टूटी कलम समाचार रायगढ़—– बघेल वर्सेस बाबा के बीच चल रही रस्साकशी में बघेल विजेता बने हुए है। प्रत्येक मामले में मां बेटे की हाईकमान पार्टी ने बघेल का पक्ष मजबूत करते हुऐ बाबा को हाशिये पर रखा गया है। कहते है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। बघेल की तगड़ी लॉबिंग के कारण पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी को अंतिम सांस तक कांग्रेस प्रवेश के लिए दिल्ली दरबार में हाजिरी बजाई किंतु मां बेटे के कानों पर जूं तक नही रेंगी,जिस वजह है कांग्रेस को 15 साल तक सत्ता में वापसी के लिए गांव गांव की खाक छाननी पड़ गई। कांग्रेस से अलग होकर जोगी ने अपनी लोकप्रियता का ऐहसास 8 सीट जीतकर करवा दिया था एवं लगभग 15 सीटो पर जोगी जनता कांग्रेस 2रे स्थान पर रहकर भाजपा को 3रे स्थान पर धकेल दी। वह तो लगातार भाजपा के 15 साल के शासन से जनता उकता कर टेस्ट परिवर्तन के हिसाब से कांग्रेस को सत्ता सौपी परन्तु कांग्रेसी 15 साल से भूखों की तरह टूट पड़े और खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने लगे जिससे ब्यूरोक्रेसी बेलगाम होकर कांग्रेसी विधायक,मंत्री के गुण गाकर खिलाओ और खाने दो की तर्ज पर कार्य कर रही है। जो ब्यूरोक्रेसी आज कांग्रेस के गुण गा रही है। कल वही भाजपा के गुणगान करते नही थकेंगी। यह ब्यूरोक्रेसी की मजबूरी है कि “कोई हो राजा हमे क्या हानि” टूटी कलम समाचार
2003 की गलती दोहराने जा रही है कांग्रेस—स्व.अजीत जोगी को कांग्रेस से अलग करना भारी पड़ गया। वही गलती दुबारा मां -बेटा टी एस सिंहदेव को हर मुद्दे पर नीचा दिखलाकर कर रही है। माना कि बाबा में जोगी के जैसा चुम्बकीय आकर्षण नही है। जोगी प्रदेश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता थे। यह बात बाबा में नही है परन्तु जनता की सहानुभूति बाबा के सांथ है। कदम कदम पर बाबा को मुंह की खानी पड़ रही है। जो कि कांग्रेस के लिए शुभ संकेत नही है। टूटी कलम समाचार
उम्र के पड़ाव पर बाबा का भटकाव सही नही है—उम्रदराज हो रहे बाबा कभी दिल्ली तो कभी भोपाल तो कभी रायपुर तो कभी अम्बिकापुर का फेरा लगाना बाबा की उम्र,प्रतिष्ठा के खिलाफ है।बाबा के सांथ कांग्रेस ठीक उसी तरह का व्यवहार कर रही है। जिसे अजीत ने अंतिम क्षणों तक सहन किया था। जब प्रादेशिक स्तर के नेता को कोप भवन में रहना पड़ गया तो बाबा का प्रभाव मात्र सरगुजा क्षेत्र तक ही सीमित है। टूटी कलम समाचार
उप शब्द मात्र झुनझुना के अतिरिक्त कुछ नही — जिस किसी संस्था,संगठन में उप शब्द का ओहदा होता है। वह बेअसर,बेप्रभाव मात्र खुश करने वाला होता है।उसके पास शक्तियों के उपयोग का नितांत अभाव रहता है। जिसे दूसरी भाषा मे “पर कटे पक्षी” कहा जाता है। टूटी कलम समाचार