🏹 टिल्लू शर्मा 🖋️ टूटी कलम रायगढ़ ….. स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव के द्वारा अपने मंत्री पद के प्रभाव से एक विभाग से अपना त्यागपत्र दे दिया है। जिसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो उठा जबकि हकीकत यह है कि बाबा के पास कई विभाग है। जिनके वे मंत्री हैं मलाईदार विभाग स्वास्थ्य,परिवार एवम कल्याण मंत्रालय, जीएसटी मंत्रालय 20 सूत्रीय कार्यक्रम,चिकित्सा शिक्षा का कार्य बाबा के कंधो पर है। इसी भी व्यक्ति को एक ही विभाग के पद की जिम्मेवारी देनी चाहिए ताकि कार्य आसानी से पूरे हो सके। उम्र दराज हो चुके हैं बाबा को इतनी जिमेवारिया नहीं दी जानी चाहिए थी। एक तो बढ़ती उम्र उस पर कार्य का दबाव तीस पर उनकी मंशा रूप कार्य संपादित ना होना ईगो हर्ट का कारण बन जाना कोई विशेष बात नहीं है। अपनी बात या अपनी मंशा पूरी ना होने पर इस पड़ाव के बुजुर्गों को गुस्सा आ जाना एक स्वभाविक प्रक्रिया है। जिसे अन्यथा नहीं लिया जाना चाहिए। टूटी कलम

4 पन्नों का त्यागपत्र संभवतह पहली बार देखा गया है….. जहां तक देखा गया है कि किसी के द्वारा भी त्यागपत्र 4 पन्नों का ना देकर 8 – 10 लाइन में ही लिखकर दे दिया जाता है. बाबा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर नाराजगी व्यक्त करते हुए लंबा चौड़ा त्यागपत्र दिया है. जिसके बाद राजनीति हलको एवं मीडिया जगत में हड़कंप सा मच गया। जबकि वास्तविकता यह है कि उन्होंने अपने विभागों के मंत्रालय में से एक मंत्रालय से त्यागपत्र दिया है ना कि संपूर्ण मंत्री पद त्यागा है। बताया जा रहा है कि बाबा ने मुख्यमंत्री से 10,000 करोड रुपए का बजट की अनुमति चाही थी।जिस पर मुख्यमंत्री ने अपनी कोई राय व्यक्त नहीं की, बाबा यह चाह रहे थे कि प्रदेश के 8,00000 लोगों को आवास मिल सके। यहां यह बतलाना लाजिमी है कि सरकार के द्वारा बनाए गए पूर्व के अटल आवास जर्जर अवस्था में एवं लोगो को आबंटन किए जाने के बावजूद भी खाली पड़े हुए हैं। इस वजह से सरकार की यह योजना 10000 करोड रुपए को पानी में डालने के समान साबित होगी।

एक विभाग एक मंत्री होने से सारे कार्य शांतिपूर्ण एवं आसानी से क्रियान्वित हो सकते हैं…… सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि एक विभाग की जिम्मेदारी एक विधायक को देकर उसको मंत्री पद से भी नवाजा जा सकता है ताकि जो भी विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचते हैं. उनको भी बराबर सम्मान एवं हक का दर्जा दिया जा सके. ऐसी व्यवस्था होने पर जनहित,मानव कल्याण आदि के मुद्दे आसानी से हल किए जा सकते हैं.

