@टिल्लू शर्मा◾टूटी कलम डॉट कॉम# रायगढ़/ पशुपालन विभाग में कोर्ट में केस लंबित होने के बावजूद बेसिक पे 4570 ₹ से बढ़ाकर 15,600 ₹ देकर दिया जा रहा था सांतवे वेतनमान का लाभ ….. जब खुलासा हुआ तो दिया जाने लगा पुराना वेतन.. जानें क्या है मामला ? पढ़े खबर
रायगढ़, 01 नवंबर। पशुपालन विभाग में कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी के बाद भी मनमानी और भ्रष्टाचार जारी है। कलेक्टर ने जांच के बाद भर्ती निरस्त करने का आदेश दिया गया था, लेकिन उप संचालक ने चतुराई से आवेदकों को स्टे लेने का रास्ता दे दिया। कोर्ट में केस लंबित था लेकिन उन्हीं कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दे दिया गया था। इसका खुलासा किया गया तो आनन-फानन फिर से पुराना वेतनमान दिया जाने लगा।
जाने पूरा मामला – यह मामला वर्ष 2012 का है। पशुपालन विभाग रायगढ़ में चतुर्थ वर्ग कर्मचारी भर्ती परीक्षा ली गई थी। अपात्रों को पात्र बनाने के लिए नियम विरुद्ध कूटरचना की गई और विभागीय कर्मचारियों के रिश्तेदारों को चयनित कर लिया गया। इसकी शिकायत होने पर तत्कालीन कलेक्टर अमित कटारिया ने जांच करवाई थी। शिकायत सही मिली तो उन्होंने भर्ती निरस्त करने तत्कालीन उप संचालक डॉ. एसडी द्विवेदी को आदेश दिया था। उप संचालक ने केवल तीन कर्मचारियों को नोटिस दिया और अन्य ब्लॉकों में पदस्थ कर्मचारियों को बिना नोटिस के जल्दबाजी में बर्खास्त कर दिया।उन कर्मचारियों को अदालत से राहत दिलाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया। टूटी कलम
44 कर्मचारियों के बर्खास्तगी पर कोर्ट ने स्टे दिया और तब से मामला लंबित है। इस वजह से कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका नहीं बनी है। लेकिन वर्तमान उप संचालक डॉ. आर एच पांडेय ने इन कर्मचारियों को सातवां वेतनमान स्वीकृत किया था। फिर से इसकी शिकायत हुई तो विभाग में खलबली मच गई। पूर्व में में इसका खुलासा किया था। इन कर्मचारियों का बेसिक पे 4570 रुपए से बढ़ाकर 15600 रुपए कर दिया गया था। खुलासे के बाद कर्मचारियों का बेसिक पे फिर से 4750 कर दिया गया है।
कोई अतिरिक्त राहत नहीं
अदालत ने कर्मचारियों यथावत सेवा करने की राहत दी थी, लेकिन सातवें वेतनमान को लेकर याचिका पर कोई आदेश नहीं दिया। इधर उप संचालक डॉ. आरएच पांडेय ने नियम विरुद्ध सातवां वेतनमान दे दिया। आनंद विकास मेहरा ने इसकी शिकायत की थी। जबकि 44 कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि, अवकाश स्वीकृति का लाभ नहीं दिया जाता तो फिर बिना सेवा पुस्तिका के सातवां वेतनमान कैसे दिया गया। जिन कर्मचारियों के वेतनमान वापस हुए उनमें गणेश नाग, आत्माराम भगत, गौरीशंकर पटेल, मनीष साहू, शीतल यादव आदि हैं। टूटी कलम