रायगढ़—— किसी समय पूरे देश मे ग्रीन जोन कहलाने वाले रायगढ़ जिले को न जाने किसकी नजर लग गई कि यह जिला बहुत ही तेजी से प्रदेश का हॉटस्पॉट जिला बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। जिस तेजी से गली- गली,मोहल्लों में कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या में इजाफा हो रहा है यह कतई रायगढ़ शहर के लिए शुभ संकेत नही है। इक्का दुक्का केस तो आ ही रहे थे। जिसे नजरंदाज किया जा सकता था परन्तु पिछले दिनों कृष्णा वैली कालोनी,गर्भवती महिला बजरंगपारा,मेकाहारा के कर्मचारियों, अशर्फिदेवी अस्पताल, ऑटो चालक,राजीव नगर की महिला और अब धनवानों फ्रेंड्स कालोनी में थोक में कोरोना संक्रमित पाये गये है। उससे शहर वासियों के पेशानी पर बल पड़ गये है। जनमानस के मन में अगला मरीज कौन का प्रश्न कौंध रहा है।
ऑटो चालक की ट्रैवल हिस्ट्री भी कम रहस्य से भरी हुई नही है। एक कोरोना संक्रमित को ऑटो में बैठाकर उसका ईलाज करवाकर नजदीक गांव कारिछापर छोड़कर आना फिर 3 दिनों तक पूरे शहर में घूम घूम कर ऑटो से सवारियों को उनके गन्तव्य तक छोड़ना। प्रश्न खड़ा हो गया कि उसने किन किन को कहां कहां छोड़ा,उसके सम्पर्क में कितने लोग आये।यह छानबीन करना टेढ़ी खीर साबित होगी।
फ्रेंड्स कालोनी के मामले के कारण पूरे शहर में डर एवं दहशत का वातावरण निर्मित हो गया। एक साथ 15 लोगो का संक्रमित होने से पूरे कालोनी में सन्नाटा पसर गया है। कालोनी के मुख्य द्वार पर कोतरारोड थानेदार युवराज तिवारी की टीम का सख्त पहरा लगा हुआ है। न कोई बाहर निकल सकता और न कोई अंदर जा सकता। हैदराबाद में शादी करने के पश्चात धनाढ्य परिवार के लगभग सभी लोग कोरोना संक्रमित पाये गये। वे लोग 16 तारीख को अपने घर लौटे थे मगर कोरोना का वायरस साथ मे लेकर लौटे थे।शादी से लौटने के बाद इन लोगो ने कालोनी के घरों में मिठाई आदि भी बांटी होगी।जो कि एक मामूली रस्म होती है। कितने घरो में मिठाईयां बांटी गई थी। यह जांच की अहम कड़ी होगी। उसके बाद हैदराबाद से लौटे लोगो ने कहां कहां आना जाना किया,कितने लोग इनके सम्पर्क में रहे,घरेलू नौकर चाकर,ड्राइवर,धोबी आदि का भी ब्लड सेम्पल लेना नितांत आवश्यक होना चाहिए। कटिंग,शेविंग आदि के लिए भी सेलून,पार्लर भी गये होंगे। अपनी जान पहचान परिचय रिश्तेदारों, व्यवसाईयों के यहां भी आना जाना किये होंगे। गाड़ियों में डीजल,पेट्रोल भरवाने पम्पो पर भी गये होंगे। दवाई दुकान,राशन दुकान,फैंसी स्टोर,फल दुकान आदि भी जा सकते है। इन लोगो के सम्पर्को को खंगालना कोई हंसी खेल नही होगा। इस पूरे मामले में प्रशासन की ढिलाई ही कहा जायेगा कि एक साथ 22 लोग किसकी अनुमति लेकर रायगढ़ से सड़क मार्ग द्वारा झारसुगुड़ा एवं वहां से हवाई मार्ग से हैदराबाद जाना आना किये थे। किसी 1 व्यक्ति को बाहर जाने के लिये कई तरह के पापड़ बेलने पड़ते है। तब कहीं जाकर अनुमति मिल पाती है। ओड़िसा,छत्तीसगढ़ पुलिस ने इन लोगो को बॉर्डर पर क्यो नही रोका यह अहम जांच का विषय हो सकता है।