
टूटी कलम रायगढ़—छत्तीसगढ़ प्रदेश के बहुचर्चित,हाईवोल्टेज,बलात्कार मामले की आग अब ठंडी पड़ने लगी है। मध्यप्रदेश के रींवा से प्रदेश की राजधानी रायपुर, रायगढ़ सहित आसपास के प्रदेशो में इसकी जमकर धमक सुनाई दी क्योंकि मामला प्रतिष्ठित समाजसेवी एवं करोड़पति ठेकेदार से सम्बंधित था।
क्या था पूरा मामला—- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के सियासी एवं समाजिक गलियायरो में उस वक्त भूचाल आ गया जब गत 26/06/2021 को किसी प्रियंका पटेल नामक 22 वर्षीय युवती ने रींवा के विश्वविद्यालय महिला थाने में अपने सांथ रायपुर में हुए रेप की लिखित शिकायत दर्ज करवाते हुए आरोप किसी 50 वर्षीय सुनील अग्रवाल/ पिता राधेश्याम अग्रवाल निवासी ऐश्वर्या रेजीडेंसी रूम नम्बर 70 सिविल लाइंस रायपुर पर लगाते हुए उल्लेख किया किया कि वह रायपुर की ट्रैवल एजेंसी में काम करती थी। जहां सुनील ने आकर उसे दुगुने वेतन देने का लालच देकर अपने सांथ ले गया एवं सुनील ने रूम नम्बर 70 में चाय में नशीली दवा मिलाकर उसे पिलाया एवं बेहोश हो जाने पर उसके सांथ दुष्कर्म किया। बाद में सुनील उसे जहां भी बुलाता था तो वह चली जाती थी।हर बार सुनील उसके इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाता रहा एवं नौकरी देने के नाम पर टरकाता रहा एवं अपने बीच बन रहे सम्बन्धो को किसी से बतलाने पर उसे जान से मरवाने की धमकियां देता रहा एवं उसपर हमला भी करवाया। वह किसी तरह छिपते छिपाते रायपुर से रींवा पहुंची एवं साहस बंटोरकर लिखित शिकायत दर्ज करवाई। विश्वविद्यालय थाना ने मामला शून्य में कायम कर अग्रिम कार्रवाई के लिए डायरी रायपुर के तेलीबांधा थाने भेज दी गई। रिपोर्ट दर्ज होने की खबर लगते ही सुनील अपनी अग्रिम जमानत के लिए राजनैतिक,धन बल का सहारा लेकर हाईकोर्ट में अर्जी लगा दी। जिस पर माननीय हाईकोर्ट ने मामले की डायरी तलब की है ताकि सुनील की जमानत पर विचार किया जा सके।
युवती ने अपना बयान पलट दिया—सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थिया ने अपना बयान पलट दिया है एवं सुनील को पहचानने से भी इंकार कर दिया है। उसका कहना है कि आरोपी तो सुनील ही है परन्तु यह सुनील( लेन्धरा) नही है। जो कि रायगढ़ वाले सुनील के लिए राहतभरा कथन हो सकता है।
अपने की बयान में उलझ रही है प्रार्थिया— 1.जब पहली बार ही उसके सांथ बेहोशी की हालत में रेप हुआ तो उसने चुप्पी क्यो साध ली ? 2.बार बार सुनील के बुलावे पर मिलने क्यूँ गई ? 3.लिखित शिकायत में उक्त दोनों मोबाइल नम्बर किसके है 9425250—,95894—– किसके है? ये नम्बर उसे किसने उपलब्ध करवाए ? लिखित शिकायत में दर्ज ऐश्वर्या रेजीडेंसी रूम नम्बर 70 रायपुर का मालिक अथवा किरायेदार कौन है ? बलात्कार की दिनांक 4/4/20 बतलाई गई है तो लिखित रिपोर्ट लगभग 15 माह बाद क्यो और किसके कहने पर दर्ज करवाई गई ? प्रार्थिया ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर भी आरोप लगाया है कि उसकी रिपोर्ट छत्तीसगढ़ में नही लिखी गई । सुनील के पास स्वयं के दर्जनों लग्जरी वाहन है तो भला वह ट्रेवल्स एजेंसी क्यो जायेगा भला ?
धनकुबेर सुनील लंगोट का इतना भी कमजोर नही है— कहते है कि अनाप शनाप धन आने से इंसान में बहुत सी कमियां आ जाती है। जिसमे प्रथम रँगेलिया होती है। सुनील के पास इतना धन है कि वह किसी भी मॉडल,अभिनेत्री के सांथ खानपान,मौज-मस्ती कर सकता है तो वह भला इधर उधर जीभ क्यूँ ललचाएगा। बरहाल सुनील को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल जाये,वह बाइज्जत बरी हो जाये,पूरा केस खात्मा हो जाये मगर माथे पर जो कलंक लगा है। वह किसी भी तरीके से मिटाया जाना असंभव है क्योंकि लोग तो यही बोलेंगे की सेठ ने धनबल से सबको खरीद लिया। टूटी कलम
लोगो की पहचान करनी होगी सुनील को—-कहते है कि विपत्ति में साया भी सांथ छोड़ देता है–यह कहावत सुनील पर चरितार्थ हो गई है– जब तक सुनील पर बलात्कार का आरोप नही लगा था तब तक तथाकथित लोग समाज के ठेकेदार राम के नाम से ज्यादा सुनील के नाम की माला जप रहे थे। समाजसेवी,उदार व्यक्ति,दोस्त, मित्र,सखा,20-30 सालों से दोस्ती की बात करने वालो ने सुनील को मझधार में छोड़कर कन्नी काट ली,जिन लोगो पर सुनील के एहसान है। वे अपने अपने व्यवसाय में मगन रहे। जिन लोगो के घर के चूल्हे भी सुनील के द्वारा की गई मदद से जलते है। उन्होंने भी अपने अपने मुंह छिपा लिए। अब सुनील को जरूरत है कि लोगो की पहचान कर सम्बन्ध रखे। सुबह- शाम सुनील की अगुवाई में होने वाले जमावड़े में अपने आप को धन्य समझने वाले शुभचिन्तको के माथे पर शिकन तक न आई। प्रतिदिन अलसुबह सुबह की सैर करने वालो के लिए उक्त वाक्या जायकेदार बन गया था एवं पहले की अपेक्षा लोगो की संख्या में इजाफा हुआ है ।








