🥁🥁टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. नगरीय चुनाव की घोषणा होने के बाद सबसे ज्यादा दिलचस्प नजर शहर के हृदय स्थल कहे जाने वाले वार्ड क्रमांक 19 में देखने को मिला था. जहां भाजपा से चुनाव लड़ने के लिए आधा दर्शन से भी अधिक लोग सामने आ गए थे. जिसमें सर्वाधिक चर्चित नाम विमल अग्रवाल (रक्तवीर) का था क्योंकि विमल भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं नगर निगम के पूर्व सभापति सुरेश गोयल के चचेरे भाई है. विमल ने लोगों के बहकावे में आते हुए भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर भी सुरेश गोयल के विरुद्ध निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की पूरी मंशा बना ली थी और उनके द्वारा नामांकन फॉर्म भरकर चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था. राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी,चतुर सुजान सुरेश ने यू टर्न लेते हुए. विमल को बुलाकर समझा बुझा कर उसकी नाराजगी दूर कर दी गई. इसके बाद विमल पूरी सफलता के साथ सुरेश के प्रचार प्रसार में लग गए थे. विमल के द्वारा चुनाव नहीं लड़ने की खबर पाकर अनेक लोगों के कलेजे पर सांप लोट गया था. दो भाइयों के बीच होने वाले संग्राम को देखने के इच्छुक लोगों कि मानो नानी मर गई हो जैसा सदमा महसूस किया गया. विमल सुरेश के प्रचार प्रसार से लेकर जीत की रैली में भी शामिल रहे और एक भाई होने का फर्ज अदा किए. विमल के इस कदम से भविष्य में आपसी पारिवारिक टकराहट होने की संभावना टल गई. मगर अनेक लोगों का ब्लड प्रेशर डाउन हो गया था. विमल के त्याग और सुरेश के प्रेम को देखकर रामायण के राम भरत मिलाप की याद आ गई.