🎤 टिल्लू शर्मा ✍️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़… दिनांक 26. 10.2022 की शाम को शहर के युवा व्यवसाई मयंक मित्तल ( मिट्ठू )के द्वारा आत्महत्या कर लेने की वजह से उसकी अंतिम यात्रा में जुआ एवं सट्टा के विरोध में तख्तियां थामे लोग मुक्तिधाम गए क्योंकि मिठ्ठू के द्वारा बहुत बड़ी धनराशि जुआ एवं सट्टा मे हार जाना उसकी आत्महत्या का कारण माना गया था।घनघोर आश्चर्य के साथ पूरे शहर में जन चर्चा बन गई कि जो लोग स्वयं जुआ सट्टा के पक्षधर हुआ करते हैं और जिन लोगों की नजदीकियां जुआरियों,सटोरियों,खाईवालों से हुआ करती है । वे ही लोग जुआ सट्टा का विरोध करते दिखलाए दिए। आखिर इसका कारण क्या है ? यह किसी के समझ में नहीं आया।समय-समय पर सटोरियों,खाईवालों से चंदा लेकर कई तरह के सामाजिक,धार्मिक,राजनीतिक कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता दर्ज करवाना जिन लोगो की आदत में शुमार हो चुकी है। वे अपने आकाओं का विरोध किस वजह से कर रहे हैं। मिट्ठू के अंतिम क्रिया कर्म के बाद समाज विशेष को उद्वेलित करने का प्रयास किया गया एवम जिसकी आड़ में सर्व समाज का सहारा लेने की नाकाम कोशिशें की गई। पूर्ण रूप से धार्मिक एवं सामाजिक माने जाने वाली संस्था “श्याम मंडल” के सदस्यों के द्वारा पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा गया था. जिसके बाद सर्व समाज की आंखें खुल गई कि कुछ लोगों के द्वारा सर्व समाज के नाम पर पुलिस पर अनावश्यक दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जब कुछ लोगों के द्वारा क्रिकेट सट्टा के खाए वालों के नामों की सूची जारी की गई तब उसमें यह देखा गया की अधिकतर खाईवाल समाज विशेष से ही ताल्लुक रखते हैं।
दबाव बढ़ने के पश्चात रायगढ़ पुलिस के द्वारा उन 4 लोगों को चिनहांकित 03 लोगो गिरफ्तार किया गया। जो पुलिस के अत्यंत करीबी माने जाते हैं जिनकी बैठक प्रतिदिन सिटी कोतवाली थाने में देखी जाती रही है। इन लोगों के द्वारा शहर की बड़ी लॉजो में किराए पर कमरे लेकर पुलिस के संरक्षण में एक डेढ़ साल से 52 परियों का खेल बेहिचक,बेखौफ खिलवाया जाता रहा है एवं क्रिकेट टूर्नामेंट की श्रृंखला चलने पर बड़ी स्क्रीन वाले एलईडी टीवी को देखते हुए क्रिकेट सट्टा भी खिलवाया जाता रहा है। क्रिकेट सट्टे की ताश के पत्तों की बीमारी कोई नई नहीं है। मिठ्ठू से पहले भी कई युवा व्यवसाईयों के द्वारा बड़ी रकम हारने के बाद आत्महत्या की जा चुकी है।
11 दिनों का अल्टीमेटम का समय पूरा हुआ… पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर 11 दिनों के भीतर शहर के सभी सट्टेबाजों को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दिया गया था। जिसका समय पूर्ण हो चुका है अब यह देखना है की ज्ञापन सौंपने वाले किस तरह का उग्र आंदोलन, धरना,प्रदर्शन करेंगे। जबकि पुलिस 4 लोगों में से 3 को ही गिरफ्तार कर जेल भेजने में सफल हो पाई है। एक अन्य आरोपी अब तक फरार है जबकि उसे शहर में घूमते फिरते देखा जा सकता है। मामला तूल पकड़ने के पश्चात पुलिस ने एक लॉज का सीसी टीवी चेक कर डीवीआर जप्त किया गया था। जिसके पश्चात पुलिसिया कार्रवाई शिथिल पड़ गई। पुलिस के द्वारा डीवीआर जप्त करने के पश्चात एवं मृतक के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल,मैसेज निकालने के बाद किसी अन्य को आरोपी नहीं बनाया गया और ना ही लाजो के संचालको पर कोई शिकंजा कसा गया।
रायगढ़ पुलिस ने दिखाई चतुराई, एक आरोपी को 3 दिनों की रिमांड पर ले आई…… रायगढ़ पुलिस के द्वारा लोगों के मुंह बंद करने की वजह से 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे गए 3 आरोपियों में से एक आरोपी करण चौधरी को पूछताछ करने के नाम पर 3 दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया गया था. जिसकी खबर मिलने के बाद शहर में जुआ एवं सट्टा का ऊपरी विरोध करने वालों के होश फाख्ता हो गए और वे सब पुलिस से सेटिंग करने में लग गए। इधर पुलिस रिमांड पर लिए गए करण चौधरी बड़े ही इत्मीनान और बेफिक्री से 3 दिनों तक सिटी कोतवाली में बगैर किसी सुरक्षा इंतजाम के थाने में लगे एलईडी टीवी पर क्रिकेट मैच देखने के पश्चात वापस जेल निरुद्ध हो गया। थाने में करण चौधरी के भागीदार, शुभचिंतक, हितेषी, मित्र, मीडिया वाले 3 दिनों तक अपनी उपस्थिति थाने में देते रहे और उसका कुशल क्षेम जानते रहे। 3 दिनों की पुलिस रिमांड मिलने के पश्चात लोगों के मन में यह भ्रम उत्पन्न हो गया था की पुलिस करण से सख्ती से पूछताछ करेगी ना बतलाने पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करेगी। जिसके लिए करण को पुलिस नियंत्रण कक्ष, कोतरा रोड थाना, चक्रधर नगर थाना, जुटमिल चौकी, ले जाया जा सकता है। जिसके बाद करण के कहने पर कई,जुआरियों,सटोरियों को हिरासत में ले लेगी। मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ पुलिस के द्वारा मीडिया के माध्यम से काफी हो हल्ला मचाते हुए करण को रिमांड पर लाया गया और चुपचाप शांतिपूर्ण तरीके से वापस जेल भेज दिया गया। इन 3 दिनों के भीतर जुआरियों एवं सटोरियों की दिल की धड़कन बढ़ गई थी। जिनको मीडिया वाले के माध्यम से नियंत्रण में रखकर बड़ा खेल खेल दिया गया। करण जब तक सिटी कोतवाली में रहा तब तक तथाकथित मीडिया वाला वहां से हिला तक नहीं। उसने चाय, नाश्ता, खाना में ही खाया और कोतवाली में आने वाले जुआरियों एवं सटोरियों के साथ पुलिस की लेन देन की सेटिंग करवाई गई।3 दिनों तक जितनी शांति और आराम से पुलिस थाने में करण रहा इतनी शांति और आराम उसको घर पर भी नहीं मिलता होगा।