🎤टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़… मीना बाजार में भीड़ के समय 4 _5 हाईटेक रिमोट से संचालित ड्रोन उड़ाएं जाने की चर्चा गर्म है। बताया जा रहा है कि मीना बाजार का संचालन 10 अगस्त से शुरू हो चुका है एवं बाद में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा यथा स्थिति बनाए रखने का नोटिस जारी कर दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ लोगों के द्वारा मीना बाजार संचालक से 5 लाख रुपए दादागिरी टैक्स के रूप में मांगे गए थे जिस पर मीना बाजार संचालक ने अपनी असमर्थता जताई गई। जिससे क्षुब्ध होकर वार्ड पार्षद के द्वारा मीना बाजार लगाने पर होने वाली समस्याओं को बिंदु बनाकर माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर किया था। यहां यह बताना लाजिमी है कि पार्षद के द्वारा जिन बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज की थी. वे बिंदु एक दशक से समस्या बने हुऐ है। वार्ड पार्षद के द्वारा पिछले 9 वर्षों में क्षेत्र वासियों के हित के लिए किसी भी तरह की कोई मांग, आंदोलन, धरना, प्रदर्शन नहीं किया गया है। वार्ड पार्षद के क्षेत्र में पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्या जस की तस बनी हुई है. वार्ड पार्षद की वजह से क्षेत्र दो हिस्सों में बट गया है। एक घड़ा विरोध कर रहा है तो दूसरा घड़ा समर्थन कर रहा है.

साइकिल स्टैंड को लेकर मची हुई है आपाधापी.. विशेष सूत्र यह बतलाते हैं कि लगने वाले मीना बाजार में सबसे ज्यादा आपाधापी साइकिल स्टैंड को लेकर मची हुई है। साइकिल स्टैंड के द्वारा एक माह में ही लाखों रुपए की कमाई हो जाया करती है जिस वजह से क्षेत्र के कुछ तथाकथित बाहुबली किस्म के लोगों के बीच साइकिल स्टैंड लेने को लेकर शीत युद्ध जारी है.
बगैर अनुमति के ड्रोन उड़ाना अपराधिक कृत्य है.. मीना बाजार के आसमान पर जिस तरह से बगैर अनुमति लिए चार पांच ड्रोन उड़ाकर फोटो खींची गई एवं वीडियो बनाए गए यह एक गंभीर अपराध का मामला हो सकता है. पुलिस के द्वारा ड्रोन ऑपरेटर की तलाश की जा रही है एवं उनसे जवाब तलब किया जाएगा की किसके आदेश के उपरांत ड्रोन से फोटो खींचे गए और वीडियो बनाए गए ? क्या ड्रोन के द्वारा मीना बाजार पर हमले की साजिश रची गई थी ? ड्रोन ऑपरेटर से पूछताछ के बाद पूरा मामला सामने आ सकेगा। बगैर अनुमति के ड्रोन उड़ाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है.
आगामी जन्माष्टमी मेले पर लग गया है ग्रहण.. आगामी वर्षों में जन्माष्टमी मेले की रौनक फीकी पड़ने के असर उत्पन्न हो गए हैं. जिसका कारण कंट्रोवर्सी है. इस बार जो कंट्रोवर्सी क्रिएट की गई है उसका परिणाम आगामी वर्षों में भी देखने को मिलेगा. लड़ाई के जो बीज आज बोए गए हैं वह आने वाले समय में वृक्ष का रूप धारण कर सकते हैं . शहरवासियों का स्वस्थ मनोरंजन करने के लिए पटना से आकर अतिथि, मीना बाजार संचालक के ऊपर शहर की कोई अच्छी छाप नहीं छुटी है. इसलिए भविष्य में उनके द्वारा रायगढ़ में पुनः मीना बाजार लगाया जाएगा यह सोचना भी व्यर्थ साबित होगा. पूरे देश के अनेक प्रदेशों में मीना बाजार प्रदर्शनी लगाने वाले चुनचुन सिन्हा को सबसे खराब अनुभव रायगढ़ में मिला है. यदि आगामी वर्षों में अन्य मीना बाजार संचालकों कमाल खान, तमन्ना खान या अन्य के मीना बाजारो का विरोध इससे कहीं ज्यादा व्यापक रूप में होगा.
विरोध केवल हिंदू के द्वारा लगाये जा रहे मीना बाजार का है.. पूरे मीना बाजार एपिसोड में यह बात सामने आई की इस बार मीना बाजार का परमिशन किसी हिंदू को दिया गया है। जिसको लेकर ओछी राजनीति के द्वारा रायता फैला दिया गया. पिछले 9 साल से लगने वाले मीना बाजार को पार्षद एवं भूखे नंगो की टोली के द्वारा सावित्री नगर में बैठकर अपनी आंखों के सामने मीना बाजार लगवाया जाता था और बदले में धन , फ्री पास लेकर पास को अपने वार्ड के मतदाताओं को बांट दिया जाता था. मगर इस बार ऐसा न होने पर वे बैक फुट पर आ गए और खुद का नाम बनाए रखने की खातिर चुनचुन सिन्हा के मीना बाजार का विरोध शुरू कर दिया गया. यदि मीना बाजार का संचालक कमाल खान या तमन्ना खान होता तो विरोध के स्वर उत्पन्न ही ना हो पाते. तब यातायात जाम टूटी फूटी, सड़कें,रैक पॉइंट, बोगदा पुल, अंडर ब्रिज, रेलवे ट्रैक पार करके मीना बाजार आने जाने की कोई समस्या नहीं रहती.सिन्हा के मीना बाजार के कारण उक्त सारी समस्याएं रातों-रात उत्पन्न हो गई.