
🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. दैनिक समाचार पत्रों में रायगढ़ के तथाकथित पत्रकार रूपी ठग रंजीत चौहान के कारनामों की खबर एवं पुलिस में दर्ज हो रही खबरों को पढ़कर रायगढ़ जिले के आसपास जिलों से भी रंजीत चौहान के ठगी के मामले सामने आने लगे. रंजीत ने पीड़ितों की मानसिकता पर खुद को बहुत बड़ा रसूखदार बताते हुए बड़े-बड़े अधिकारियों एवं भाजपा नेताओं से मधुर संबंध बताया जा रहा था. रंजीत के हाव-भाव बोलचाल की वजह से लोग उसकी चिकनी चुपड़ी बातों में फंस जाया करते थे और सम्मोहित होकर उसके कहे अनुसार रुपए दे दिया करते थे. मगर वापस मांगने का साहस नहीं जुटा पाते थे. रायगढ़ पुलिस भी उस पर मामला दर्ज करने में पीछे हट जाया करती थी. मगर साहसी ग्रामीण युवक उत्तम प्रधान की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद धीरे-धीरे लोगों के मन से रंजीत का खौफ खत्म होने लगा और अब एक के बाद एक रंजीत की ठगी का शिकार बन चुके लोग सामने आने लगे है. रंजीत पर तीन मामले दर्ज किया जा चुके हैं जिनमें से दो मामलों में लगाई गई अग्रिम जमानत की अर्जी को माननीय न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है. तीसरे मामले की जमानत अर्जित भी खारिज हो जाएगी.
मालखरौदा जिला सक्ती निवासी गजेंद्र जायसवाल नमक व्यवसाई उनके चंगुल में फंसकर लाखों रुपए गवां चुका है. गजेंद्र ने बतलाया कि व्यावसायिक कारणों से उसका रायगढ़ आना जाना लगा रहता है. रायगढ़ में उनका भाई गोपाल जायसवाल अधिवक्ता है. एक बार जब वहां रायगढ़ आया था तो रंजीत का कोई व्यक्ति उसे असीम छाया फाउंडेशन ले गया. जहां शूटेड बूटेड रूप में दो लोग रिवॉल्विंग चेयर पर ऑफिस टेबल के पीछे बैठे मिले. एक युवक रंजीत चौहान ने गजेंद्र की आवो भगत करते हुए बैठाकर अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में फांसते हुए असीम छाया फाउंडेशन के बैंक खाते में 10 करोड रुपए की जमा राशि दिखलाइए और बताया कि उसे यह राशि मशीन आदि खरीदने के लिए सरकार द्वारा दी गई है. यदि वह मशीन आदि सप्लाई करेगा तो उसे अच्छा मुनाफा प्राप्त हो जाएगा. रंजीत ने अपने और सुदीप मंडल के संयुक्त हस्ताक्षर वाला एक करोड रुपए का चैक देते हुए. अपने खाते में तीन लाख रुपए प्रतिभूति राशि देने को कहा. एक करोड रुपए का चैक हाथ में आने से गजेंद्र की मति मारी गई और उसने घर जाकर रंजीत चौहान के मोबाइल नंबर *******338 पर अलग-अलग समय पर ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कर दिए.. जब कुछ महीनो तक गजेंद्र की फर्म को किसी भी तरह का सप्लाई करने का ऑर्डर नहीं मिला तो उसने फोन से संपर्क किया. रंजीत ने बहानेबाजी करते हुए बाद में ऑर्डर देने के लिए कहा जाने लगा. गजेंद्र को शक होने पर. जब उसने एक करोड रुपए का चेक ट्रांजैक्शन के लिए लगाया तो चेक बाउंस हो गया। बैंक के द्वारा असीम छाया के खाते में पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं होना बताया गया. गजेंद्र ने अपने साथ हुई धोखाघड़ी की ऑनलाइन शिकायत साइबर सेल मालखरौदा में दर्ज करवा दी. इसके बाद मालखरौदा साइबर सेल और सक्ती थाना प्रभारीयो ने गजेंद्र को थाना बुलवाकर विस्तृत जानकारी ली गई है. देर सबेर सक्ती थाने में गजेंद्र की एफ आई आर लिखी जायेगी. इस तरह से रंजीत के ऊपर एक अन्य जिले में भी आपराधिक मामला दर्ज होने वाला है.