🔱टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. रायगढ़ शहर के हाई प्रोफाइल 30 के मामले में फरार हो चुके रंजीत और सुदीप मंडल के कारनामे जानकर हर कोई हतप्रभ हो सकता है. कोई सोच भी नहीं सकता था. अपने हाव भाव से सबको अपनी तरफ देखने के लिए मजबूर कर देने वाला रायगढ़ के उड़ीसा सीमा से सटे. ग्राम डूमरपाली का ग्रामीण युवक रंजीत चौहान इतना बड़ा शातिर दिमाग का भी हो सकता है. सबसे पहले इसने बोईरदादर बंगाली कॉलोनी निवासी हट्टेकट्टे युवक सुदीप मंडल को अपने गेयर में लिया और घनिष्ठ संबंध बनने के बाद. रंजीत ने अपना असली रूप दिखाना शुरू कर दिया. मजबूरी की वजह से सुदीप मंडल चाह कर भी रंजीत से अलग नहीं हो सकता था. इसलिए समझौते के तहत दोनों ने मिलजुल कर काम करना शुरू कर दिया. रंजीत ने मीडिया कर्मी का फायदा उठाते हुए सुदीप मंडल को अपने बॉडीगार्ड के रूप में कैमरामैन का पद दे दिया गया था. फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला रंजीत जहां कहीं भी जाता तो सुदीप मंडल को अपने साथ ले जाता था. जिस वजह से सुदीप मंडल को भी मीडिया कर्मी के रूप में जाना पहचाना जाने लगा. लेकिन आमदनी कम होने की वजह से इनका गुजारा मुश्किल से होता था. तब उनके तथाकथित गुरु ने इन्हें एनजीओ खोलने की एवं लोगों को ठगने का गुरु मंत्र दिया था. जिसमें गुरु को भी हिस्सेदारी देने की बात हुई थी परंतु चेले इतनी आगे बढ़ गए कि गुरु को उन्हें अपना चेला बतलाने में भी डर लगने लगा था.
ठगी के केंद्र असीम छाया की रखी गई बुनियाद.. शातिर दिमाग के रंजीत ने सबसे पहले अपने ही साथी सुदीप को असीम छाया का भागीदार (डायरेक्टर) बनाते हुए बंगाली कॉलोनी के बहुत बड़े भूखंड कब्जा करते हुए ठगी करने के लिए अपना ऑफिस खोल लिया था. इसके बाद इनकी जुगल जोड़ी ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब,असहाय,बेबस,लाचार,विधवा, परित्या,बेरोजगार कम पढ़ी लिखी महिलाओं और युवतियों को अपने जाल में फंसाना शुरू किया और तरह-तरह के प्रलोभन देकर के दिमाग को वॉश कर दिया गया. इन दोनों शातिर लोगों ने दिखावे के लिए महिलाओं,युवतियों का साक्षात्कार लेना शुरू कर दिया और उन्हें मोटे परिश्रमिक का लालच देकर कई तरह की पोस्ट देकर काम करवाया जाने लगा. इतना ही नहीं इन लोगों ने रायगढ़ जिले के सभी ब्लाकों में प्रभारी के रूप में कार्य देने के लिए लगभग 250 महिलाओं के कागजात जमा किए गए और उन्हें ब्लॉक प्रभारी के रूप में पद दे दिया गया. उसके बदले में ब्लॉक प्रभारी से और महिलाओं को जोड़ने की शर्त रखी गई थी. इन लोगों ने महिलाओं को बैंडेज पट्टी –दोना पत्तल, आदि बनाने की मशीन दिलवाने का कोटेशन और फोटो दिखाई गई और उनसे ब्याज में रकम लेनी शुरू कर दी गई थी. काम के लालच में फंसी बेचारी महिलाएं महिला समूह में जमा रकम देने लगी. बाद में रंजीत एवं सुदीप ने उनसे बैंक से लोन निकल वाकर “असीम छाया” के नाम पर ले लिया गया था.
नहीं दी गई किसी को भी पूरी पगार.. काम करने के कुछ माह बाद जब तनख्वाह मांगी जाने लगी तब किसी को 1500 किसी को 2000 दिया जाने लगा. ज्यादा जोर देने पर इन दोनों के द्वारा असीम छाया के नाम से दोनों के हस्ताक्षर वाले खोले गए कई बैंक में खातो चेक देना शुरू कर दिया गया था. महिलाएं जब बैंक से पैसा निकालना जाती थी तो बैंकों के द्वारा खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने, दिनांक सही नहीं होने, मिसमैच हस्ताक्षर होने का कारण बताते हुए चेक वापस कर दिया जाता रहा. जब महिलाएं इस बात को रंजीत– सुदीप को बताती थी तो उन्हें दूसरी दिनांक का चेक दे दिया जाता था. पुनः चेक बाउंस होने पर महिलाओं को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हो गया और वे अपने साथ हुई ठगी का आवेदन पुलिस थानों में देने लगी थी. लेकिन पीड़ित महिलाओं के थाना पहुंचने से पहले ही रंजीत और सुदीप पहले ही पहुंच जाया करते थे और थाने में बैठ रहा करते थे. लगातार 2 साल तक पुलिस थानों के चक्कर काटने के बाद किसी ने उन्हें टिल्लू शर्मा टूटी कलम न्यूज़ से सहायता मांगने के लिए बताया गया था. टिल्लू शर्मा ने जब थाना प्रभारीयों से बात की तो प्रभारीयों ने सीख रही रंजीत एवं सुदीप से रकम कमाने का आश्वासन दिया जाने लगा. लगभग 1 साल के बाद इन दोनों की ठगी का शिकार बने ग्रामीण युवक उत्तम प्रधान ने बड़ा कदम उठाते हुए ऊपर तक शिकायत कर दी. तब भी मामला दर्ज नहीं किया गया तो उत्तम पुनः पुलिस महानिरीक्षक के पास बिलासपुर जा पहुंचा था. आईजी संजीव शुक्ला ने कड़े आदेश देते हुए. रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें सूचित करने हेतु कह गया तब कहीं जाकर. रंजीत चौहान के खिलाफ 420 का मामला दर्ज हो सका. उत्तम की रिपोर्ट दर्ज होने का समाचार मिलने पर रंजीत और सुदीप द्वारा प्रताड़ित लोग सामने आने लगे. ग्राम पुटकापुरी निवासी राज किशोर साहू की दूसरी रिपोर्ट दर्ज हो जाने पर महिलाओं का मनोबल उठ गया और वे रिपोर्ट लिखने के लिए बहुत जल्द ही चक्रधर नगर थाना पहुंचने वाली है. क्रमशः अन्याय और शोषण के खिलाफ हमारी जंग तब तक जारी रहेगी. जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता है और रंजीत एवं सुदीप मंडल को जेल नहीं भेज दिया जाता है.