महिला से दुष्कर्म के आरोपी इरफान अली (40 साल) निवासी जगतपुर रायगढ़ एवं बालिका से दुष्कर्म के आरोपी राजा बंधन उर्फ राजपाल (30 साल) निवासी बापू नगर थाना कोतवाली को हिरासत में लिया गया है । जानकारी के अनुसार कल दिनांक 02.11.2022 को थाना कोतवाली आकर महिला द्वारा आरोपी इरफान अली घर में बुलाकर शारीरिक संबध बनाने और इस कृत्य में उसकी बहन यास्मिन मसीह, शायरा बानो और संदीप लकड़ा द्वारा सहयोग करना बताते हुये लिखित आवेदन पेश किया गया । पीड़ित महिला बताई कि आरोपी इरफान अली के शाहीन बिरयानी सेंटर ढिमरापुर में काम करने वालों से अच्छा जान पहचान था । इरफान की बहन यास्मिन मसीह, सायरा बानो अपने पास रखेंगे और देखरेख करेंगे कहकर बुलाने पर उनके साथ थी । वर्ष 2010 में एक दिन इरफान अकेली पाकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। जब इस बात को उसकी बहन सायरा को बताई तो वे डराये धमकाये और किसी को भी नहीं बताना कहकर धमकी दिये । उसके बाद कई बार इरफान होटल और कई जगह संबंध बनाया, जिसके साथ संदीप लकड़ा भी रहता था । युवती के आवेदन पर आरोपी इरफान अली, यास्मिन मसीह, शायरा बानो और संदीप लकड़ा पर धारा 376, 376(छ), 506, 34 आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर *आरोपी इरफान अली पिता मीर इरशाद अली उम्र 40 साल निवासी जगतपुर ढिमरापुर थाना कोतवाली रायगढ़* को हिरासत में लिया गया है । शेष आरोपियों की पतासाजी की जा रही है।
इस मामले में सबसे हैरान कर देने वाली बात यह सामने आ रही है कि जब आरोपी ने प्रार्थिया के साथ सन 2010 मैं दुष्कर्म किया था तो वह 12 वर्षों तक किस वजह से खामोश रही एवं ऐसा कौन सा कारण उत्पन्न हो गया कि उसको एक दशक के पश्चात अपने साथ हुए बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करवानी पड़ गई। जन चर्चा एवं दिमाग का इस्तेमाल करने पर यह बात सामने आ रही है की 12 वर्षों के पश्चात प्रार्थिया के मन में जमीन जायदाद,बंटवारे संबंधित विचार आने के बाद या फिर अपने परिजनों,जान परिचय वालों के के भड़कावे में आकर मामला पुलिस में दर्द करवाया गया। पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए बगैर जांच पड़ताल किए बिरयानी का व्यवसाय करने वाले शख्स को आरोपी बनाकर जेल दाखिल करवा दिया गया। जबकि अन्य मामलों में पुलिस नौ दिन चले अढ़ाई कोस की तर्ज पर भी नहीं चल पाती है।
संविधान में बदलाव किया जाना आवश्यक हो चुका है…. महिलाओं के द्वारा पुरुष समाज पर अनावश्यक दबाव डालने की वजह से पुरुष समाज हर पल भय के साए में जी रहा है। महिलाओं के द्वारा पुलिस में दर्ज करवाने जाने वाली वाले छेड़छाड़ एवं दुष्कर्म से संबंधित मामलों की विवेचना होने के पश्चात ही किसी को आरोपी घर आने का कार्य पुलिस के द्वारा किया जाना चाहिए ना कि बगैर जांच पड़ताल विवेचना के रिपोर्ट दर्ज कर ली जानी चाहिए। घर में काम करने वाली बाइयों, दुकानों , कार्यालयों में कार्य करने वाली सेल्स गर्ल आदि का कार्य करने वाली महिलाओं एवं युवतियों के लिए 354 एवं 376 ब्रह्मास्त्र का रूप ले चुका है। जी शेरों का दाना अत्यंत ही आवश्यक है अन्यथा आधे से ज्यादा पुरुष कृष्ण की जन्मस्थली (जेल) पहुंचा दिए जाएंगे
बगैर सहमति के बलात्कार किया जाना असंभव होता है…. शास्त्रों एवं ज्ञानवर्धक साहित्यो में यह लिखा देखा जा सकता है कि किसी भी महिला के साथ एक या दो पुरुष किसी भी तरीके से जोर जबरदस्ती करने में सफल नहीं हो पाते है। जब तक की महिला को पूरी तरह से हताश, बेहोश न कर दिया जाए या फिर बंधनों से ना बांधा जाए। सफलता दोनों की सहमति होने पर ही पाई जा सकती है। जिसे पुलिस भी भलीभांति समझती है और न्यायालय भी पूरी तरह से वाकिफ रहती है परंतु हमारे देश के संविधान में महिलाओं को आवश्यक एवं अनावश्यक रूप से छूट प्रदान करके महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है। जिस वजह से पुरुष समाज दिनोंदिन महिलाओं के सामने कमजोर साबित होता जा रहा है।