🥁🥁टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम 🎤 न्यूज़ रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. रायगढ़ नगर निगम का पंचवर्षीय चुनाव बगैर किसी विवाद के खामोशी से संपन्न हो गया. निगम में महापौर सहित 34 भाजपा के पार्षद चुनकर आए हैं जो अपने आप में एक आश्चर्य है क्योंकि कई वार्डों में भाजपा प्रत्याशी जीते हैं. वे सब कांग्रेसी वार्ड के रूप में माने जाते हैं. कई वार्डों में भाजपा के प्रत्याशी मामूली अंतर से चुनाव जीते हैं. यदि इन वार्डो में जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी कार्यकर्ता अपनी थोड़ी भी ऊर्जा लगा देते तो शायद मामला बराबरी तक आ जाता या फिर सम्मानजनक आंकड़े तक कांग्रेस पहुंच जाती. मगर कांग्रेसियों ने चुनाव में कोई गंभीरता रुचि दिलचस्पी नहीं दिखाई. केवल 12 पार्षद जीतकर निगम पहुंचे हैं. वे सभी अपने दम पर चुनाव जीते हैं. कांग्रेस का कोई भी प्रदेश स्तरीय स्टार प्रचारक नहीं आया और ना hi जिला कांग्रेस कमेटी ने कोई सहयोग प्रदान किया. महापौर प्रत्याशी जानकी काटजू अकेली ही शहर के सभी वार्डों में घूमती रही और अपना प्रचार करती रही. जिस वजह से जानकी को 34 000 वोटो से हारना पड़ गया.
कांग्रेसी नेता पूरी सक्रियता के साथ केवल वार्ड क्रमांक 07 में कार्य करते दिखे और वार्ड क्रमांक 19 में सुरेश गोयल की जीत रोकने के लिए सुबह से शाम तक एक ही स्थान पर डटे रहे. जिसका परिणाम यह हुआ की वार्ड नंबर 19 में सुरेश गोयल जीत गए और कांग्रेसियों की वजह से अन्य वार्ड हाथ छाप के हाथों से निकल गए. यदि कांग्रेसियों के द्वारा थोड़ी मेहनत कर दी जाती तो मामूली अंतर से हारे हुए वार्ड कांग्रेस की झोली में होते. मगर कांग्रेसियों ने भाजपाई मित्रों का विरोध करना उचित न समझकर इधर-उधर बेवजह घूम कर समय जाया कर दिया गया. कांग्रेस की इतनी बुरी तरह से हार हुई कि कांग्रेस सभापति की दावेदारी करने के लायक नहीं रही. भूपेश सरकार के शासनकाल में दबाकर पैसा कमाने वाले कांग्रेसी फंड की कमी का रोना रोते रहे. जिन जिन को वार्डो का प्रभार दिया गया था. वे सब अपने वार्डों से गायब रहे.
कांग्रेस की हुई बुरी तरह हार को अपनी नैतिक जिम्मेवारी मानते हुए. जिला कांग्रेस कमेटी,भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन, महिला कांग्रेस, सेवादल, यूथ कांग्रेस आदि के शहर अध्यक्षो सहित सभी पदाधिकारीयों को एवं स्वयं को प्रदेश स्तरीय नेता मानने वाले तथाकथित कांग्रेसियों को स्वेच्छा से त्यागपत्र दे देना चाहिए. इसी में उनकी इज्जत बनी रहेगी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा कारण बताओं नोटिस या निष्कासन किए जाने पर वे न कांग्रेस मे रह पाएंगे और ना ही उनको भाजपा अपने में शामिल करेगी. सब अपने अपने व्यवसाय में लग जाएंगे.