
🔱टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. 20 मार्च के फरार चल रहे रंजीत चौहान से खिलाफ धोखा घड़ी का एक और मामला सीटी कोतवाली में दर्ज किया गया. पिछले आठ माह से चक्रधर नगर थाने का चक्कर काट काट कर प्रतिष्ठित व्यवसाई,समाजसेवी, अधिमान्य पत्रकार, गर्ग हार्डवेयर के संचालक अनिल गर्ग रंजीत चौहान,सुदीप मंडल के द्वारा असीम कृपा फाऊंडेशन एनजीओ में मशीनों की सप्लाई करने के नाम पर लाखों रुपए प्रतिभूति राशि के रूप में लिए गए और बदले में 95 लाख रुपए का रंजीत और सुदीप मंडल के संयुक्त हस्ताक्षर वाला बोगस चैक दे दिया गया था. अपने व्यवसाय में बढ़ोतरी होने की वजह से अनिल उनके मकसद को नहीं ताड़ पाए. जब कुछ महीने तक मशीन सप्लाई का आर्डर नहीं मिला तो अनिल ने उनके द्वारा दिया गया चैक क्लीयरिंग करने के लिए जमा किया तो चैक बाउंस हो गया. जिसमें बैंक के द्वारा खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने का उल्लेख किया गया. जिस वजह से अनिल के पैरों के नीचे से जमीन सरक गई. जब उसने सुदीप और रंजीत से फोन के माध्यम से संपर्क करना चाहा तो उनका मोबाइल फोन नो रिप्लाई आने लगा. अपने साथ हुई ठगी की रिपोर्ट लिखवाने अनिल जब चक्रधर नगर थाने में उसकी रिपोर्ट न लिखकर आवेदन लिखकर देने को कहा और उससे यह नहीं बताया गया कि उसका मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र में आता है. अनिल के द्वारा चक्रधर नगर थाना के चक्कर काटने पर उसे 8 माह तक मुगालते में रखा गया. आखिर में थाने के सक्षम अधिकारी ने रिपोर्ट लिखने से साफ इंकार कर दिया. जब हताश अनिल ने हमें पूरी बात बताइए तो हमने अनिल को नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला के पास जाने की सलाह दी. तेज तर्रार सीएसपी ने अनिल से सारे कागजात मंगवा कर अध्ययन किया. तब उन्होंने पाया कि अनिल की रिपोर्ट सिटी कोतवाली में दर्ज करवाने का मामला बनता है.

सिटी कोतवाली से फोन आया.. आकाश शुक्ला ने सिटी कोतवाली थाना प्रभारी को अनिल की रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए. तब अनिल के पास सिटी कोतवाली से रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए बुलावा आता है. अनिल ने सिटी कोतवाली में अपने साथ हुई धोखा घड़ी की रिपोर्ट लिखवा दी. अनिल के कथन पर सिटी कोतवाली में रंजीत चौहान,एक अन्य पर 420 (34) की गैर जमानती धाराएं लगाकर मामला दर्ज कर लिया गया.

रंजीत चौहान की बढ़ गई मुश्किलें.. ज्ञात रहे कि 15 दिन के भीतर ही चौहान पर यह तीसरा मामला दर्ज हुआ है चक्रधर नगर थाना में दर्ज दोनों मामले में रंजीत की अग्रिम जमानत याचिका माननीय न्यायालय के द्वारा खारिज कर दी गई है. अब यह तीसरा मामला है. इसलिए बहुत जल्द ही रंजीत जेल की सलाखों के पीछे होगा. यदि इस मामले में भी अग्रिम जमानत अर्जी लगाई जाएगी तो वह भी खारिज हो जाएगी.

पुलिस ले सकती है रिमांड पर.. रंजीत चौहान के ठगी करने की सूची बहुत बड़ी है और अभी दर्जनों लोगों की रिपोर्ट और लिखी जानी बाकी है. यहां तक की मालखरौदा (जिला सक्ती) राजधानी रायपुर में भी ठगी करने के मामले सामने आए हैं. इसलिए रंजीत से कड़ाई से लंबी पूछताछ करने के लिए पुलिस उसे रिमांड पर ले सकती है. पुलिस को यह जानना जरूरी है कि उसके नेटवर्क में कितने लोग काम करते हैं ? वह किसकी छत्रछाया में इतनी बड़ी श्रृंखलाबद्ध ठगी को अंजाम दे रहा था ? ठगी का मास्टरमाइंड कौन है ? ठगी से प्राप्त रकम में कितने लोगों की भागीदारी है ? वे लोग कब से इस तरह की ठगी करना शुरू किए थे ? उनको एनजीओ खोलने की सलाह और मदद किन लोगों ने दी थी ? इन सब प्रश्नों के उत्तर मिल जाने से हड़कंप मच सकता है.

धन्यवाद आकाश शुक्ला सीएसपी रायगढ़…. जहां चक्रधर नगर थाना के द्वारा पीड़ितों को दूसरे दो वर्षों से घुमाया जा रहा था.उक्त मामले की जानकारी रायगढ़ नगर पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आने पर उन्होंने पीड़ितों को आवेदन देने को कहा, आवेदनों का अध्ययन करने के बाद आकाश शुक्ला ने चक्रधर नगर और सिटी कोतवाली थाना प्रभारीयो को पीड़ितों की रिपोर्ट दर्ज करने के सख्त आदेश दिए इसके बाद पीड़ितों की रिपोर्ट कई वर्षों के बाद दर्ज हो पाई. पीड़ितों ने आकाश शुक्ला का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए उन्हें साधुवाद दिया. पीड़ितों ने कहा कि पुलिस अधिकारी हो तो आकाश शुक्ला जैसा हो. वे निरंतर उन्नति के पद पर अग्रसर रहे.









