🎤 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ बैंको पर सरकार और जनता का शुरू से ही विश्वास रहा है लेकिन अब कुछ बैंक धोखाधड़ी की ब्रांच बनते जा रहे हैं। जिनका कार्य आम जनता को शातिराना तरीके से ठगना बन गया है धोखाधड़ी का उदाहरण पंजाब नेशनल बैंक की रायगढ़ ब्रांच ने पेश कर दिखाया है।
पंजाब नेशनल बैंक ने रायगढ़ की एक पेडी प्रोसेसिंग मिल की प्रोप्राइटर को लोन दिया था। जिसकी अदायगी में चूक होने पर प्रोप्राइटर ममता गुप्ता को चार करोड़ छप्पन लाख अन्ठान्नबे हजार चार सौ चौरालीस रूपये की वसूली नोटिस जारी कर दिया एवं लगभग 10 करोड़ रूपये की राईस मिल को नीलाम करने की चेतावनी देना शुरू कर दिया। लेकिन जब कर्जदार ने यह जानना चाहा कि उसे एक बार खाते का विवतरण दिखा दिया जाए कि उसकी लोन रकम साढ़े चार करोड़ से भी ज्यादा कैसे पहुँच गई है, तब पंजाब नेशनल बैंक ने खाते का स्टेटमेंट देने से साफ मना कर दिया । इतना ही नहीं बल्कि बैंक ने देनदारी के लोन एकाउंट को आनलाइन ब्लाक भी कर दिया, ताकि कर्जदार को यह पता न चल सके कि उसका हिसाब-किताब क्या है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक शाखा रायगढ़ के शाखा प्रबंधक द्वारा साम-दाम-दण्ड-भेद नीति का इस्तेमाल करते हुए कर्जदार पर दबाव बनाया जाने लगा कि वह बैंक के कोरे फार्म में हस्ताक्षर कर दे। लेकिन कर्जदार ने ऐसा न कर सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार आशीष कुमार मिश्रा को अपने साथ हुए हुई धोखा घड़ी के विषय पर बतलाया । जिसके बाद मिश्रा चेम्बर की ओर से पंजाब नेशनल बैंक के उच्च अधिकारियों को कानूनी नोटिस भेजकर। चाहा कि वे अपने ग्राहक को उसके खाते का स्टेटमेंट उपलब्ध करावें क्योंकि ग्राहक का यह संवैधानिक अधिकार है कि वह अपने खाते की जानकारी प्राप्त कर सके। लेकिन मिश्रा चेम्बर की नोटिस पाने के बाद भी बैंक अपनी जिद पर अड़ा रहा, लिहाजा इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रिट याचिका नंबर 1686/2023 पेश कराई गई, जिसमें हाईकोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक को निर्देश दिया कि वह अपने ग्राहक को उसके खाते का स्टेटमेंट अविलंब उपलब्ध करावें ।
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पंजाब नेशनल बैंक ने कर्जदार की देनदारी में छियालिस लाख एक हजार दो सौ अठासी रूपये की कटौती कर दिया एवं देनदारी का पूरा हिसाब ही बदल दिया, तब यह स्थिति उजागर हो गई कि पंजाब नेशनल बैंक द्वारा अपने ग्राहक के साथ धोखाधड़ी करके छियालिस लाख रूपये से भी ज्यादा रकम की ठगी करने का इरादा रख ही उसके एकाउंट को आनलाइन ब्लॉक किया था एवं एकाउंट विवरण देने से इंकार कर रहा था ।
यह धोखाधड़ी उजागर होने पर कर्जदार ने पंजाब नेशनल बैंक के धोखेबाज अधिकारियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के लिये बैंकिंग लोकपाल सहित विभिन्न अधिकारियों के समक्ष शिकायत पेश किया है एवं मिश्रा चेम्बर के मार्फत अग्रिम कार्यवाही प्रारंभ करने की तैयारी शुरू कर दिया है।
इस समूचे प्रकरण में वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार-आशीष कुमार मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब नेशनल बैंक ने अपने ग्राहक के साथ जो कृत्य किया है, वह भारतीय दण्ड विधान की धारा 417, 420, 465, 466, 467, 468, 471 के तहत दण्डनीय अपराध है एवं अपराधी बैंक अधिकारियों को उनके इस अपराधों के लिये दण्डित कराने हेतु कर्जदार की ओर से पुलिस में रिपोर्ट की जा रही है, एवं यदि उसे पुलिस से न्याय न मिला, तो न्यायालय में आपराधिक प्रकरण पेश कर न्याय दिलाया जाएगा ।