गांजा (Cannabis या marijuana), एक मादक पदार्थ है जो गांजे के पौधे से भिन्न-भिन्न विधियों से बनाया जाता है। इसका उपयोग मनोसक्रिय मादक (psychoactive drug) के रूप में किया जाता है। मादा भांग के पौधे के फूल, आसपास की पत्तियों एवं तनों को सुखाकर बनने वाला गांजा सबसे सामान्य (कॉमन) है। गांजा का सेवन करने पर व्यक्ती की उत्तेजना बढ जाती है। गांजे मे मिलाई जाने वाली तम्बाकू मिरजी कर्करोग ( Cancer ) का प्रमुख कारण है। गांजा व्यसनी लोगों के चेहरे पर काले दाग ( spots ) पड जाते है। गांजा के पौधे के औषध से मनोरुग्ण का ईलाज किया जाता है। फ्रान्स के लोग आत्मविश्वास बढाने के लिए गांजा का सेवन करते है। दुनिया का सबसे बेहतरीन ( Best ) गांजा मलाना हिल्स हिमाचल में ऊगता है।

मादा भांग के पौधे के फूल, आसपास की पत्तियों एवं तने को सुखाकर बनाया गया गांजा

गाँजे का (मादा) पौधा पुष्पित होता हुआ
नारी पौधों के फूलदार और (अथवा) फलदार शाखाओं को क्रमश: सुखा और दबाकर चप्पड़ों के रूप में गाँजा तैयार किया जाता है। केवल कृषिजात पौधों से, जिनका रेज़िन पृथक् न किया गया हो, गाँजा तैयार होता है। इसकी खेती आर्द्रएवं उष्ण प्रदेशों में भुरभुरी, दोमट (loamy) अथवा बलुई मिट्टी में बरसात में होती है। जून जुलाई में बोआई और दिसंबर जनवरी में, जब नीचे की पत्तियाँ गिर जाती हैं और पुष्पित शाखाग्र पीले पड़ने लगते हैं, कटाई होती है। कारखानों में इनकी पुष्पित शाखाओं को बारंबार उलट-पलट कर सुखाया और दबाया जाता है। फिर गाँजे को गोलाकार बनाकर दबाव के अंदर कुछ समय तक रखने पर इसमें कुछ रासायनिक परिवर्तन होते हैं, जो इसे उत्कृष्ट बना देते हैं। अच्छी किस्म के गाँजे में से १५ से २५ प्रतिशत तक रेज़िन और अधिक से अधिक १५ प्रतिशत राख निकलती है। टूटी कलम
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिलों में रोजाना कई कई क्विंटल अवैध गांजा पुलिस पकड़कर उसकी कीमत राष्ट्रीय मानक के गांजा से जोड़ती है। जिसपर पकड़ाये गांजा की कीमत बेहद कम होती है। यदि 7 क्विंटल अर्थात 700 किलो गांजा पकड़ाया जाता है तो उसकी अधिकतम कीमत 700×10000=70,000,00 सत्तर लाख होती है। वह भी तब जब गांजा फाइन क्वालिटी का हो तब,अन्यथा यही गांजा साढ़े तीन लाख का भी हो सकता है। जानकार गंजेड़ी बतलाते है कि ओड़िसा से आने वाले गांजे की कीमत 10 हजार रुपए प्रति किलो से अधिक होती ही नही है।वह भी तब जब गांजा पूरा स्मूथ होता है।
पुलिस अपनी शाबासी पाने के लिए गांजा का मूल्य हिमांचल प्रदेश में उगने वाले उत्कृष्ट क्वालिटी के गांजा से तुलना कर जोड़ देती है। इस तरह से 35 लाख रुपये के मूल्य का पकड़ाया गांजा। बैठे बिठाये डेढ़ करोड़ का बन जाता है।

