रायगढ़—– पुलिस वालों को मारो पीटो गलती उसने की ?
रायगढ़—— १५ साल तक बिल्ली की तरह से दिन गुजारने वाले कांग्रेस के छुटभैया नेता अब ले रहे रँगासियार का रूप जिसके दम पर शेर का चोला तो जरूर ओढ़ लिये मगर उनके अपनी ही पार्टी के खिलाफ अनगिनत मौखिक बातचीत को कभी भी,कहीं भी सुना समझा,परखा जा सकता है.सम्पन्न हुए विधानसभा,लोकसभा, निगम,पंचायत चुनावों में किन लोगों ने किसका समर्थन कर किसके लिये वोट मांगकर प्रचार किया यह बात किसी से छिपी नही है भले ही वे घरघोड़ा के कांग्रेसी हो या फिर रायगढ़ के मगर ऐसे ही लोगो को तवज्जो दी जाती है जो गंगा गये तो गंगाराम, जमुना गये तो जमुनादास बन जाते है.
ताजा तरीन घटना को देखा जाये तो एन एस यू आई के तथाकथित नेता ने बगैर कांग्रेस पार्टी को संज्ञान दिए अंगुलियों पर गिने जाने लायक लोगो का साथ लेकर प्रधानमंत्री का पुतला दहन करने पर शाबासी बंटोरकर विधायक एवं मंत्री की नजरों में अपने इकलौते के अंक बढ़ाने के लिये गैरजमानती अपराध कर डाला.पुलिस वालों को धक्के मार मार कर जमीन पर गिरा देना बाद में संगीन अपराध दर्ज हो जाने पर तमाम स्वमभु नेताओ का सहारा लेकर थाने का घेराव करवा देना स्वच्छ राजनीति नही हो सकती.इन छुटभैये नेताओ की वजह से स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के मंत्री की छीछालेदर होने से कोई नही रोक सकता. महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी के नाम पर दुकानदारी चलाने वालो ने जिस तरह से पुलिस को जमीन दिखलाई गई इस तरह से तो आजादी की लड़ाई भी नही लड़ी गई थी.
अगर खुली आँखों से देखा जाये तो पुलिस को बताने की जरूरत नही पड़ेगी कि थाना घेराव कार्यक्रम में किस तरह के कांग्रेसी नेताओं के चेहरे उपस्थित थे.धीर गम्भीर वरिष्ठ कांग्रेसी ने क्यो दूरी बना रखी थी.
गुंडो,मवालियों,अपराधियो पर अंकुश लगाने वाले संवेदनशील, कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह अपने मातहतो की हुई पिटाई,गाली,गलौज, बेइज्जती के मामले में क्या रुख अपनाते है.इस पर आमजन के साथ पुलिसकर्मियों की भी निगाह रहेगी.24 घँटे जान हथेली पर रखकर जनता की सेवा में ततपर जब पुलिस पर ही अपनी जान पर बन आये तो उनके कप्तान किस तरह का निर्णय लेते है यह देखना ,सुनना रह गया है.