💣 टिल्लू शर्मा ✍️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़… 90 के दशक के पश्चात रायगढ़ जिले में छोटे, बड़े, मंझोले उद्योगों की ऐसी बाढ़ आई की देश के नामी-गिरामी उद्योगपति टाटा, अडानी,अंबानी,जिंदल आदि ने रायगढ़ जिले में ही अपने उद्योग लगाने एवं कोल माइंस का ठेका लेने में दिखलाने की वजह से रायगढ़ जिले का नाम प्रदेश स्तर से होता हुआ राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जाना पहचाना जाने लगा। रायगढ़ जिले में उत्तर प्रदेश,बिहार,बंगाल, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान आदि प्रांतों के उद्योगपतियों ने आकार अपने व्यवसाय को विस्तृत रूप से फैलाना शुरू कर दिया। कोयले का बहुत बड़ा क्षेत्र एवं अकुक कोयले का भंडार होने की वजह से स्पंज आयरन, पावर प्लांट, रोलिंग मिल,फर्नेस आदि उद्योग तेजी से लगाए जाने लगे।




स्थानीय लोगों का नाम गिनती में भी शामिल नहीं है…… ताज्जुब की बात यह है कि रायगढ़ खरसिया के नामी-गिरामी उद्योगपति धनाढ्य कल आने वाले लोगों का नाम रायगढ़ जिले के 100 धनाढ्य लोगों की सूची से भी बाहर हो चुका है। किसी समय में सिरमौर रहने वाले व्यवसायिक फर्मों का नामोनिशान तक नहीं है। रायगढ़ के लोग एवं रायगढ़ की मीडिया बाहर से आकर उद्योग स्थापित करने वालों को पूरा समर्थन दे देते हैं। भले ही उद्योग स्थापित करने में आदिवासियों की भूमि, सरकारी भूमि,नालों,तालाबों पर वैध अवैध कब्जा भी क्यों न किया जाता हो परंतु उद्योग लगने के पहले विरोध के स्वर ठंडे पड़ जाते हैं। विकास के नाम पर हजारों लाखों पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई जाती है परंतु विरोध करने वाले चांदी के चंद सिक्कों के तले अपनी जुबान गिरवी रख देते हैं। तब ना किसी कलम चलती है और ना ही किसी तरह की आपत्ती दर्ज करवाई जाती है। जिस वजह से बाहर से आकर अपना व्यवसाय फैलाने वाले लोग दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करते हुए इस ऊंचे स्तर तक पहुंच चुके हैं कि अब रायगढ़ जिले में ईडी एवं आयकर विभाग ने अपनी नजरें ततेर रखी है। प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी, ठेकेदार, उद्योगपति,कोल व्यवसाई, ट्रांसपोर्टर, राजनीतिक दलों के लोग इन विभागों की सूची में शामिल किए जा चुके हैं। देर सवेर सभी के ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग के द्वारा दस्तावेज खंगाले जा सकते हैं।
संकट के समय सब अपनी दूरी बना लेते हैं… अक्सर यह देखा जाता है कि इंसान जब संकट में होता है तो उसके चिर परिचित, जान पहचान वाले, करीबी लोग, रिश्तेदार, मित्र सब दूरी बना लेते हैं. समय-समय पर मीडिया मैनेजमेंट के नाम पर दिया जाने वाला आर्थिक सहयोग उस समय पानी में डाल देना लगता है। जब मीडिया वाले संकट के समय फंसे व्यवसायियों, उद्योगपतियों के समाचार प्रमुखता से चलाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। या सर्वविदित है की अल्प समय में ही अकूत धन-संपत्ति अर्जित कर लेने पर वे आयकर विभाग के रडार पर आ ही जाते हैं और आयकर विभाग के द्वारा की जाने वाली कार्रवाई को मीडिया वाले नमक मिर्च लगाकर पेश करते हैं।
ईडी एवं आईटी की लगातार छापेमारी शहर के बड़े रसूखदारो,व्यवसायियों के यहां होने से पूरा शहर अपने आप को गौरवान्वित महसूस करने लगा है, क्योंकि इन लोगों की वजह से रायगढ़ का नाम प्रदेश स्तर के अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर पर भी जाना जाने लगा है। रायगढ़ का नाम बतलाने के पश्चात अन्य प्रांत के लोग समझ जाते हैं कि सामने वाला कुबेर नगरी का रहने वाला है।