🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹… स्वयं को प्रेस क्लब रायगढ़ के सदस्य,APN News,IND 24 news, Anadi TV news के अतिरिक्त कई पुराने पुराने माइक आईडी लेकर घूमने वाले और घूम घूम कर ठगी करने वाली जुगल जोड़ी के द्वारा ब्यूरो चीफ बताकर, विज्ञापन खबर के नाम पर धमकी,चमकी देकर उगाही और वसूली की जाती रही. पता नहीं इनके कि गुरु ने इनको NGO चलाने के नाम पर ठगी करने का गुरु मंत्र दिया गया था. गुरु से प्रभावित होकर चेलों के द्वारा “असीम छाया” के नाम से रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया. आश्चर्य की बात यह है कि जिस असीम के नाम से एनजीओ की शुरुआत की गई. वह असीम और कोई नहीं अपितु सुदीप मंडल है. जिसका घरेलू नाम असीम है. रंजीत और सुदीप के द्वारा इतने बड़े पैमाने पर ठगी की गई कि कभी फुटपाथ पर बैठकर बैग बेचने वाले और चक्रधर नगर क्षेत्र में मछली काटने वाले सुदीप ने लाखों रुपए देकर अपने घर के बगल की जमीन खरीद कर बोर करवा लिया और बाउंड्री वॉल करवा दिया गया. पल्सर मोटरसाइकिल ले ली गई. बच्चों का एडमिशन बड़ी स्कूलों में करवा दिया गया. काफी महंगे ब्रीड का कुत्ता पाला गया. इसी तरह रंजीत ने अपने नाम से लग्जरी और महंगी कार KIA SONET खरीद ली गई. आदिवासियों को डरा धमकाकर सड़क किनारे की लगभग डेढ़ एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली गई. महंगे मोबाइल फोन पर हैंडीकैम खरीदे गए.यह सब गरीब,ग्रामीण, कमजोर,लाचार,बेबस लोगों को ठग कर हासिल किया गया है. रंजीत के द्वारा ग्राम बरलिया डूमरपाली की तरफ और भी जमीन खरीदने के समाचार प्राप्त हुए हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रंजीत और सुदीप अक्सर बोईरदादर रोड स्थित किसी कंप्यूटर सेंटर में बैठे रहा करते थे और वहीं से ही सारे फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए जाते रहे. पुलिस चाहे तो कंप्यूटर सेंटर की तलाशी,पूछताछ भी कर सकती है.रंजीत के द्वारा सुदीप को जिन उच्चारणों से संबोधित किया जाता है उसे सुनकर हर किसी का शक दूसरी तरफ मुड़ जाता है. मंडल जी,बाबू, जैसे प्यार भरे शब्द से सुदीप को कहा जाता है. आज तक शायद ही किसी ने रंजीत के मुंह से सुदीप शब्द का नाम सुना होगा. रंजीत की फेसबुक आईडी देखने पर सुदीप के साथ में ऐसी ऐसी फोटो देखने को मिलेगी जिसे किसी भी दोस्त यार के द्वारा नहीं खींची जाती है. फेसबुक में रंजीत के द्वारा स्वयं को काफी पढ़ा लिखा बताया गया है और अनेक रसूखदार लोगों के साथ फोटो डाली गई है. जिसे देखकर कोई भी प्रभावित हो सकता है और उसकी चिकनी चुपड़ी बातों में फंस सकता है.
सुदीप मंडल के ऊपर भी पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए… गेहूं के साथ घुन भी पीसा जाता है यह वाक्य सब प्रतिशत सही है. असीम छाया के नाम से सैकड़ो बोगस फर्जी चेक लोगों को दिए गए थे. जो लगातार बाउंस होते गए. फर्जी चेको में असीम छाया एनजीओ के दोनों मालिक रंजीत और सुदीप का हस्ताक्षर है. इस हिसाब से सुदीप मंडल पर भी 420, सरकारी दस्तावेजों से खिलवाड़ करने की धाराएं लगाकर मामला दर्ज करना चाहिए.
पुलिस प्रशासन प्रश्नों के कटघरे में. रणजीत चौहान के ऊपर लगातार दो मामले दर्ज होने एवं दर्जनों लोगों के द्वारा दिए गए शिकायत पत्र पर सुनवाई नहीं कार्रवाई नहीं करने की वजह से आम व्यक्ति पुलिस की तरफ सशंकित निगाहों से देख रहा है. लगातार मीडिया में समाचार चलने के बाद भी रंजीत चौहान को पुलिस गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है. यह सवाल हर कोई कर रहा है. लोग कहते हैं कि रायगढ़ पुलिस जब कंबोडिया, जामताड़ा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि प्रांतों से साइबर क्राइम और ठगी करने वालों को पकड़ कर ले आती है तो स्थानीय ठग रंजीत और सुदीप पर पुलिस क्यों मेहरबान है ? कई थानों में इनके खिलाफ लगे आवेदनो पर पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की ? क्या इनके ऊपर किसी का वरदहस्त है ? क्या पुलिस का खुफिया तंत्र नकारा हो चुका है ? गृह मंत्री, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, के आदेश के बावजूद रंजीत पर पुलिस कार्रवाई करने से क्यों हिचक रही है ? या फिर पुलिस अपना गिरेबान बचाने में लगी हुई है ? इन सब सवालों का जवाब रंजीत की गिरफ्तारी के बाद ही मिल सकेगा. पर हाल जब तक रंजीत और सुदीप को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता पुलिस रिमांड पर नहीं ले लिया जाता तब तक हमारी जंग जारी रहेगी. चाहे इसके लिए रायपुर एवं बिलासपुर जाकर धरना प्रदर्शन क्यों ना किया जाए. क्रमशः लगातार जारी रहेगा समाचार