
टूटी कलम रायगढ़—कला एवं संस्कृति को पहचान देने वाले अंतराष्ट्रीय स्तर के कला सम्राट,कत्थक कला में निपुण,महाराजा स्वर्गीय राजा चक्रधर सिंह के जन्मोत्सव पर गणेश चतुर्थी से 10 दिनों तक रायगढ़ की पावन धरा पर सुर, ताल,छंद, कत्थक, ओडिसी,कुचिपुड़ी, भरतनाट्यम,पंडवानी,अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की बयार बहती है। जिसमे शिरकत करने देश के नामचीन ख्यातिलब्ध कलाकर ख्वाहिशमंद रहते है। महाराजा चक्रधर समारोह प्रदेश सरकार के द्वारा करवाये जाने वाला पूर्ण शासकीय कार्यक्रम है।

मेहमान नवाजी के लिए शहर में उनके रुकने ,आराम करने के स्थल कम थे। जिस वजह से जिला प्रशासन ने कोड़ातराई मुख्य मार्ग पर पटेल पाली के आगे एक बहुमंजिला,सर्वसुविधायुक्त आकर्षक,वातानुकूलित भवन बनवाया था कालांतर में शहर में बड़े बड़े होटल बन जाने की वजह से लाखों रुपये खर्च कर बनवाया गया। यह शासकीय भवन अपनी पहचान खो चुका है। पर्यटन विभाग की अनदेखी की वजह से धीरे धीरे “चक्रधरा कॉटेज”अतिक्रमण के आक्टोपसी पंजे में जकड़ा जा रहा है।

शिवम फूड प्रोसेसिंग (पोहा मिल)—का मालिक इस भवन को निगलने की पूरी तैयारी में लगा हुआ है। इस भवन के सामने के रास्ते पर टिन का शैड डालकर भवन का मार्ग अवरुद्ध कर सामने की सड़क खोद डाली गई है। सम्भवतया पोहा मिल का मालिक चक्रधरा कॉटेज का उपयोग गोदाम के रूप में न करने लग गया हो ? इस भवन तक पहुंच मार्ग पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है। रात के समय उक्त भवन के सभी कमरों की जलती लाईट विद्युत विभाग की कार्यशैली की भी पोल खोल रहा है। जब यह भवन उपयोगी नही है तो इसमें जलने वाली लाइटों के बिल का भुगतान कौन और क्यों कर रहा है।
जिला प्रशासन यदि इस ओर कोई ठोस कार्रवाई नही करेगा तो भविष्य में शायद इस भवन को पोहा मिल वाला अपना बतलाकर 152% पटाकर अपनी संपत्ति बना सकता है। महाराजा चक्रधर सिंह के वारिसानो को भी चाहिए कि उनको बुजुर्गों के नाम पर बनी सम्पत्ति पर कोई छेड़छाड़ न कर सके। क्षेत्र के युवा एवं ऊर्जावान विधायक प्रकाश नायक से भी लोगो को अनेक अपेक्षाए है कि उक्त विषय पर अपने तीखे तेवर अपनाये। टूटी कलम