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🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹... रविवार सोमवार की रात 01 से 1:30 बजे के बीच शहर के मध्य वार्ड क्रमांक 19 संजय कांप्लेक्स स्थित भव्य श्री श्याम मंदिर में दुबले पतले इकलौते युवक ने बहुत ही आसानी से मंदिर के ताले बगैर छेनी,हथौड़ी,प्लास,किसी भी भारी वस्तु का प्रयोग किये मंदिर के मुख्य द्वार पर लगे दो ताले चुटकियों में तोड़ दिया और बड़ा लकड़ी का फ्लेक्स बोर्ड में दरवाजे के सामने रख दिया ताकि संजय कांप्लेक्स की तरफ से उसे कोई ना देख पाए. चोर बाकायदा सफेद प्लास्टिक ओढ़ कर अपने कार्य को बेहिचक अंजाम दे रहा था जबकि उसे भली भांति मालूम होगा की मंदिर के सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. वह कैमरा से बगैर छेड़छाड़ किए दान पेटी को तोड़ लाखों रुपए झोले में भरा फिर मंदिर के बगल जाकर जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हुए हैं और वहां की दीवाल नीचे भी है. वहां से प्लास्टिक का बोरा लेकर आता है और फिर बड़े इस आराम से श्री श्याम बाबा को प्रणाम करते हुए चबूतरे पर चढ़कर सबसे पहले मुकुट निकालता है, फिर ऊपर लगे हुए चांदी के छत्र निकालता है, फिर हाथ डालकर बाबा के गले में पहनाया हुआ हार,कुंडल निकाल कर बोरे में भरकर फरार हो जाता है.
प्रबंधन समिति की यह कैसी लापरवाही
इस मामले में श्री श्याम मंडल समिति की बहुत सी लापरवाही उजागर हुई है. पीछे की दीवाल इतनी छोटी क्यों रखी गई थी ? करोड़ों के मंदिर में सुरक्षा की दृष्टि से पीछे सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं लगाया गया ? सिक्योरिटी गार्ड चौकीदार क्यों नहीं रखे गए ? मंदिर के दरवाजे श्री गौरी शंकर मंदिर, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, आदि की तरह से भारी भरकम क्यों नहीं बनवाए गए ? सुरक्षा की दृष्टि से क्या केवल ग्रिल का गेट काफी होता है ? मंदिर के द्वार पर मात्र 02 लोकल तले क्योंलगाए गए ? कि जिसे कोई भी बलिष्ठ व्यक्ति अपने हाथों से तोड़ सकता था ? सोने का मुकुट,चांदी के छत्र,कुंडल मजबूती से ना बांधकर यूं ही टिकाकर क्यों रखा जाता है ? चोर ने बगैर ताकत लगाए यूं ही निकाल लिया. क्या यही बाबा श्री श्याम की सुरक्षा व्यवस्था है ?
चोर को जमीन खा गई या आसमान निगल गया
सीसीटीवी फुटेज में आने के बावजूद,डॉग स्क्वाड की मदद लेने के बावजूद,फॉरेंसिक टीम की जांच पड़ताल के बावजूद, सीएसपी रायगढ़ अनिल विश्वकर्मा की साइबर सेल टीम,थाना प्रभारियों प्रशांत राव,मोहन भारद्वाज, सुखनंदन पटेल, पुरी पुलिस टीम ने चोर का पता लगाने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा लगा दी है परंतु चोर के सामने आने के बावजूद चोर घोड़े की सिंग की तरह से गायब हो गया. पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल की टीम इस मामले को सुलझाने में एड़ी चोटी का जोर लग रही है परंतु चोर पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गया है. घटनास्थल पर चोर के द्वारा कोई साक्ष्य नहीं छोड़ा गया. रिटायर होने की उम्र में स्निफर डॉग के द्वारा चार मजदूरों को पकड़कर अपने बुड्ढे होने का प्रमाण दे दिया. इसलिए इस डॉग को ससम्मान रिटायरमेंट दे देना चाहिए और नया,रंगरूट,जवान,तेज तर्रार डाबरमैन डॉग को पदस्थ किया जाना चाहिए.
संभावना है
एक संभावना यह भी बलवती है कि जब सुबह मंदिर का पुजारी आता है तो ताले टूटे देखकर मंदिर के अंदर चला जाता है. हो सकता है कि चोर मंदिर परिसर में कहीं छिपा हुआ बैठा होगा और पंडित के द्वारा मुख्य द्वार खोलते ही बड़े आराम से बाहर निकल गया होगा. यह संभावना इसलिए है क्योंकि मंदिर के बाजू के दीवाल पर किसी भी किस्म के हाथ पैर के निशान नहीं है. चोर ने मोजा पहना हुआ था. इसलिए डॉग स्क्वाड पूरी तरह से फेल हो गया. इसमें एक कुल्लू मैच खाता है कि डॉग स्क्वाड ताला सुनकर मुख्य दरवाजे से बाहर भागता है. इसलिए हो सकता है कि चोर भी मुख्य दरवाजे से ही बाहर निकल गया होगा.
प्लास्टिक पन्नी पर टिकी थी आस
पुलिस की आस चोर के द्वारा उपयोग किए गए बरसाती जैसी सफेद पर टिकी हुई थी. जिसे पहनकर चोर ने इतने बड़े कांड को अंजाम दे दिया. पुलिस की यही सोच रही थी कि आरोपी के द्वारा उपयोग किए गए प्लास्टिक की पन्नी वारदात के बाद निकाल कर कहीं न कहीं फेंक दी गई होगी. मगर यदि चोर ने प्लास्टिक कहीं फेंकी भी होगी तो अल सुबह 3:00 बजे से ही कबाड़ बिनने वालों के द्वारा उठा ली गई होगी या फिर चोर उसे निकाल कर बोरे में भर लिया होगा. चोर सर और मुंह को कपड़े से लपेट रखा है. उसके हाथ पैर एकदम काले हैं. वह जो प्लास्टिक ओढ़ा है.वह नई नहीं है. उसमें अनेक छेद है और प्लास्टिक का बॉर्डर आसमानी रंग का है. इस तरह की प्लास्टिक का उपयोग बाहर से सामान आने या भेजने पर और मुर्दे को लपेटने के लिए किया जाता है. गौर से देखने पर लगता है कि चोर ने काले रंग का शॉर्ट मोजा, काले रंग का लोअर,पहना हुआ है एवं जिसे प्लास्टिक कहा जा रहा है.दअरसल वह कपड़े की चादर लग रही है. चोर ने ऊपर क्या पहना है इसकी झलक भी नहीं झलकने दी.