🔱 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज़ रायगढ़ 🌍 छत्तीसगढ़ 🏹.. यह बात सदियों से चली आ रही है और सत्य भी है की पुलिस वालों से बड़ा रजिस्टर्ड गुंडा कोई नहीं होता है एवं मीडिया वालों से बढ़कर पुलिस का कोई चाटुकार,चमचा,चापलूस,मुखबिर, खबरीलाल,स्तुति बखान करने वाला कोई अन्य नहीं हो सकता. मगर न जाने रायगढ़ पुलिस को क्या हो गया है कि वे इज्जतदार, प्रतिष्ठित लोगों की अपेक्षा गुंडे मवालियो से ही परिचय करके उनसे ही गलबहियां करके खुश रहते हैं. अपराधी तत्वों के द्वारा बंधा बंधाया नजराना एक निश्चित तारीख पर पहुंचा दिया जाता है. जिस वजह से पुलिस अपराधी तत्वों के अवैध कारोबार,गुंडागर्दी दादागिरी की तरफ देख कर भी अंजान बन जाया करते हैं इसे नमक का फर्ज कहा जाता है.
पुलिस के बगैर संरक्षण अपराध और अपराधी नहीं पनप सकते.. यह बात भी शत प्रतिशत सही है कि यदि पुलिस अपना कार्य ईमानदारी, लगन,दी गई,ली,गई ट्रेनिंग,शपथ को याद रख कर है करें वह मजाल नहीं है कि कोई भी अपराधी या अपराध अपने पैर फैला सके. मगर हर गलत कार्यों का बंधा बंधाया महावारी नजराना की वजह से अपराध एवं अपराधियों पर लगाम नहीं लग सकती. अपराधी या अपराधी और पुलिस के बीच कड़ी के रूप में काम करने वाले लोग प्रतिदिन थानों के आसपास घूमते टहलते, पुलिसकर्मियों से बतियाते,मजाक करते, थाना प्रभारियों के कक्ष में बैठकर चाय,पानी,कॉफी पीते देखे जा सकते हैं. इन दोनों के बीच मीडिया वाले अवश्य शामिल होते हैं. जो दोनों की जी हजूरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.
मीडिया को बदनाम कर दिया है चोंगा धारीयो ने… जब तक प्रिंट मीडिया और दूरदर्शन का जमाना था तब तक मीडिया वालों की इज्जत और कुछ फर्क हुआ करती थी. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आने के बाद कुछ चैनल वालों का रसूक हुआ करता था किंतु जब से वेब पोर्टल आया है तब से मीडिया वालों की इज्जत दो कौड़ी की भी नहीं रह गई है. बेरोजगारों के लिए चोंगा पड़कर सभी जगह मंडराते रहते रहना और शाम तक एक पव्वा,अद्धी, चखना का पैसा जुगाड़ कर लेना पत्रकारिता की पहचान रह गई है. अधिकारियों, कर्मचारियों,उद्योगपतियों,प्रतिष्ठित व्यवसाईयों,समाजसेवियों आदि लोगों के द्वारा चोंगा वालों को दरवाजे से ही भगा दिया जाता है या दो-तीन घंटे इंतजार करने के बाद अपनी असमर्थता जाहिर कर निकल जाया करते हैं. चोंगा वाले कुछ तो करवा दो कुछ तो करवा दो बोलते हुए चिल्लाते रह जाते हैं. यदि इन चोंगा धारियों से एक समाचार कलम से लिखकर देने का इम्तिहान लिया जाए तो 100 में से 99 फेल हो जाएंगे. चोंगा धारी के द्वारा ब्लैकमेलिंग होगा ही वसूली से संबंधित समाचार ज्यादा वायरल किए जाते हैं. जैसे की इस जमीन को सफेदपोश ने कब्जा कर लिया ? इन लोगों के द्वारा तालाब पर अतिक्रमण किया जा रहा है ? कौन है रेत का कारोबारी ? इस उद्योग में हुआ हादसा ? इस रोड पर किसी उद्योग की वजह से जहरीला धुआं फैल रहा है ? इस व्यवसाई के यहां ई डी की रेड हुई ? इस क्षेत्र की होटल में चलता है देहव्यवसाय ? इस तरह के बगैर नाम लिखे समाचार चलाए जाते हैं उससे स्पष्ट हो जाता है कि मीडिया के द्वार स्वयं को मैनेज करने की कोशिश की जा रही है. कुछ उजागर करते समय किसी का नाम छुपाया जाना पत्रकारिता नहीं होती है.








