टुटी कलम रायगढ़— जब पूरा देश कोरोना काल से जूझ रहा रहा था तब ओषधि विभाग सोना काट रहा था। पिछले 3 सालों में औषधि विभाग टमाटर की तरह से लाल हो गया है। पान दुकानों सरीखी जगहों में भी दवा दुकानो के लाइसेंस पोस्टर,पम्पलेट की तरह से बांटे गए है। 40 से 50 हजार रुपए में दवा दुकान का लाइसेंस बनवाकर अनपढ़,गंवार लोगो को भी दवा बेचने का अधिकार आसानी से मिल जाता है। इसके लिए महज 1500 से 2000 रुपये वाले फार्मासिस्ट या बी फार्मा की ही जरूरत दिखावे के रूप में होती है।नियमानुसार दवा दुकाने तब तक ही संचालित की जा सकती है जब तक फार्मासिस्ट उपलब्ध हो अन्यथा दुकान बंद रहेगी
किसी भी दवा दुकान में नही होता है नियमो का पालन—- अगर देखा जाए तो रायगढ़ जिले में लगभग 700 के करीब दवा दुकानों के लाइसेंस बने हुए है मगर ताजुब्ब की बात तो यह है कि किसी भी दवा दुकानदार के द्वारा नियमो की किसी भी कंडिका का शत प्रतिशत पालन नही किया जाता। नियमानुसार दवा दुकान की आलमारियों में कांच लगे होने चाहिए,एयरकंडीशनर लगा होना चाहिए,दुकान की छत पर ढलाई होनी चाहिए,दुकान का साइज कम से कम 10×10 होना चाहिए, मरीजो के लिए बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए,शेड्यूल ‘H’ की दवाओं का रजिस्टर होना चाहिए,जानवरो की दवाओं की आलमारी पृथक होनी चाहिए,दवा की बिक्री करते समय बिल काटे जाने चाहिए, दवा के लाइसेंस फ्रेमिंग सहित डिस्प्ले होने चाहिए, आदि इतने कड़े नियम है कि कोई भी ऐरा गेरा दवा दुकान संचालित नही कर सकता।
सालाना फिक्स नजराना मिलता है ओषधि निरीक्षक को —— जानकर सूत्रों के अनुसार प्रत्येक दवा दुकानदार केमिस्ट एशोसिएशन के माध्यम से सालाना 5000₹ ओषधि निरीक्षक के लिए निकालता है। इस अनुसार लगभग 35 लाख ₹ तो ऊपरी आय होती है। यदा कदा दवा दुकानों के निरीक्षण के नाम पर लेन देन अलग चलता है। रायगढ़ जिले की दवा दुकाने मात्र 3 निरीक्षको के रहमो कर्म पर चल रहे है। यदि ड्रग इंस्पेक्टर ईमानदारी से कार्य करे तो शहर की आधी से अधिक दवा दुकानों के लाइसेंस निरस्त हो सकते है। आज तक ड्रग विभाग ने किसी एक दवा दुकान पर कोई कड़ी कार्रवाई की हो,ऐसा न सुनने में आया न पढ़ने में आया। श्याम टाकीज चौक पर स्थित दवा दुकान महज 10×3 के साइज में संचालित हो रही है तो,सत्तीगुड़ी चौक पर 6×8 की साइज में संचालित हो रही है। चांदनी चौक पर भी कुछ ऐसा ही हाल है कमाल तो तब हो जाता है कि दवा दुकानदार स्वयं कम्पाउंडर बनकर मरीजो को सुई तब ठोक देता है। क्रमशः—–