टूटी कलम विश्लेषण…सूत्र बतलाते है कि लैलूंगा में हुए दोहरे हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री के आदेश पर पुलिस महानिदेशक ने एस आई टी जांच टीम का गठन कर प्रत्येक पहलुओं पर बारीकी से छानबीन करने लैलूंगा रवाना किया है परंतु लैलूंगावासी एवँ मृतकों के परिजन अब भी एस आई टी की टीम से जांच को लेकर असंतुष्ट है क्योंकि पुलिस के अधिकारियों ने पहले ही जांच पूरी कर प्रेस वार्ता के माध्यम से नाबालिगों द्वारा हत्या करना बतलाया था। जो लोगो के जेहन में नही उतर सकी थी। लैलूंगा वासियो एवँ मृतकों के परिजनों का मानना है कि उक्त मामले की जांच निजी जांच कम्पनियों अथवा बिलासपुर संभाग के बाहर अन्य संभाग की पुलिस से जांच करवाने के आदेश पुलिस महानिदेशक को देने चाहिए ताकि वे निष्पक्ष होकर बगैर दबाव के जांच को गति देने में सफल होते। इस हत्याकांड में कई पेंच फंसे हुए है और पुलिस द्वारा बतलाए गए हत्याकांड का रूप अपचनीय सरीखे हो गया है। टूटी कलम विश्लेषण
हत्याकांड से सम्बंधित कुछ सवाल है जो लोगो के अंदर ही अंदर उथल पुथल मचाये हुए है। जैसे कि… (1)हत्या का समय रात 12 से 2 बजे के बीच बतलाया जाना और नाबालिगों द्वारा रात 2.28 पर स्कूल मैदान में बैठकर शराब का सेवन करना।(2) 12 से 15 वर्ष के नाबालिगों द्वारा 2 बड़े लोगो की तकिया दबाकर हत्या कर देना और वह भी तब जब वे जाग चुके हो तब, यदि 2-2 बच्चे भी 1-1 का मुंह तकिए से दबाए तब भी असम्भव है। (3) क्या चखना चोर,पान पाउच चोर 2 लोगो की हत्या कर सकते है,वह भी जब वे निहथे हो तब (4) पुलिस का स्नेफर डॉग घटना स्थल से सूंघकर गायत्री मन्दिर तक दौड़ा मगर वह बगल की चखना दुकान की ओर क्यो नही दौड़ा (5) जब चखना के मालिक ने दुकान में चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई तब पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा देखकर नाबालिगों पर शिकंजा कस डाला जबकि उससे पहले पुलिस मृतक के ड्राइवर को हत्यारा मान ली थी (6) दोहरे हत्याकांड के बाद कितनी नगद रकम,जेवर गायब हुए इस पर भी अब तक पर्दा पड़ा हुआ है और जितने मुंह उतनी बातें हो रही है (7) ऊंचाई पर स्थित रोशनदान की लोहे की जाली क्या नाबालिग आरोपी काटने में सक्षम है,जब वे जाली काट रहे थे तब क्या किसी ने नही देखा और सुनसान रात में कटने की आरी चलने की तेज ध्वनि किसी ने न सुनी (8) मृतक के जागने पर भी नाबालिग हत्यारो से संघर्ष के कोई निशान नही होना भी बहुत बड़ी चुगली कर रहे है,मृतकों ने अपने बचाव के लिए हो हल्ला नही मचाया या हाँथ पैर भी नही चलाये (9) दोहरी हत्या हो जाने पर भी नाबालिग अन्य प्रांत क्यो नही भागे (10) हत्या के बाद सीसीटीवी का डीवीआर निकाल ले जाना क्या नाबालिगों के प्री प्लान के तहत तय था (11) मृतक मदन मित्तल मार्निंग वाक पर जाया करता था,हो सकता हो उसके जाने के बाद अंजू मित्तल की हत्या कर हत्यारे मदन मित्तल के लौटने का इंतजार करते रहे हो एवं उनके लौटने पर उनकी भी हत्या कर दी गई हो क्योंकि मदन मित्तल की लाश फूल लोवर या पेंट एवँ टी शर्ट पहने अवस्था मे बेड पर उस हालत में पाई गई मानो वे आकर पलंग के किनारे बैठे हो तभी हत्यारो ने उन पर भी अप्रत्याशित हमला कर शांत कर दिया गया हो(12) मदन-अंजू मित्तल की लाशें एकदम नार्मल हालत में पाई गई थी मानो वे हत्यारो के अत्यंत करीबी हो जिसपर उनके चेहरे पर आश्चर्य के भाव भी न आये हो। टूटी कलम विश्लेषण
बरहाल यह हत्याकांड इतना आसान नही था। जिस आसानी से इसे हल कर दिया गया। अब यह देखना है कि जांच में जुटी एस आई टी टीम किस परिणाम तक पहुंचकर रहस्योद्घाटन करेगी। टूटी कलम समाचार