
🥁🥁टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज़ रायगढ़ छत्तीसगढ़ .. त्रिस्तरीय चुनाव में रसातल में जा चुकी कांग्रेस के द्वारा अपना वजूद दिखाने के लिए अनुशासनहीनता की करवाई करनी शुरू कर दी है. डरी हारी कांग्रेस सीधे निष्कासन की कार्रवाई न करते हुए कारण बताओं नोटिस जारी कर रही है ताकि बगावती कांग्रेसियों को आगे भी बगावत करने का अवसर मिल सके. प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सामने अनर्गल बयान बाजी करना प्रदेश के सभी कांग्रेस अध्यक्षों, पदाधिकारी कार्यकारिणी सदस्यों कार्यकर्ताओं की आदत बन चुकी है. भितरीघात करना, पलटी मार देना, धन बल के आगे नतमस्तक हो जाना कांग्रेसियों की पहचान बन चुकी है. हाल में ही संपन्न हुए चुनावो में ऐसा कोई कांग्रेसी नहीं बचा होगा जिसने पार्टी से गद्दारी नहीं की होगी. जिसका उदाहरण रायगढ़ नगर पालिका निगम में संपन्न हुए चुनाव में देखा गया है. महापौर को प्रत्यक्ष रूप से जनता के द्वारा चुना जाना था. जिसके लिए सभी कांग्रेसी पार्षद प्रत्याशियों को अपने साथ महापौर प्रत्याशी का भी प्रचार प्रसार करना था. प्रचार प्रसार करना तो दूर की बात है पार्षदों ने अपने होर्डिंग फ्लेक्स बैनर में महापौर प्रत्याशी की फोटो तक लगाना उचित नहीं समझा था. परिणाम सामने आने पर यह बात सामने आ गई कि 48 वार्डों की रायगढ़ नगर निगम में महापौर प्रत्याशी को केवल दो वार्डो से मामूली बढ़त मिली थी. शेष 46 वार्डों में कांग्रेस इस बुरी कदर पिछड़ गई कि उसकी जमानत बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ गया. 48 में से भाजपा को 33 कांग्रेस को मात्र 12 वार्डों में जीत का स्वाद चखने को मिल सका. तीन वार्डों में अन्य प्रत्याशी विजय रहे. जहां भाजपा के प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय , वित्त मंत्री ओपी चौधरी, गृह मंत्री विजय शर्मा, सांसद राधेश्याम राठिया,राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह,आदि ने रायगढ़ पहुंचकर रोड शो के जरिए पूरे 48 वार्डों को भाजपामय बना दिया था. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रत्याशी झंडा बैनर पोस्टर तक के लिए तरस गए. रायगढ़ में कांग्रेस के नाम से करोड़ों रुपए कमाने वालो ने भी किसी भी वार्ड प्रत्याशी की कोई मदद नहीं की कांग्रेसी केवल लुकते छिपते प्रचार करते नजर आए. जिसका कारण रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी है क्योंकि सभी कांग्रेस नेताओं की कोयला,जमीन,कबाड़,शराब, गांजा, अनेक अवैध कारोबार में संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता.
कांग्रेस को अपना अस्तित्व बचाना है तो पूरे देश में दिल्ली से लेकर छोटे से छोटे गांव तक के पुराने प्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओ को हटाकर युवा, उत्साहित,ऊर्जावान,दबंग,निडर, बेखौफ लोगो स्थान देना होगा. कांग्रेस से परिवार वाद की राजनीति जब तक खत्म नहीं हो जाती तब तक कांग्रेस सत्ता में वापस नहीं आ पाएगी. कांग्रेस नेताओं को लंबी लंबी छोड़ने,झूठे आश्वासन,झूठी घोषणाओं का सहारा लेना होगा ताकि 18 वर्ष से लेकर 35 वर्ष तक के युवाओं में कांग्रेस के प्रति आकर्षण उत्पन्न हो सके.