👀 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़… पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में ईडी के द्वारा छापेमारी की गई जिससे रायगढ़ भी अछूता नहीं रहा. ईडी की छापेमारी की चर्चाएं पूरे रायगढ़ शहर में प्रत्येक पान दुकानों,मूंगफली ठेलो,शराब के अहातो मैं होने लगी और छन छन कर मीडिया तक पहुंचने लगी.भला मीडिया वाले हाथ आए अवसर को कैसे चूकने देते. मुफ्त में दी जाने वाली सलाह,चर्चाओं के अनुसार रायगढ़ शहर के प्रत्येक वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी,नेता, ठेकेदार, कबाड़ी, भू माफिया, कोल माफिया, शराब माफिया, उद्योगपतियो,व्यवसाईयो, पर ईडी के द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए थी. पिनक में लोग अपना बदला भंजाने एवम स्वयं को बुद्धिमान साबित करने की खातिर निगम के ठेकेदार तक के नाम लेने से पीछे नहीं रहे. यदि शराब के अहातो में पहुंच कर ईडी के द्वारा लोगों की चर्चा सुनी जाती तो शायद रायगढ़ शहर के छोटे-छोटे दुकानदारो एवं जो लोग नया व्यवसाय प्रारंभ कर रहे हो अथवा नया घर बना रहे हो, जमीन खरीदने वालों, वाहन खरीदने वालों पर ईडी के द्वारा छापेमारी की जानी चाहिए थी।
रायगढ़ कलेक्टर के बंगले पर ईडी जब जांच करने पहुंची तब उन्हें बंगले पर कलेक्टर अनुपस्थित मिली थी। जिसकी जानकारी लगते ही अफवाहों का बाजार के जी से गर्म होने लगा और लोग तरह-तरह की अफवाहें उड़ाने में लग गए । किसी ने कहा की कलेक्टर दिल्ली चली गई है, तो किसी ने कहा वे भूमिगत हो गई है, तो किसी ने कहा कि वे रायपुर गई है, तो किसी ने कहा कि ईडी के द्वारा रायपुर के किसी होटल के चौथे माले पर आईएएस अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। जिनमें रायगढ़ कलेक्टर भी उपस्थित है। मगर इन सब अफवाहों की हवा तब निकल गई जब कलेक्टर रानू साहू अपनी माइनर सर्जरी हैदराबाद से करवा कर बंगले पर लौट आई एवं ईडी के अधिकारियों की पूछताछ का जवाब संतुष्टि पूर्ण एवं पूरे आत्मविश्वास के साथ दिया। जिसके बाद ईडी की टीम कलेक्ट्रेट स्थित खनिज विभाग की शाखा पर जांच के लिए जा पहुंची। ईडी की टीम यहां पहुंचने पर भी पान दुकानों, होटलों एवं खोमचे वालों की दुकानों पर नई नई अफवाह है सुनने को मिलती रही।
कलेक्टर रानू साहू के विषय में गूगल पर जानकारियां एकत्रित की जा सकती है जिस पर साफ लिखा है कि रानू साहू में निर्णय लेने की असामान्य क्षमता है एवं वे किसी भी परिस्थिति में घबराने एवं डरने वाले अधिकारियों में से नहीं है। इनके द्वारा प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल एवं वर्तमान सरकार में कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल के दबाव में आकर कार्य करने से स्पष्ट इंकार कर दिया गया था। जिस वजह से जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर रानू साहू के कार्यप्रणाली से ना खुश होते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शिकायत का पुणे सचिवालय में स्थानांतरित करने का निवेदन किया था किंतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर रानू साहू की कार्यप्रणाली से खुश होते हुए उन्हें कोरबा कलेक्टर के पद से हटाकर औद्योगिक,खनिज जिले रायगढ़ के कलेक्टर पद पर स्थानांतरित कर उनके प्रभाव में वृद्धि कर दी। ईडी की छापेमारी में कलेक्टर रानू साहू का नाम आने पर अमर अग्रवाल एवं जयसिंह अग्रवाल के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। मगर छापेमारी की कार्रवाई में क्या कुछ हुआ ? इसकी जानकारी ना लगने पर दोनों राजनीतिक पार्टी के नेताओं के समर्थकों में मायूसी छा गई।
