🔥टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🌕 लोकसभा, विधानसभा, नगरीय, जिला पंचायत, ग्राम पंचायत, आदि जितने भी चुनाव होते हैं. उन्हें संपन्न कराने में निर्वाचन आयोग को सब कुछ झोंक देना पड़ता है. लाखों, करोड़ों, अरबों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं. अनेको माध्यम से शत प्रतिशत मतदान करने के लिए तरह-तरह के उपाय करने के बावजूद मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी नहीं होते दिखाइए पड़ती है. प्रिंट, मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रैली, नुक्कड़ नाटक,सेल्फी जोन आदि सभी मतदाताओ को आकर्षित करने में और असफल साबित हो रहे है.
ये हो सकते हैं प्रभावशाली… निर्वाचन आयोग को यदि मतदान का प्रतिशत बढ़ाना हो तो मतदान स्थल पर मतदाताओं के लिए नाश्ता, चाय,पानी, भोजन दाल चावल सब्जी की व्यवस्था करवा देनी चाहिए. मुर्गा भात,बकरा भात कप्लो प्रलोभन भी देना चाहिए. दावा करता हूं कि इन सब की व्यवस्था हो जाने से मतदाता सारा काम छोड़कर मतदान करने अवश्य आएंगे. प्रत्याशियों के द्वारा दिए जाने वाले प्रलोभनों को भी मतदाता स्वीकार नहीं करेंगे. स्याही लगी उंगली, अपना मतदाता कार्ड दिखाओ और भोजन नाश्ता कर जाओ, भोजन, नाश्ता तभी दिया जाएगा जब मतदाता मत डाल चुका होगा.
यदि कोई मतदान नहीं करता है तो उसको दी जाने वाली सारी सरकारी योजनाओं से वंचित कर देना चाहिए और उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड आदि रद्द कर देना चाहिए. ऐसा देखा गया है कि वोटर लिस्ट में शहर छोड़ चुके, वार्ड बदल चुके, स्वर्ग सिधार चुके लोगों के नाम होते हैं जिनका फायदा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी उठते हैं और फर्जी मतदान करवा देते हैं. ऐसे में निर्वाचन आयोग को चाहिए कि प्रत्येक चुनाव से पहले प्रत्येक वार्ड की मतदाता सूची का नवीनीकरण शासकीय कर्मचारियों के माध्यम से करवाना चाहिए.