✒️ *टूटी कलम* ✒️समाचार रायगढ़——– प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन की नाक के नीचे जिस तरीके से प्रतिबंधित लाल ईंटो का जिस तरीके से निर्माण एवं विक्रय हो रहा है. उससे तो लगता है कि खनिज विभाग ने जोरापाली,धनागर, तारापुर,कुसमरा, खोखरा, पटेलपाली,सांगितराई में ईंट बनाने,बेचने मध्यप्रदेश से आये *पांडे* लोगो को आजीवन ईंट बनाने का पट्टा प्रदान कर दिया हो,ये *पांडे* लोग प्रतिवर्ष 5 लाख ईंटो का व्यवसाय कर लगभग प्रति भट्ठे 20 लाख का व्यवसाय कर सारा पैसा अपने गांव भेज देते है. जिससे कि शहर एवं प्रदेश सरकार को फूटी कौड़ी नही मिलती. पूरी कमाई का लेखा जोखा 0 रहता है. अगर कोई तेजतर्रार जनप्रतिनिधि एवं खनिज,राजस्व का अधिकारी ओर ध्यान केंद्रित कर ले तो सालाना हो रहे करोड़ो के अवैध व्यवयाय का भांडा फूट सकता है. सर्वाधिक अवैध भट्ठे खरसिया विधानसभा क्षेत्र में संचालित हो रहे है.जहां के जनप्रतिनिधि केबिनेट मंत्री के पद पर सुशोभित है तो विपक्ष पूर्व कलेक्टर के सरीखे ज्ञानी व्यक्ति की जन्मस्थली है. बावजूद इसके यह व्यवसाय दबंगई से किया जाता है.प्रश्रय किसका यह तो नही मालूम परन्तु 50/50 पर समझौता किया जा सकता है. एक तरफ भोली भाली जनता का दिमाग *विजन* में उलझाये रखो तो दूसरी तरफ फ्लाई ऐश की जगह लाल मिट्टी की कमाई आने दो, एक तरफ सहानुभूति तो दूसरी तरफ लक्ष्मी की कृपा बरसती रहे. ये मध्यप्रदेश से आये *पांडे* लोग मिट्टी का सौदा करते रहे. खनिज विभाग माहवारी वसूलता रहे,बस *पांडे* परिवार खुशहाल रहे. इन लोगो से नरेश भी खुश तो निराकार भी खुश,दुखी उद्योग वाले कि साला मुफ्त में कोई राखड़ भी नही लेता.अब जब सारा सामान भूसी,छाई, कोयला,लकड़ी,बिजली आदि 2 नम्बर में मिल जाता है तो भला इससे सस्ता सौदा क्या हो सकता है कि *हल्दी लगी न फिटकरी मगर रंग चोखा* एक भठ्ठा वाला पूरा जिला शासन एवं समस्त जनप्रतिनिधियों को अपने अनुसार व्यवस्थित कर लेता है और जब ये व्यवसायी सैकड़ो की संख्या में हो तो पूरा तंत्र जेबी बन जाये तो आश्चर्य कैसा ?