🔭 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ पिछले दिनों कोतरा रोड थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोसमनारा पेट्रोल पंप के पास हुई एक सड़क दुर्घटना में आदर्श चौहान नामक एक युवक की मौत हो गई थी जिसकी खबर पाकर वार्ड वासियों ने फुटा रोड थाने का घेराव करते हुए चक्का जाम कर दिया था। जहां पर मृतक के गैर परिजनों के द्वारा काफी मोहल्ला मचाया गया। मृतक की माता का तो नहीं पता मगर स्वयं को मृतक की बुआ बतलाने वाली महिला ने छाती पीट-पीटकर कोहराम मचा दिया था। वही थाने के भीतर शिक्षित दिखने वाली महिला ने महिला डीएसपी निकिता तिवारी से काफी सवाल जवाब किए। दूसरे शराब पार्षद पति मुरारी भट्ट के द्वारा यह बताया गया कि किसी लाल रंग की कार से एक्सीडेंट होने के पश्चात उक्त घटना घटी है परंतु पार्षद पति ने यह नहीं बतलाया की लाल रंग की कार किसकी है ? एवं उसे कौन चला रहा था ? कार का रजिस्ट्रेशन नंबर क्या है ? वे मृतक के लिए निर्धारित सरकारी राशि 25000₹एवं बीमा कंपनी की तरफ से मिलने वाली छतिपूर्ति की राशि मृतक के परिजनों को दिलवाने मैं ही सक्रिय दिखलाई दिए। यहां यह बतलाना लाजिमी है कि बीमा कंपनी के द्वारा कई महीनों के पश्चात एवं दबाव देने के बाद क्षतिपूर्ति की राशि दी जाती है।
कोतरा रोड थाने के घेराव की खबर पाकर पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी थाना पहुंचकर मोर्चा संभाल लिए। वहां पर नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय ने सड़क पर बैठते हुए विलाप कर रही महिला को सांत्वना देते हुए समझाइश दी गई। जिसकी जन चर्चा एवं अभिनव उपाध्याय की प्रशंसा पूरा शहर कर रहा है। वही महिला डीएसपी निकिता तिवारी ने भी अपना धैर्य रखते हुए थाने के भीतर चीखती एवं चिल्लाती शिक्षित सरीखे दिखने वाली महिला के चीखने चिल्लाने पर संयम से काम लेते हुए पूरे मामले को शांत करवा दिया।
दुर्घटना का दिलचस्प पहलू… थाने के घेराव की खबर खेलते ही मीडिया कर्मियों ने कोतरा रोड थाने का रुख कर समाचार बनाने शुरू कर दिए। जब मीडिया कर्मियों को इस बात का पता चला कि दुर्घटनाकारित लाल रंग की डस्टर कार किसी पुलिसकर्मी की है। जिसके बाद मीडिया कर्मियों ने अपना पूरा समाचार पुलिस के प्रति समर्पित करते हुए यह जानने का प्रयास नहीं किया गया की डस्टर कार कौन चला रहा था एवं कार की फोटो खींचना भी गंवारा नहीं समझा। कार का रजिस्ट्रेशन किसके नाम पर है, पुलिस के द्वारा किसको आरोपी बनाते हुए, कौन सी धारा लगाई गई एवं आरोपी को जेल दाखिल करवाया गया या नहीं इन सब बातों से शहर की जनता एवं पाठक गण पूरी तरह से अनिभिज्ञ हैं।
हमने विषय की गंभीरता समझते हुए पहले ही लिख दिया था की निजी वाहनों में पुलिस लिखकर चलाया जाना गैर कानूनी कार्य है। जबकि छत्तीसगढ़ में पुलिस के वाहनों के लिए सीजी 03 नंबर मान्य होता है। लेकिन इन दिनों यह देखा जा रहा है कि सैकड़ों निजी वाहनों में पुलिस का स्टीकर लगा कर देखो पूरे जिले में भ्रमण किया जाता है। इसलिए पुलिस को चाहिए कि जिस किसी वाहन में भी पुलिस, छत्तीसगढ़ शासन, प्रेस, मीडिया एवम स्वयं के पद का उल्लेख करती लगी नाम प्लेट वाली नंबरों के वाहनों के लिए लगातार चेकिंग अभियान शुरू किया जाना चाहिए। जैसा कि माना जाता है की सभी मीडिया वाले इतने सक्षम नहीं होते की उनके द्वारा लग्जरी कारों की सवारी की जा सके। इस तरह के लिखे वाहनों के जरिए निश्चित रूप से अवैध कार्यों को बेधड़क होकर अंजाम दिया जाता है जिसकी पूरी पूरी संभावनाएं है। लॉकडाउन के दौरान अवैध गतिविधियों में शामिल प्रेस लिखें कुछ चार पहिया वाहनो रायगढ़ पुलिस के द्वारा जप्त किया गया था। इन दिनों अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के द्वारा प्रेस, पुलिस के नाम का इस्तेमाल कर गलत कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। भविष्य में कोई बड़ी घटना ना हो इसकी खातिर पुलिस का चेकिंग अभियान अति महत्वपूर्ण हो चुका है।





