टिल्लू शर्मा की कलम से— हम बेशक कोरोना के संक्रमण से 1 माह की जंग जीत चुके हैं और इस जीत को आगे बरकरार रखने के लिए किसी भी किस्म की ढिलाई हार में बदल सकती है ।जिस तरह से पुलिस प्रशासन ने जनता का, स्वास्थ्य कर्मियों का, चिकित्सा कर्मियों का,मीडिया कर्मियों का, निगम कर्मियों का, स्वागत गुलाब फूल एवं पोस्टर देकर किया वह वाकई काबिले तारीफ है परंतु हमें आने वाले खतरे से बेखबर नहीं होना है। इसके लिए जरूरी है कि एक माह और किसी भी तरह से कम खा कर, गम खा कर जीवन गुजारे तो हमारा भविष्य उज्जवल हो सकता है । इंसान को कमाना धमाना, काम करना तो आजीवन है और यह तभी संभव है जब जीवन रहेगा । जब जीवन ही नहीं रहेगा तो हाय हाय करने से क्या फायदा होगा।
जैसा कि समाचारों के माध्यम से मालूम हो रहा है कि रायगढ़ जिले के करीबी जिलों में एवं जिलावर्ती सीमा के करीब उड़ीसा राज्य के सीमा से सटे हुए जिलों में कोरोना वायरस के संक्रमण की दस्तक हो चुकी है । इस हेतु एहतियातन जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को कड़े कदम उठाने ही होंगे जिसके लिए पूरी जनता को सहयोगात्मक रवैया अपनाना ही पड़ेगा तभी हमारा जिला, हमारा शहर, हमारे गांव, कोरोना संक्रमण से मुक्त रह सकते हैं
जिस तरह से पूर्व में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने सब्जी मार्केट, राशन दुकाने, मिल्क पार्लर, दवाई दुकाने, एवं पेट्रोल पंप को सुबह 5:00 बजे से 9:00 बजे तक खोलने की ही अनुमति दी थी। जिसके कारण शहर में कोरोना संक्रमण ने अपने पैर नहीं फैला पाये एवं इसी निर्धारित समय सीमा के अंदर पुलिस प्रशासन का जोर भी शहर के चौक चौराहों पर दिखलाई पड़ जाता था जिसके कारण से बेवजह, बेतकल्लुफ, घूमने वाले, घुमंतू किस्म के लोगों को दंड के रूप में धूप में खड़े रहने की, उठक बैठक करने की, दंड बैठक लगाने की, कुकड़ू बैठने की, मुर्गा बनने की, सजा दी जाती थी जिसके कारण इस तरह की सजा पाए व्यक्ति भविष्य में दोबारा ना निकलने की हिम्मत जुटा पाये और ना ही देखने वाले कभी बेवजह घूमने का कारण बन सके
रायगढ़ शहर एक औद्योगिक शहर के नाम से पूरे देश भर में जाना पहचाना जाता है ।बड़े बड़े उद्योगों की स्थापना के कारण यहां पर बाहर से आने जाने वाले श्रमिकों, विदेशों से आने वाले इंजीनियरों, श्रमिकों, का बाहुल्य शहर है परंतु जिला दंडाधिकारी यशवंत कुमार जिला पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के कड़े तेवर के कारण सब स्थिर हो गए एवं बाहर से किसी के न आने के कारण कोरोना ने अपने पैर यहां नहीं पसार पाए
कोरोना का प्रथम चरण, द्वितीय चरण, तृतीय चरण, चतुर्थ चरण कैसा होता है और इसके क्या लक्षण होते हैं यह किसी ने आज तक ना समझा है ना जाना है इसके लक्षण एवं इससे निजात दिलाने के उपायों पर अभी रिसर्च चल रहा है। जिसके आने के बाद ही इस कोरोना नामक बीमारी पर विजय प्राप्त की जा सकती है अन्यथा यह सारे चरण सब बेकार साबित हो जाते हैं। जबकि नए नए रोगी प्रतिदिन हजारों की संख्या में बढ़ रहे हैं कल तक खुशियां मना रहे थे कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में केवल 3 लोग ही कोरोना संक्रमित रोगी अपना इलाज करवा रहे हैं बाकियों की अस्पतालों से छुट्टी की जा चुकी है परंतु यह खुशी एक ही पल में काफूर हो गई। जब मालूम चला की पड़ोसी जिले सरगुजा में एक साथ 10 लोग कोरोना संक्रमित नए मरीज पाए गए ।जिनके बारे में यह कहा जा रहा है कि ये 10 लोग हजारों लोगों के संपर्क में आए थे। जिनमें बड़े बड़े अधिकारी,मंत्री, विधायक, मीडिया कर्मी, पुलिसकर्मी आदि भी शामिल है। जिनके बारे में पता लगाना असंभव ही नहीं नामुमकिन है। वही जशपुर जिले में एक कोरोना का मरीज पाए जाने की खबर भी है तो वही पड़ोसी राज्य उड़ीसा के सुंदरगढ़ एवं ब्रजराजनगर में भी कोरोना के संक्रमित मरीज पाए गए हैं ।सनद रहे उड़ीसा की यह दोनों जिले सुंदरगढ़ एवं झारसुगुड़ा जिला से शहर की दूरी 100 किलोमीटर के दायरे में आती है। जहां से रोजाना तरह-तरह सामग्रियों का व्यवसाय निर्बाध गति से एवं सुचारू रूप से चल रहा है। जिसमें मादक पदार्थ गांजा, अंग्रेजी शराब, देसी शराब, तंबाकू की आवक रोजाना हो रही हैं और जो पकड़ा गया वह पकड़ा गया और जो बच निकला वह शहंशाह बन निकला काफी अंतराल से सरिया मार्ग से नशीली दवाओं का पकड़ा ना जाना एक आश्चर्य का विषय निश्चित रूप से हो सकता है। इन दिनों मेडिकल सप्लाई लगे स्टिकर वाहनों की रेलम पेल मची हुई है एवं एंबुलेंस भी बेरोकटोक के सरपट दौड़ रही है। जिनकी जांच पड़ताल करना नितांत आवश्यक है क्योंकि खरसिया, रायगढ़ में बड़े-बड़े दवा व्यापारी है जो बेदाग तो हो ही नहीं सकते। जब सामान्य दिनों में रोजाना अवैध प्रतिबंधित कोडिंन सिरप पकड़ाई जाती है तो अब कर्फ्यू लगने के बाद इस नशीली प्रतिबंधित कोडीन सिरप की मांग ज्यादा ही होनी चाहिए क्योंकि शराब दुकानें एक माह बंद है ।ऐसे में नशेड़ीओं को सस्ता, सुलभ, सुरक्षित एवं आसानी से मिलने वाला नशा कोडिन सिरप में ही मिल सकता है। जिसको पीकर नशेड़ी व्यक्ति तृप्त तो नहीं पर संतुष्ट जरूर हो सकते हैं ।अतः जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए एवं पूर्व की तरह सुबह 5:00 से 9:00 तक ही कर्फ्यू में ढील दी जानी चाहिए साथ ही जिले से लगने वाली दूसरे जिलों की सीमा पूरी तरह से सील कर दी जानी चाहिए साथ ही नगर सीमा में प्रवेश करने से पहले चारों ओर बैरिकेड से होकर आने जाने लायक मार्ग बना देने चाहिए ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति नगर सीमा के अंदर बगैर अति आवश्यक कारण के प्रवेश न कर सके।