🥁🥁टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. नगर पालिका निगम का चुनाव बीत चुका है. इसके बाद जीतने हारने वाले प्रत्याशियों के द्वारा मंथन किया जा रहा है कि किसने वोट दिया और किसने धोखा दिया ? किसने पीठ में छुरा भोका और किसने खुलकर मतदान किया ? कौन आस्तीन के सांप थे और कौन इंसान थे ? किसने दोगलाई की किसने वफादारी की ? इन सबका पता आसानी से लग जाया करता है क्योंकि वार्ड चुनाव में गिने चुने मतदाता होते हैं. जिनके हाव-भाव शक्ल सूरत देखकर आसानी से पता लगाया जा सकता है की कौन किसके पक्ष में कार्य किया है. सबसे ज्यादा शर्मिंदगी उन लोगों को होती है. जो दिन में अलग प्रत्याशी के कार्यालय में ड्यूटी बजाते हैं और रात में दूसरे प्रत्याशी को सारा भेद बता दिया करते हैं. इस तरह के लोग जीवन में कभी किसी के विश्वसनीय नहीं बना करते हैं.
वार्ड नंबर 19 की बात किया जाए तो भाजपा के प्रत्याशी सुरेश गोयल 313 वोट से चुनाव जीत चुके हैं. जीत के आंकड़े के विषय में सुरेश गोयल ने पहले ही बता दिया था. मतदान होने के बाद एक-एक घर के मतदाता और उनके रुझान पर विश्लेषण किया गया था. भीतर घात करने वालों के मतों की गिनती अपने मतों में नहीं की गई थी. पूर्वानुमान था कि चुनाव कार्यालय में उपस्थिति देने वाले लोगों के द्वारा धोखा जरूर दिया जाएगा और हुआ भी वही, मतदान के दिन भाजपा चुनाव कार्यालय में बैठने वाले लोग मतदान स्थल पर मतदाताओं के कानों में कांग्रेस को वोट देने के लिए कहते सुने गए.
शक्ति अग्रवाल ने किया शक्ति प्रदर्शन. वार्ड नंबर 19 के रसूखदार युवक शक्ति अग्रवाल को शुरुआत में सुरेश गोयल का समर्थन नहीं करने के लिए माना जा रहा था परंतु सुरेश गोयल की सादगी और रूठे हुए को मनाने के तरीके से शक्ति प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके और जब शक्ति ने मैदान संभाल लिया तो सुरेश गोयल की जीत उसी समय सुनिश्चित हो चुकी थी. वार्ड नंबर 19 में बजीनिया परिवार के मत चुनाव को प्रभावित करने के लिए काफी होते हैं. वार्ड नंबर 19 में इनके अतिरिक्त बंसल,बोंदिया,सांवड़िया परिवारों के वोट चुनाव परिणाम बदल देने में सक्षम होते हैं. और इन चारों परिवारों का वोट एवं समर्थन सुरेश गोयल के पक्ष में गया है. जिस वजह से उन्हें गांधीगंज,गौरी शंकर मंदिर, इतवारी बाजार से ऐसी बढ़त मिली कि भीतर घातियों की पोल खुल गई और सुरेश गोयल चुनाव जीत गए. लंबे चौड़े शरीर के मालिक शक्ति अग्रवाल को यूथ आइकॉन के रूप में माना जाता है. जिस वजह से लोग उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते हैं. शक्ति अग्रवाल सुरेश गोयल के डोर टू डोर जनसंपर्क,रैली, चुनावी कार्यालय में उपस्थित रहे ताकि जो मन का मैल है. उसे धोया जा सके. शक्ति ने स्पष्ट कर दिया कि राजनीति में मतभेद हो सकता है परंतु मनभेद नहीं. नामांकन होने से चुनाव परिणाम आने और जीत का जुलूस निकलने में शक्ति हर जगह सुरेश के साथ कंधा से कंधा मिलाकर साथ चलते रहे. ज्ञात रहे की शक्ति अग्रवाल छत्तीसगढ़ के कद्दावर भाजपा नेता रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सगे भांजे हैं.