🎤 टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ रायगढ़ शहर में इन दिनों दोनों दलों के नेताओं के द्वारा छोटे-छोटे कार्यो पर स्वयं की शाबाशी लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसे साफ शब्दों में सस्ती लोकप्रियता, ओछी मानसिकता कहा जा सकता है। रायगढ़ शहर के लिए नासूर बन चुके रेलवे अंडर ब्रिज के नव निर्माण का कार्य जिंदल उद्योग के द्वारा सीएसआर मद के तहत शुरू किया गया है। जिसके बन जाने पर उसका लाभ पूरे शहर वासियों के अतिरिक्त ग्राम वासियों को भी मिलना प्रारंभ हो जाएगा। जिंदल के इंजीनियरों के द्वारा कार्य शुरू करने से पहले दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं के द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज कर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया। ताकि इस नासूर को दूर करने के लिए जनता उन्हें शाबाशी देगी।
जबकि सच यह है कि कर्म योगी, विकास पुरुष रायगढ़ कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा के द्वारा अंडर ब्रिज के जीर्णोद्वार के लिए रेलवे प्रशासन से लगातार संपर्क किया जाता रहा एवं रेलवे से स्वीकृति मिलने के बाद उन्होंने जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड को सीएसआर मद से अंडर ब्रिज के कायाकल्प करने के आदेश दिए गए। जिसके बाद जिंदल उद्योग के द्वारा कार्य प्रारंभ करवा दिया गया। इसलिए इस कार्य का पूरा श्रेय कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा को दिया जाना चाहिए।
यहां खुल जाती है दोनों दलों के श्रेय लेने की पोल.. जिस तरह से नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया के सामने बतलाया की उनके द्वारा सन 2004 से अब तक पैठू डबरी को बरसात के दिनों में जलमग्न होने से बचाने के लिए प्रयास किया जाता रहा है और अब जाकर उनकी सुनवाई हुई है. यहां यह प्रश्न उठता है कि 2004 से लेकर 2018 तक प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब उक्त कार्य की स्वीकृति क्यों ना मिल पाई थी ? तब तक निगम में भी भाजपा की शहर सरकार काबिज थी। महेंद्र चौथाह भाजपा के महापौर के रूप में 5 वर्षों तक बने रहे सब उक्त कार्य क्यों नहीं करवाया गया जबकि महापौर का निवास भी उसी क्षेत्र में आता है। जिस क्षेत्र में अंडर ब्रिज है। वार्ड क्रमांक 18 के पार्षद ने बताया कि वे लगातार चौथी बार पार्षद चुनी गई है तो क्या एक कार्य को स्वीकृत करवाने के लिए 20 वर्ष लग जाया करते हैं ? वर्तमान महापौर जानकीबाई काटजू ने बयान दिया कि उनके द्वारा उक्त कार्य के लिए जिंदल से पत्राचार किया जाता रहा है। जबकि बगैर रेलवे प्रशासन की स्वीकृति के बगैर उक्त स्थान पर एक छोटा सा गड्ढा भी नहीं खोदा जा सकता है। कांग्रेस सरकार के 5 वर्ष पूर्ण होने के 2 माह पहले ही उक्त कार्य को स्वीकृति मिलना हास्यापद बयान है। कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा की सक्रियता के कारण रेलवे प्रशासन ने चक्रपथ की ऊंचाई बढ़ाने एवं रेलवे अंडर ब्रिज को पूरा खुदवाकर अंडर ग्राउंड पानी निकासी की समस्या का समाधान करने की स्वीकृति प्रदान करने के पश्चात कार्य शुरू हो चुका है।
वार्ड क्रमांक अट्ठारह के पार्षद यदि श्रेय ही लेना चाहते हैं तो वे वार्ड क्रमांक अट्ठारह में स्थित देसी शराब भट्टी हटवाकर ले सकते हैं। यहां यह बतलाना जरूरी है कि उक्त शराब भट्टी के लिए बड़पारा क्षेत्र सुरक्षित है। इस शराब भट्टी को बड़पारा शराब भट्टी के नाम से जाना जाता है और ठेका दिया जाता है। मगर दुकान वार्ड क्रमांक 18 में संचालित होती है। इसी तरह सब्जी मंडी संजय कंपलेक्स को इतवारी बाजार में शिफ्टिंग करवा कर श्रेय लूटा जा सकता है। जिसके लिए 14 करोड रुपए की राशि भी आवंटित की जा चुकी है।







