🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. अपनी ठगी की गाथा रंजीत ने सन 2021 से लिखनी शुरू कर दी थी. जब उसने अपने गुरुओं,आकाओं के मार्गदर्शन में असीम छाया फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन करवा लिया था. साक्षात्कार करवाने और नौकरी पर रखने के लिए भोले भाले ग्रामीण युवकों,युवतियों,बेरोजगारों, सुंदर-सुंदर महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया था. लग्जरी ऑफिस खोलकर लोगों के मन में प्रभाव जमाना शुरू कर दिया था.
सटीक रही मूर्ख बनाने की योजना
प्रशासनिक अधिकारियों, समाजसेवियों, प्रतिष्ठित नागरिकों, जनप्रतिनिधियों,चौहान समाज के लोगों, किन्नर समाज के लोगों आदि को बुलवाकर अपने प्रतिष्ठान “असीम छाया” के द्वारा दिखावे के लिए किए जा रहे वृद्धों की सेवा, रहन-सहन, पालन पोषण,महिलाओं एवं बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाने हाईलाइट करना शुरू कर दिया. बड़े-बड़े अधिकारियों, नेताओं आदि को असीम छाया में मुख्य अतिथि के रूप में देखकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की असीम छाया से जुड़ने की जिज्ञासा उत्पन्न होने लगी थी. जिस वजह से ग्रामीण थोक के भाव में अपने उज्जवल भविष्य का सपना देखने लगे थे और दिए रंजीत और सुदीप के माया जाल में फंसते चले गए.
कमल उरांव बना ठगी का शिकार, सिटी कोतवाली में मामला दर्ज नहीं किया गया
कमल उरांव उम्र 37 वर्ष हाल मुकाम मधुबन पारा रायगढ़ को रंजीत ने अपना शिकार बनाते हुए उसे असीम छाया फाउंडेशन में अकाउंटेंट के पद पर रखने एवं एनजीओ का आजीवन सदस्य बनाने का,आत्मनिर्भर बनाने दोना पत्तल,सेनेटरी पैड,बैंडेज मशीन दिलवाने का लालच दिया गया और फाउंडेशन के पास रकम कम होने का बहाना बनाते हुए उसने आर्थिक सहायता देने के लिए कहा गया था. कमल ने अलग-अलग दिनांक को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के माध्यम से 6.60 लाख रुपए लिए गए थे. रंजीत ने एक और पाशा फेंकते हुए ली गई रकम को तीन माह के अंदर10% ब्याज सहित वापस करने का लालच दिया गया था. मगर 2 साल बीत जाने के बाद भी असीम छाया में किसी भी तरह की कोई मशीन नहीं आई. पूछे जाने पर रंजीत कोई ना कोई बहाना बना दिया करता था. रंजीत की संदिग्ध गतिविधियां देखकर कमल ने जब अपने रुपए वापस देने के लिए दबाव बनाना शुरू किया तो रंजीत ने चालाकी करते हुए दिनांक 28 01 2023 का यूको बैंक का चेक क्रमांक 000076, 10 लाख रुपए की राशि का दिया गया था. जो बाउंस हो गया. इसके बाद रंजीत ने अलग-अलग दिनांक के चेक दिए गए जो सभी बाउंस हो गए.
कमल ने दिया लिखित आवेदन
कमल ने रंजीत चौहान की ठगी को भांपते हुए दिनांक 17.7.23 को अपने साथ में ठगी का लिखित आवेदन एवं बाउंस चेको की छाया प्रति सिटी कोतवाली थाने में दिया गया. कोतवाली के स्टाफ के द्वारा जांच करने का आश्वासन देकर हर बार कमल को टरकाया जाने लगा. अपने रुपए को डूबा हुआ समझकर कमल ने चुप्पी साध ली थी. मीडिया के माध्यम से जब कमल को मालूम हुआ की रंजीत चौहान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है तो उसे अपने डूबे हुए रुपए वापस मिलने की आस जाग गई. अब वह बिलासपुर संभाग के आई जी की शरण में जाने के मूड में है.








