🎤 टिल्लू शर्मा ✍️ टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़…. रायगढ़ किले की बहुप्रतीक्षित माता के उपहार ड्रा निकाले जाने का कार्यक्रम संपन्न हुआ. इवनिंग मेलोडी आर्केस्ट्रा रायगढ़ के कलाकारों ने भक्ति गीत गाकर उपस्थित जनसमूह को बांधे रखा. जोकि उपस्थित दर्शकों, श्रद्धालुओं, अतिथियों की मजबूरी रही थी. यदि दुर्गा पूजन समिति के द्वारा आर्केस्ट्रा का प्रोग्राम नहीं रखा जाता तो शायद उपस्थित जनसमूह चिल्लपो, नारेबाजी एवं हुल्लड़ बाजी करने पर उतारू हो जाते क्योंकि सब की मंशा यही थी कि ड्रा के परिणाम शीघ्रता शीघ्र निकाले जाएं ताकि दिलों में हो रही तेज धड़कने सामान्य रूप से चलती रह सके. लगभग अपने निर्धारित समय से डेढ़ घंटे के पश्चात शुरू होने वाले कार्यक्रम को लेकर लोगों में भारी नाराजगी देखी गई थी. कार्यक्रम में पधारे मुख्य अतिथि,अतिथि विशिष्ट,अतिथि,गणमान्य नागरिक, विशेष रुप से संघ भाजपा एवं भाजयुमो से जुड़े रहने वाले ही थे. डॉक्टर प्रकाश मिश्रा, गुरुपाल भल्ला, पुरुषोत्तम अग्रवाल (पप्पू सेठ) रामचंद्र शर्मा, मंजुल दीक्षित, अरुण कातोरे, प्रवीण द्विवेदी रामजाने भारद्वाज दिलीप दिलराज सिंह,बानू खूंटे,गणेश, अमित, विकास, युवराज आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे। ये सभी चेहरे भाजपा से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। जिसको देखकर या मासूम हो रहा था कि उक्त कार्यक्रम दुर्गा पूजन समिति के द्वारा नहीं अपितु भाजपा के द्वारा करवाया जा रहा है। बेहतर यही होता कि उक्त कार्यक्रम को भाजपा के कार्यालय में आयोजित कर दिया जाना था।
अतिथियों को मंच से बार-बार मंचासीन करवा कर बार-बार उतारा गया…. कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे अतिथि पहले मंच से नीचे बैठे रहे फिर उन्हें ऊपर आमंत्रित किया गया. जहां ड्रा निकाले जाने के नियम कानून बदला कर उन्हें मंच से नीचे उतारा गया। आर्केस्ट्रा पार्टी के द्वारा तो भजन गाने के पश्चात अतिथियों को पुनः मंच पर लाकर गुलदस्ते एवं माता की फोटो देकर सम्मानित किया गया। जिसके बाद उन्हें फिर से मंच से नीचे उतार दिया गया। जिसके बाद फिर से एक बार पुनः भजन गायन किया जाने लगा। जिसके कारण आमंत्रित अतिथि धीरे-धीरे करके कार्यक्रम स्थल से खिसक लिए।
बाहर से आए एंकर अभिलाषा अग्रवाल भी कोई खास जादू ना कर पाई… लक्ष्मी सबसे बड़ी फोटो रायपुर से पधारे अभिलाषा अग्रवाल की थी जिसे की मिस छत्तीसगढ़ 2016 एवम 2017 2018 में भी सुंदरता के कई उपाधि से सम्मानित किया जाना बतलाया जा रहा था। जिनको देखने के लिए उपस्थित जनसमूह किसी भी तरह से उत्साहित नजर नहीं आए और ना ही लोगों ने उनके साथ सेल्फी लेने की ऑटोग्राफ लेने की किसी भी किस्म की आपाधापी दिखलाई नहीं दी। अभिलाषा के मंच पर पधारने के पश्चात भी दर्शक गण,श्रोता गण,ने किसी भी तरह का वेलकम, वेलकम ना बोला गया और ना ही तालियां बजाकर उनका स्वागत किया गया और ना ही हूटिंग हुई और ना ही शीटियां बजी। जबकि उनके मंच पर उपस्थित होने से पहले काउंट डाउन कर माहौल को रोमांचक बनाने का असफल प्रयास किया गया। अभिलाषा के द्वारा मंच पर इस तरह की एंकरिंग नहीं की गई कि जिससे लोग प्रभावित हो सके।
नहीं बिके हुए कूपन भी पेटी में डाले गए…. ड्रा के समय उपस्थित जन समुदाय में ड्रा निकालने को लेकर काफी ज्यादा रोष देखा गया क्योंकि जिन नंबरों के कूपन नहीं बिके थे उन्हें भी पेटी में मिला दिया गया था । जिस वजह से कंप्यूटर के द्वारा बतलाया जाता था कि निकाले गए नंबर का कूपन समिति के पास ही है जो बिका नहीं है। इस वजह से उसके स्थान पर अन्य नंबर निकाले गए। इस कारण देर से शुरू हुआ कार्यक्रम में और देर होती चली गई।
बच्चों की पहुंच से बहुत ऊपर रखी गई थी ड्रा की पेटी… लोगों में इस बात को लेकर राहत थी कि ड्रा की पर्चियां बच्चों के द्वारा निकाली जाएगी परंतु ड्रा की पेटी मंच से नीचे टेबल पर रखी गई थी। जिसके अंदर डाली गई पर्चियां बच्चों के द्वारा एक एक कर निकाली गई। यह देखा गया कि ड्रा पेटी बच्चों की पहुंच से काफी ऊपर थी फलस्वरूप बच्चों को गोद में उठाकर उठाकर पर्चियां निकलवाई गई। बच्चे भी पेटी के अंदर से उन्हीं पर्चियों को निकालने में सफल हो पा रहे थे जो कि उनके हाथ में आ सकती थी। जिस वजह से दर्शक दीर्घा में बैठे कई लोगों के द्वारा पर्चियों को बारंबार मिलाकर,ऊपर नीचे करते रहने के विषय में बोला जाता रहा। छोटे उपहार जिन्हे कि सांत्वना पुरस्कार भी कहा जा सकता है । उन्हें निचले क्रम से निकालना शुरू किया गया था और बढ़ते बढ़ते होम थिएटर के पुरस्कार के तक पहुंच कर एक बार पुनः ड्रा निकालना बंद कर ऑर्केस्ट्रा शुरू करवा दिया गया। जिसके बाद उपस्थित जनसमूह धीरे-धीरे करके खिसकना करना शुरू कर दिए थे। जिसका कारण देवउठनी एकादशी का पर्व माना जा सकता है या फिर सर्द रात में गहराते कोहरे की वजह से अचानक से ठंड बढ़ जाने की वजह से या फिर आयोजन समिति के द्वारा किए जा रहे लेटलतीफी से नाराज होना माना जा सकता है।
लकी ड्रा के कार्यक्रम का संचालन कर रहे पत्रकार से आर्केस्ट्रा संचालक ने माइक वापस लिया…. माता के बंपर प्रसाद के कार्यक्रम का संचालन अति उत्साहित मीडिया कर्मी के द्वारा किया जा रहा था एवं कार्यक्रम को ब्रेक देते हुए मीडिया वाले ने आर्केस्ट्रा की एंकरिंग शुरू कर दी एवं वह बतलाने लगे गए की इवनिंग मेलोडी ऑर्केस्ट्रा का लुफ्त उठाइए माता के भजनों के साथ एवं रायपुर से आई है एंकर अभिलाषा अग्रवाल की एंकरिंग देखिए जो फलां, फलां की विजेता रह चुकी है। इसके आगे और कुछ परिचय मीडियाकर्मी करवा पाते तभी आर्केस्ट्रा के प्रमुख गायक ने आपत्ति दर्ज करते हुए यह कहकर माइक वापस मांग लिया गया की अब मंच का संचालन ऑर्केस्ट्रा पार्टी के ऐंकर के द्वारा किया जाएगा। जिसके बाद मीडिया कर्मी को मंच से नीचे आकर दर्शक दीर्घा में बैठना पड़ गया।
लकी ड्रा के कार्यक्रम के समय भारी अव्यवस्था देखी गई…. कार्यक्रम के दौरान आमंत्रित अतिथियों, पत्रकारों एवं गणमान्य नागरिकों के लिए अलग से बैठक व्यवस्था नहीं की गई थी. जिस वजह से उन्हें दर्शक दीर्घा की अग्रिम पंक्तियों पर बैठना पड़ा. इसके अतिरिक्त लाखों रुपए के इनाम निकाले जाने के कार्यक्रम में रायगढ़ सांसद रायगढ़, विधायक, निगम सभापति, निगम के पार्षद, नेता प्रतिपक्ष, पूर्व विधायको, कद्दावर नेताओं की अनुपस्थिति के विषय में लोगों के द्वारा एक दूसरे के कान में खुसुर -फुसुर करते हुए सुना गया।
बरहाल लकी ड्रा निकालने में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई. जिन जिन भाग्यशाली विजेताओं के द्वारा इनाम जीते गए थे. उन्हें तत्काल कंप्यूटर महाशय से सहायता लेकर मोबाइल फोन के द्वारा विजेताओं को तत्काल सूचना दे दी गई. नंबर एक पर बंपर इनाम के रूप में वैगनआर कार कटरा निकाले जाने पर ड्रा की पर्ची समिति के नाम से निकल गई। जबकि उक्त नंबर का कूपन किसी के द्वारा भी नहीं खरीदा गया था किस वजह से पुनः पर्ची निकाली गई जो किसी त्रिपाठी नामक महिला के नाम से बिक्री की गई थी उक्त महिला ओडिशा रोड स्थित पार्क सिटी कॉलोनी की रहने वाली कंप्यूटर महाशय ने बतलाया, इसी तरह बुलेट मोटरसाइकिल की पर्ची गे्रवानी के रहवासी कांग्रेस नेता अशोक अग्रवाल के नाम पर खरीदी गई थी, इसी तरह एक्टिवा स्कूटर सरिया के निवासी के नाम पर निकली जिन्हें तत्काल सूचना दे दी गई।
दक्षिण चक्रधर नगर अतरमुड़ा दुर्गा समिति के आशीष ताम्रकार (गुड्डा) ने बताया कि जिन जिन लोगों को कूपन बुक बेचने के लिए उपलब्ध करवाई गई थी. उनके द्वारा दिलचस्पी ना दिखाते हुए कूपन नहीं बेचे गए जिस वजह से आधे से अधिक कूपन बुक समिति के पास वापस आ गई. दुर्गा मंडप पर उपलब्ध करवाए गए कूपन के बिकने की वजह से पुरस्कारों की में लगी लागत लटपट करके माता रानी के आशीर्वाद से पूरी हो पाई. पुरस्कारों की लागत के अतिरिक्त खर्चा काटने के पश्चात जो भी रकम शेष रहेगी उसे अगले नवरात्रि पर माता रानी की सेवा में लगा दी जाएगी एवं आयोजन और भव्यता के साथ किया जाएगा. शेष रकम किसी भी रुप से ब्याज में चला कर समिति के द्वारा अतिरिक्त कमाई नहीं की जाएगी. 1 साल तक पूरी रकम बैंक में माता रानी के नाम से जमा रहेगी. जिसे पिकनिक,पार्टी, किसी भी सामाजिक शोभायात्रा के नाम पर खर्च नहीं किया जाएगा। जैसा कि कुछ दुर्गा समितियों, संघों के द्वारा किया जाता रहा है।