🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज रायगढ़ 🌍 छत्तीसगढ़ 🏹…….रायगढ़ कायाघाट की व्यवहारिक तथ्य यह है कि नदी मद की भूमि पर अगर अगले 100 साल भी वहां के बाशिंदे काबिज रहते तो भी उनका रेसीडेंस valid नही होता।
और न 1978 के संपत्ति के अधिकार का संशोधित प्रारूप विधिक अधिकार के तहत और ना ही छग भू राजस्व अधिनियम 1959 के तहत उनको बेदखली उपरांत मुआवजा प्राप्त होता और न पुनर्वास में मकान।
किंतु मंत्री व स्थानीय विधायक OP Choudhary जी की सहृदयता और राज्य सरकार के कमिटमेंट को सराहना ही पड़ेगा…जो महज 4/6 घंटे के भीतर प्रभावितों को 1BHK EWS का मकान निशुल्क वो भी मालिकाना हक के साथ दिया गया है और साथ ही उनके दैनिक जरूरी क्रियाकलापों नाश्ता, भोजन, साफ सफाई की भी पूरी व्यवस्था कराई जा रही है,
कृपया कर अगर आपकी जानकारी में छत्तीसगढ़ या अविभाजित मध्यप्रदेश के इतिहास में विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर इतनी सहृदयता अगर किसी भी सरकार ने दिखाई है तो जरूर बताए।
दूसरी बात परिंदों को भी उनके घोंसले टूटने की पीड़ा होती है तो फिर यहां तो हमारे भाई बहनों का तो मकान टूटा है तो उनकी भी पीड़ा स्वाभाविक है लेकिन दूसरे पहलू को भी सभी को समझना होगा कि महान कार्यों खासकर नवनिर्माण में समय,समर्पण और सब्र हम सभी को दिखाना होगा, अन्यथा आप और हमारे साथ हमारी भावी पीढ़ी भी गौरव शाली रायगढ़ के नवनिर्माण से वंचित हो जाएगी।