🎤 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़.. अक्सर यह देखा जाता है कि जब कभी भी प्राकृतिक आपदा या उपकरणों की खराबी के कारण विद्युत प्रवाह बाधित हो जाती है तो मुफ्त बिजली पाने वाले बिजली बिल न पटाने वाले ज्यादा हलकान हो जाते हैं और जान हथेली पर रखकर बिजली का कार्य करने वालों को दोषी मानते कर सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप,उल जलूल बयान बाजी करने लग जाते हैं। बिजली विभाग के कर्मचारी भरी गर्मी में तपते लोहे के खंभों पर चढ़कर तपते तारों को ठीक-ठाक करते हैं एवं भरी बरसात में करंट प्रवाहित हाई वोल्टेज तारों को बदलते हैं जोड़ते हैं काटते हैं। भारी भरकम ट्रांसफार्मरों को बदलते हैं एवं ठीक करते हैं। डि ओ गिर जाने पर बांस की मदद से डी ओ को उठाते हैं। चाहे कितनी भी बारिश क्यों ना होती हो उनके द्वारा आम जनता का पूरा ख्याल रखा जाता है। यांत्रिकी खराबी हो जाने पर अंधेरे में टॉर्च के सहारे खराबी को ढूंढ कर ठीक किया जाता है। बिजली विभाग के कर्मचारियों को 24 घंटे वाहन पर सीढ़ियां लादे शहर में घूमते एवं उपभोक्ताओं की समस्या को खत्म करने की खातिर देखे जा सकते हैं।
जहां हर इंसान बिजली के एक स्विच को भी छूने से डरता है वही बिजली विभाग के कर्मचारी लोहे के खंभों पर बैठकर विद्युत प्रवाहित करने का जोखिम उठाते हैं। जो लोग बिजली बिल का भुगतान नहीं करते, मुफ्त की 400 यूनिट बिजली का उपयोग करते हैं, सिंगल फेस लेकर 3_4 एसी, कूलर टीवी, फ्रिज, मिक्सर ग्राइंडर,आयरन, पंखे, ट्यूबलाइट,गीजर आदि ज्यादा चलाते हैं, जलाते हैं, दिन भर हीटर का प्रयोग कर भोजन नाश्ता आदि बनाते हैं। ऐसे ही लोग लाइन लॉस करते हैं एवम वही ज्यादा चिल्ल पो मचाते है। विपरीत मौसम के बावजूद अपनी जान की परवाह किए बगैर उपभोक्ताओं की सुविधाओं को देखने वाले विद्युत कर्मियों को मानवता के अनुसार कोई भी एक गिलास पानी पीने के लिए भी नहीं पूछता है और ना ही उनका हौसला अफजाई करता है। अवैध तरीके से विद्युत लाइन खींचकर अपना घरौंदा गुलजार करने वाले विद्युत गुल हो जाने पर सबसे ज्यादा हो हल्ला मचाते हैं
यदि बिजली विभाग के कर्मचारी प्रत्येक घरों में जाकर प्वाइंट टू पॉइंट विद्युत खपत की गणना के अनुसार विद्युत बिल भेजने लग जाए तो शायद पूरे शहर में हाहाकार मच जाएगा। इसलिए आग, बिजली, पानी से ज्यादा पंगा लेना महंगा पड़ सकता है।








