एक संजीवनी वह थी जिसे हनुमान जी पहाड़ समेत उठा लाये थे,जिस वजह से, लाय संजीवन लखन जियाये,श्री रघुपति हरसि उर लाये और एक संजीवनी यह है जो राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना कर डाक्टर खूबचन्द बघेल योजना से होने वाले ईलाज से गरीबो को महफूज कर दिया गया है। जिसकी शिकायत सही पाए जाने पर जिला दंडाधिकारी भीम सिंह ने नर्सिंग होम पर 50 हजार का जुर्माना ठोका है जो कि नाकाफी है।इस नर्सिंग होम का सदा विवादों से नाता रहा है। पूर्व में स्मार्टकार्ड घोटाले के द्वारा करोड़ो रूपये की हेराफेरी का मामला भी सामने आया था। मगर करोड़ो रुपयों में से लाखों रुपये चढ़ावा देकर मामला रफादफा कर दिया गया। आपदा में अवसर तलाशने वाले अस्पतालों, नर्सिंग होमो का लाइसेंस रद्द किया जाना ही गलत कार्य की सही सजा होनी चाहिए। खैर इन इकाइयों में हमेशा कुछ न कुछ कमियों के मामले सामने आते रहेंगे और निष्पक्ष, बेबाक,निडर,निर्भीक मीडिया इसे उठाते रहेगी। जो तलवे चाटु है। वे घूम घूम कर तलवे चाटते रहेंगे।
✍️✍️✍️✍️मगर हम तो लिखते रहेंगे,गलत का मुखर विरोध करते रहेंगे।









