रायगढ़—— 15 वर्षो बाद सत्ता क्या मिली जनप्रतिनिधि अपना कर्तव्य ही भूल गये। समय के लिये चुने गये जनप्रतिनिधि फोटो सेशन करवाते समय यह भूल गये की कोरोना संकटकाल में आमजन के मास्क न पहनें पाये जाने पर इन्ही के विभाग द्वारा लोगो पर चालानी कार्यवाही की जा रही है। W H O,भारत सरकार,प्रदेश सरकार लोगो से अपने घरों तक मे मास्क पहनने पर जोर डाल रही है। मोबाईल की कॉलर ट्यून से लेकर मुनादी आदि तक करवाने में अरबो रुपये खर्च किये जा रहे है परन्तु रायगढ़ नगर पालिका निगम में बैठे जनप्रतिनिधियों के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है। अति उत्साह में खिंचवाई गई फोटो गले की हड्डी बन सकती है। सामान्य आदमी के मास्क न पहनने पर जुर्माने की कार्रवाई में विवाद हो सकता है। जनता यह फोटो दिखलाकर निगम कर्मियों से जुर्माना देने से इंकार कर सकती है। होटलो,पार्टियों,त्योहारों पर भी लोगो के मास्क न पहनने पर कड़ाई करने में अड़चनें आ सकती है। जिसके लिये पुलिस का सहारा लेना पड़ सकता है।
दूसरी तरफ जिसके के नाम से ही दिल की धड़कन बढ़ना,ब्लडप्रेशर बढ़ना, मानसिक तनाव बढ़ना आमबात है। वह तक सोशल डिस्टेंनसिंग का पालन कर मास्क पहन रही है।पुलिस थाने से लेकर आलाधिकारियों के चेम्बरो तक मे कोविड 19 के नियमो का पालन किया जा रहा है साथ ही अपने परिवार की सुरक्षा के लिये होम आइसुलेशन में रहते है। ड्यूटी कर जब ये पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी घर लौटते है तब भी अपने परिवार,जिगर के टुकड़ों से दूर रहकर अपना कर्तव्य निभाते है।
निगम के जनप्रतिनिधियों की इस तरह गैरजिम्मेदाराना कार्य को देखकर पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया है। रायगढ़ के कांग्रेसी विधायक प्रकाश नायक,रायगढ़ जिला कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल शुक्ला को इस विवादित विषय पर संज्ञान लेना चाहिए। रायगढ़ जिले में विपक्ष भाजपा तो मानो खत्म सी हो गई है। धरना,विरोध,प्रदर्शन को सेठ जी के व्यवसाय के कारण ठप्प पड़ गया है। बुधवार को दवा दुकाने बंद हो शराब दुकाने खुली रहे। समय के चक्र में नशा मुक्ति अभियान भी छिन्न भिन्न हो गया है। जो शायद अपनी ही सरकार के विरोध एवं विधायकी टिकट पाने की लालसा के लिए चलाया गया था।










