टूटी कलम विशेष —- पिछले साल कोरोना संक्रमण ने तांडव कर सजग,सचेत रहने के संकेत दे दिए थे और वादा किया गया था कि वह पुनः आएगा और कई सालों तक जमा रहेगा। इस दिशा में सरकार ने संज्ञान लेकर तैयारियां शुरू न कर बंगाल,असम चुनावो को अहमियत दी। जिससे कोरोना वायरस ने नजरें ततेर कर पूरी शक्ति के साथ दुबारा दस्तक दे दी। तब जाकर सरकार चेती और आनन फानन में आक्सीजन,वेंटिलेटर,बेड, अस्पताल, वैक्सीनेशन पर फोकस करना पड़ गया। यदि तैयारियां पहले से कर ली जाती तो लाशों के ढेर नही लग जाते। विद्युत शवदाहगृहो का निर्माण पहले कर लिया जाता तो श्मसान में सामूहिक जलती चिताएं नही दिखती। ये सब देखकर इंसानी रूह कांप उठी है। अभी विद्युत शवदाहगृह बनाने के लिए स्थलों का चयन किया जायेगा, टेंडर निकाले जाएंगे,निविदा मंगवाई जाएगी। मानव शरीर को जलाने में किस कम्पनी की मशीन उपयुक्त रहेगी ? कितना कमीशन दिया जायेगा ? पहले सब तय किये जायेंगे फिर ठेके दिए जाएंगे। बेकरी की तरह से खंड खंड रूप में हीटर लगाए जाएंगे। फायर प्रूफ मटेरियल का इस्तेमाल किया जायेगा। जो कि सहज उपलब्ध नही हो पायेंगे। इन सब प्रक्रियाओ में महीनों लग सकते है। तब तक आई मशीनें चोरी या टूट फुट भी हो सकती है। क्योंकि यह भारत है। यहीं से भ्र्ष्टाचार पनपता है। इन सबके बाद इस कार्य मे की गई बंदरबांट का जिन्न बाहर निकल आयेगा।