जाता है और बगैर आधार कार्ड के परिचय के थाने से ही छोड़ दिया जाता है. पुलिस में लिखवाये गए नाम पिता का नाम स्थान सब गलत रहता है. सम्मन देने वाला आरक्षक बेचारा गर्मी में धक्के खाता रहता है. मगर आरोपियों को ढूंढ नहीं पता है. ऐसे मामले में न्यायाधीश को चाहिए कि वह पुलिस को कारण बताओं नोटिस जारी करें और पुलिस पर कार्रवाई करणी सुनिश्चित करें. क्रमशः